Mustard Farming: रबी सीजन की सबसे प्रमुख तिलहन फसल- सरसों का उत्पादन क्षेत्र उछलकर इस बार 98.02 लाख हेक्टेयर के सर्वकालीन सर्वोच्च स्तर पर पहुंच गया जो पिछले साल के बिजाई क्षेत्र 91.25 लाख हेक्टेयर से 6.77 लाख हेक्टेयर ज्यादा है। ऊंचे बाजार अनुकूल मौसम एवं समर्थन मूल्य में हुई 400 रुपए प्रति क्विंटल की भारी बढ़ोत्तरी से किसानों को सरसों का बिजाई क्षेत्र बढ़ाने का अच्छा प्रोत्साहन मिला।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार पिछले साल की तुलना में चालू रबी सीजन के दौरान सरसों का उत्पादन क्षेत्र राजस्थान में 33.92 लाख हेक्टेयर से उछलकर 38.52 लाख हेक्टेयर, मध्य प्रदेश में 11.72 लाख हेक्टेयर से बढ़कर लाख हेक्टेयर, पश्चिम 14.04 बंगाल में 6.09 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 6.59 लाख हेक्टेयर, बिहार में 1.52 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 1.85 लाख हेक्टेयर, आसाम में 3.20 लाख हेक्टेयर से सुधरकर लाख हेक्टेयर 3.34 तथा छत्तीसगढ़ में 1.37 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 1.92 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया।
लेकिन दूसरी ओर इसका रकबा उत्तर प्रदेश में 14.17 लाख हेक्टेयर से घटकर 13.28 लाख टन हेक्टेयर, हरियाणा में 7.56 लाख हेक्टेयर से फिसलकर 7.32 लाख हेक्टेयर, गुजरात में 3.40 लाख हेक्टेयर से गिरकर 3.05 लाख हेक्टेयर तथा झारखंड में 4.05 लाख हेक्टेयर से गिरकर 3.87 लाख हेक्टेयर रह गया। देश के अन्य प्रांतों में इसका रकबा 4.25 लाख हेक्टेयर दर्ज किया गया जो गत वर्ष के बराबर ही है।
सरसों की बिजाई लगभग समाप्त हो चुकी है और राजस्थान तथा हरियाणा के कुछ भागों को छोड़कर शेष इलाकों में फसल की हालत संतोषजनक बताई जा रही है। कुछ क्षेत्रों में नई फसल की छिटॅप्ट कटाई- तैयारी शुरू हो गई है जबकि अगले दो तीन सप्ताहों में इसकी आपूर्ति की रफ्तार काफी तेज हो जाने की संभावना है।
कई क्षेत्रों में ऊंची उपज दर वाली किस्मों की सरसों की खेती हुई है जिससे उत्पादन में अच्छी बढ़ोत्तरी होने की उम्मीद है। पिछले साल देश में करीब 110 लाख टन सरसों का उत्पादन हुआ था जो चालू वर्ष के दौरान बढ़कर 120 लाख टन से ऊपर निकल जाने की संभावना है। सरकार ने सरसों का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2021-22 सीजन के 5050 रुपए प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 2022-23 सीजन की कीमत के लिए 5450 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया है।