सरसों साप्ताहिक तेजी मंदी रिपोर्ट 14 से 20 मार्च 2022 : पिछले सप्ताह की शुरुआत में सोमवार 14 मार्च को जयपुर सरसों (Mustard) नयी 7275 रुपये पर खुला था ओर शनिवार शाम 7075/7100 रुपये पर बंद हुआ। बीते सप्ताह के दौरान सरसों में -175 रूपये कुन्टल की गिरावट दर्ज की गई।
विदेशी बाज़ारों की नरमी और मंडियों में आवक बढ़ने से सरसो में कमजोरी आयी, बीते सप्ताह सरसो की आवक 15 लाख बोरी तक पहुंची। फसल की अच्छी कीमत मिलने से किसान की बिकवाली बढ़ी मार्च की शुरुआत से विदेशी बाज़ारों की तेजी और मिलर्स की अच्छी मांग के चलते सरसो में पिछले सप्ताह 200/300 रूपए की तेजी आयी थी। विदेशी तेल में गिरावट और हाजिर में मांग कमजोर पड़ने से सरसो तेल में भी आयी गिरावट कच्ची घानी के हाजिर भाव इस सप्ताह 5 रूपए किलो तक गिरा। इसे भी पढ़े : Aaj Ka Sarso ka bhav: आज का सरसों का भाव ( March 2022)
सरसों का भविष्य 2022
सरसो की आवक अगले सप्ताह बढ़ सकती है जिससे सरसो में कुछ और गिरावट आ सकती है जैसे जैसे गिरावट आएगी किसान की बिकवाली घट सकती है। जिससे गिरावट पर लगाम लगेगी एक अप्रैल के मध्य तक सरसो अपने न्यूनतम स्तर दिखा सकता हैं । जहाँ पर स्टॉक करने की राय सरसो तेल में व्यापारी अभी मांग अनुसार ही खरीदारी करें और इन स्तरों पर स्टॉक न करें। इसे भी पढ़े: सरसों तेल की कीमत धड़ाम, प्रति टिन 100 रुपये तक गिरे रेट, जानिए ताजा भाव
मलेशिया पाम तेल 16% की सप्ताहिक गिरवाट के साथ बंद हुआ बाजार
मलेशिया पाम तेल (Palm oil) 16% की सप्ताहिक गिरवाट के साथ बंद हुआ बाजार ने अब युद्ध की खबर के चलते अधिकतर प्रीमियम को अब हजम कर लिया है। इंडोनेशिया के निर्यात प्रतिबंधों को हटाने से वैश्विक पाम के तेल की आपूर्ति में वृद्धि होगी जिससे अंतरराष्ट्रीय कच्चे पाम तेल की कीमतों पर अंकुश लग सकता है। 01-20 मार्च मलेशिया पाम तेल के एक्सपोर्ट में 8.4% की गिरावट भी केएलसी पर दबाव डालेगा विदेशी बाजारों की कमजोरी और हाजिर में मांग कमजोर होने से पाम तेल में 5-7 रूपए प्रति किलो की गिरावट आयी।
कांडला पोर्ट पर आरबीडी पालमोलीन 11 मार्च को 1580 था, जो की घटकर 1516 रह गया इंडोनेशिया के निर्यात प्रतिबन्ध हटाने से आगे सप्लाई सामान्य होने की उम्मीद लेकिन ऊँचे एक्सपोर्ट टैक्स के कारण अब भी मलेशिया पाम की मांग बेहतर रहेगी।
इंडोनेशिया की लगातार बदलती पालिसी, मलेशिया पाम तेल के एक्सपोर्ट में गिरावट और हाजिर में कमजोर मांग के चलते पाम तेल में दबाव रहेगा। जानकारों की मानें तो युद्ध शुरू होने से पहले जो भाव थे, पाम तेल आगे चलके उन स्तरों को फिर से हासिल कर सकता है। मौजूद भाव उन स्तरों से अब भी 10-14 रूपए। किलो ऊँचे हैं व्यापारी इन स्तरों पर स्टॉक करने से बचें और सिर्फ मांग अनुसार माल लेकर व्यपार करें पुराने स्टॉक पर मुनाफावसूली करें।
नोट : किसी भी प्रकार का व्यापार अपने विवेक से करें ..धन्यवाद