Sarso Teji Mandi Report 24 March 2025: नमस्ते दोस्तों! आपका स्वागत है हमारी ताजा सरसों बाजार साप्ताहिक रिपोर्ट में। यदि आप एक किसान या व्यापारी है तो, यह लेख आपके लिए खास है। पिछले हफ्ते सरसों के भाव (Mustard Price) में क्या बदलाव आया, खल और तेल का बाजार कैसा रहा, और आने वाले दिनों में क्या उम्मीद की जा सकती है – सब कुछ हम आपके साथ साझा करेंगे। तो चलिए, डालते है एक नजर सरसों की साप्ताहिक तेजी मंदी के विश्लेषण और भविष्य की संभावनाओं पर…
बाजार का हाल: सरसों के दामों में हल्की तेजी
पिछले हफ्ते जयपुर में सरसों का भाव सोमवार को 6025 रुपये प्रति क्विंटल पर खुला। जो की शनिवार को 6050 रुपये पर पहुंच गया। यानी पूरे हफ्ते की उठापटक के बाद 25 रुपये की बढ़त देखने को मिली। जानकारों का कहना है कि मांग में मजबूती के चलते यह उछाल आया। पुराने स्टॉक की कमी और नई फसल की आवक बढ़ने के बावजूद दाम स्थिर रहे। कृषि बाजार विशेषज्ञों के मुताबिक, 6025 रुपये का सपोर्ट लेवल मजबूत रहा, और वहां से बाजार ने रिकवरी दिखाई।
सरसों खल का बाजार: निर्यात में उम्मीद की किरण
इस हफ्ते खल के बाजार में भी अच्छे संकेत मिले। एक बड़ी खबर यह है कि चीन ने कनाडा से केनोला आयात पर ड्यूटी बढ़ा दी है। इससे मांग अब भारत की ओर शिफ्ट हो रही है। भारतीय खल के लिए यह सुनहरा मौका हो सकता है। कृषि बाजार भाव की रिपोर्ट के अनुसार, खल की निर्यात मांग में इजाफा हुआ है। बाजार में 2000 रुपये के आसपास खल का मजबूत सपोर्ट है। विशेषज्ञों की सलाह है कि इस स्तर पर खरीदारी शुरू की जा सकती है।
सरसों का तेल: मांग में स्थिरता
सरसों के तेल की बात करें तो इसका प्रदर्शन भी ठीक-ठाक ही रहा। सोया और पाम तेल की तुलना में इसका अंतर कम है, जिससे मांग मजबूत बनी हुई है। इन तेलों की सप्लाई में कमी के चलते सरसों का तेल चमक रहा है। लंबे समय में तेल के दामों में 10-15 रुपये प्रति किलो की तेजी की संभावना जताई जा रही है। जयपुर में कच्ची घानी का सपोर्ट 1250 रुपये पर मजबूत है। बाजार के जानकार इस स्तर से लंबी अवधि के लिए खरीदारी की सलाह दे रहे हैं।
सरसों भविष्य की उम्मीदें: क्या कहते हैं बाजार के संकेत?
आने वाले दिनों में सरसों का बाजार कैसा रहेगा? इस साल सरसों का उत्पादन कम रहने का अनुमान है। साथ ही, दाम MSP से नीचे होने के कारण सरकारी खरीदारी जोरों पर रहेगी। 10 अप्रैल से राजस्थान में MSP पर खरीद शुरू होगी, जिससे दामों में गिरावट पर ब्रेक लगेगा। पुराना स्टॉक ज्यादातर सरकार के पास है, इसलिए बाजार नई फसल पर निर्भर रहेगा। इन सबको देखते हुए, विशेषज्ञों की राय है कि अप्रैल के पहले हफ्ते तक स्टॉक बनाने का सही समय है। जयपुर का सपोर्ट लेवल 6025 रुपये पर है, और बॉटम रेंज 5850-6000 रुपये के बीच रह सकती है। अगर दाम 6000 के करीब आते हैं, तो खरीदारी शुरू करना समझदारी होगी, क्योंकि वहां रिस्क सिर्फ 150 रुपये का रह जाएगा।