सरसों साप्ताहिक समीक्षा 04 मार्च: सरसों, तेल व खल बाजार तेजी-मंदी रिपोर्ट

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सरसों साप्ताहिक समीक्षा 04 मार्च 2024: बीते हफ़्ते ख़राब मौसम से राजस्थान हरियाणा समेत अन्य राज्यों में फसलों को भारी नुकसान हुआ है, इस बीच नुकसान की खबरों से सरसो और सरसो तेल की कीमतों में मजबूती आई । सोमवार को जयपुर सरसों भाव 5325/5400 रुपये पर खुला जो की शनिवार शाम 5450 रुपये पर बंद हुआ। इस प्रकार पिछले सप्ताह के दौरान सरसो में मांग बनी रहने से +50 रुपए प्रति क्विंटल की तेजी रही।

एमपी और राजस्थान के कई जिलों में भारी बारिश और ओलावृष्टि हुई बारिश और ओलावृष्टि से कई जिलों में सरसो की फसल को नुकसान हुआ । अनुमान के मुताबिक बारिश और शुरुआती अनुमान ओलावृष्टि से कुल उत्पादन में औसतन 3-5% की गिरावट आ सकती है। इस वर्ष 100 लाख हेक्टेयर से ज्यादा में हुई है सरसो की बुवाई भारत में सरसो की यील्ड का औसत लगभग 1213 किलो/हेक्टेयर निकलता है।

औसतन यील्ड और कुल बुवाई से उत्पादन 121.72 लाख टन के करीब होने का अनुमान है। इसमें मौसम से हुए नुकसान के 3-5% को निकालें तो कुल उत्पादन 115 लाख टन पर सिमट सकता है।

उत्पादन में बढ़ोतरी और 13.5 लाख टन कैरीं फॉरवर्ड स्टॉक को मिलाकर कुल स्टॉक पिछले वर्ष से काफी अधिक रहेगा। फ़िलहाल मंडियों में सरसो के भाव एमएसपी से काफी नीचे चल रहे हैं।

ऐसे में किसान की बिकवाली के प्रति रुझान और सरकार की खरीदारी पर सरसो की तेजी मंदी निर्भर , फिलहाल मौसम खराब होने से आवक अगले 1-2 सप्ताह कमजोर रहेगी।

मौसम खुलने पर सरसो की आवक 13-15 लाख बोरी तक पहुंचने का अनुमान है जिससे सरसो की तेजी टिकाऊँ नजर नहीं आती। बाजार के जानकार सरसो की सप्लाई डिमांड और वैश्विक बाजार में अन्य फसलों के उत्पादन, तेलों की डिमांड को देखते हुए सरसो में अभी भी 300-350 रुपये की गिरावट को जोखिम नजर आ रहा है। सरसो भाव अपने लक्ष्य 5000-5050 (जयपुर) पर अभी भी कायम है, यदि सरकार जल्द खरीदारी नहीं शुरू करती है तो सरसों भाव में और भी गिरावट आ सकती है।

डिस्क्लेमर – व्यापार खुद के विवेक से करें। किसी भी प्रकार के नफे या नुकसान (nafa nuksan) की हमारी कोई जिम्मेदारी नहीं होगी।

नमस्कार दोस्तों, मेरा नाम जगत पाल पिलानिया है ! मैं ई मंडी रेट्स (eMandi Rates) का संस्थापक हूँ । मेरा उद्देश्य किसानों को फसलों के ताजा मंडी भाव, कृषि विभाग द्वारा संचालित योजनाओं के साथ-साथ अन्य महत्वपूर्ण जानकारी पहुंचाना है। ई-मंडी रेट्स (e-Mandi Rates) देश का पहला डिजिटल प्लेटफॉर्म है, जो बीते 5 सालों से निरन्तर किसानों के हितों में कार्य कर रहा है।

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