तेल मिलों की मांग कमजोर बनी रहने के कारण घरेलू बाजार में मंगलवार को लगातार दूसरे दिन सरसों की कीमतें मंदी हो गई गई। जयपुर में कंडीशन की सरसों के भाव 50 रुपये घटकर दाम 5,400 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। इस दौरान सरसों की दैनिक आवक 8.50 लाख बोरियों पर स्थिर बनी रही।
आयातित खाद्य तेल की कीमतों में गिरावट
व्यापारियों के अनुसार आयातित खाद्वय तेल की कीमतों में चल रही गिरावट के कारण सरसों तेल की कीमतों पर दबाव बना हुआ है, जिस कारण तेल मिलें सरसों की खरीद केवल जरुरत के हिसाब से ही कर रही हैं। विश्व बाजार में खाद्वय तेलों की कीमतों में अभी बड़ी तेजी के आसार नहीं है, इसलिए घरेलू बाजार में सरसों के दाम रुकने की उम्मीद है। हालांकि उत्पादक मंडियों में अभी सरसों की दैनिक आवक बनी रहेगी।
विदेशी बाजारों की स्थिति
अप्रैल में निर्यात में आई कमी के कारण मलेशियाई कच्चा पाम तेल (सीपीओ) वायदा मंगलवार को दाम घटकर एक सप्ताह से अधिक के निचले स्तर पर आ गए। बर्सा मलेशिया डेरिवेटिव्स एक्सचेंज, बीएमडी पर जुलाई महीने के वायदा अनुबंध में पाम तेल की कीमतें 67 रिगिंट यानी 1.81 फीसदी कमजोर होकर 3,638 रिंगिट प्रति टन रह गई। शुरुआती कारोबार के दौरान यह 3.86 फीसदी तक कमजोर हुई थी।
डालियान का सबसे सक्रिय सोया तेल वायदा अनुबंध 0.13 फीसदी कमजोर हुआ, जबकि इसके पाम तेल वायदा अनुबंध में 0.25 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई। उधर शिकागो बोर्ड ऑफ ट्रेड में सोया तेल की कीमतें 0.08 फीसदी कमजोर हुई।
जयपुर में सरसों तेल कच्ची घानी एवं एक्सपेलर की कीमतें मंगलवार को भी 10-10 रुपये कमजोर होकर भाव क्रमशः 1012 रुपये और 1002 रुपये प्रति 10 किलो रह गई। इस दौरान सरसों खल के दाम 10 रुपये कमजोर होकर दाम 2470 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।
कुल आमदन
देशभर की मंडियों में सरसों की दैनिक आवक मंगलवार को 8.50 लाख बोरियों पर स्थिर बनी रही। मालूम हो कि इसके पिछले कारोबारी दिवस में भी आवक इतनी ही बोरियों की ही हुई थी। कुल आवकों में से प्रमुख उत्पादक राज्य राजस्थान की मंडियों में 4.50 लाख बोरी, मध्य प्रदेश की मंडियों में 95 हजार बोरी, उत्तर प्रदेश की मंडियों में 65 हजार बोरी, पंजाब एवं हरियाणा की मंडियों में 80 हजार बोरी तथा गुजरात में 60 हजार बोरी, तथा अन्य राज्यों की मंडियों में एक लाख बोरियों की आवक हुई।