सरसों साप्ताहिक तेजी-मंदी 7 अगस्त: सरसों में आगे कैसी रहेगी चाल, देखें ये रिपोर्ट

WhatsApp Group Join Now
WhatsApp Channel Join Now

Mustard Weekly Report 7 August: बीते सप्ताह यानी सोमवार को जयपुर सरसों का भाव 5900/5925 रुपये पर खुली जो उतार-चढ़ाव के साथ शनिवार शाम को 6000 रुपये पर बंद हुई । पिछले सप्ताह के दौरान सरसों में मांग बनी रहने के कारण +75 रुपये प्रति क्विंटल की मजबूत दर्ज की गई।

सरसों स्टॉक रिपोर्ट
जुलाई महीने में 13 लाख टन सरसो की आवक के साथ अब तक कुल आवक 68.5 लाख टन हो चुकी हैं। हालाँकि दैनिक आवक की गणना के अनुसार जुलाई महीने में कुल आवक 6.10 लाख टन होनी चाहिए, पिछले वर्ष जुलाई में 5.5 लाख टन सरसो की आवक रिकॉर्ड की गयी थी। जुलाई महीने में 9 लाख टन सरसो की क्रशिंग की गयी। मरुधर एजेंसी के अनुसार अगस्त के शुरुआत में 66 लाख टन सरसो उपलब्ध है।

सरसों समीक्षा
जून महीने के निचले स्तरों से जयपुर सरसो 950 रुपये से ज्यादा बढ़ा। नाफेड की जुलाई महीने में 4 लाख टन खरीदारी से सरसो में आयी मजबूती वहीं बिकवाली कमजोर पड़ने और स्टॉकिस्ट द्वारा स्टॉक होल्ड करने से माल की सप्लाई टाइट है। अन्य तेलों की तुलना में सरसो की मांग मजबूत है इसलिए जहाँ अन्य तेलों में गिरावट आयी वहीं सरसो तेल में बढ़त दर्ज की गयी। खल की मांग निकलने से इसमें भी 30-40 रुपये की बढ़त देखने को मिली। सरसो की तुलना में खल और सरसो तेल में बढ़त सिमित रहने से क्रशिंग मार्जिन में बीते सप्ताह गिरावट बढ़ी।

सरसों में आगे की चाल
जयपुर सरसो अपने रेजिस्टेंस 5925 के ऊपर निकला गया है। ऐसे में 6750 पर बड़ा रेजिस्टेंस दिख रहा है उसके पहले 6225 एक छोटा रेजिस्टेंस का काम करेगा। नाफेड की बिकवाली की खबरें चल रही है जो की एक मात्र जोखिम है

सरसो में गिरावट आने के लिए हालांकि सरसो की उत्पादन आंकड़ों में अगर पोल हुआ तो नाफेड की 14 लाख टन की बिकवाली भी सरसो की तेजी को नहीं रोक पाएगी। उत्पादन आंकड़ों की स्पष्टता ना होने नाफेड की बिकवाली के डर को देखते हुए व्यापारी यहाँ से हर 200 की बढ़त पर 20-30 % स्टॉक निकालते चलें।

डिस्क्लेमर:

कृपया व्यापार अपने स्वयं के विवेक से करें। हमारा उद्देश्य किसानों तक केवल जानकारी पहुँचाना है। किसी भी प्रकार के नफे या नुकसान (nafa nuksan) की हमारी कोई जिम्मेदारी नहीं होगी।

नमस्कार दोस्तों, मेरा नाम जगत पाल पिलानिया है ! मैं ई मंडी रेट्स (eMandi Rates) का संस्थापक हूँ । मेरा उद्देश्य किसानों को फसलों के ताजा मंडी भाव, कृषि विभाग द्वारा संचालित योजनाओं के साथ-साथ अन्य महत्वपूर्ण जानकारी पहुंचाना है। ई-मंडी रेट्स (e-Mandi Rates) देश का पहला डिजिटल प्लेटफॉर्म है, जो बीते 5 सालों से निरन्तर किसानों के हितों में कार्य कर रहा है।

Leave a Comment

WhatsApp Group Join Now
WhatsApp Channel Join Now