नई दिल्ली 14 अक्टूबर 2022: विदेश में खाद्य तेल के दाम तेज होने के कारण घरेलू बाजार में मंगलवार को सरसों की कीमतें स्थिर हो गई। जयपुर में कंडीशन की सरसों के भाव 6,700 रुपये प्रति क्विंटल बोले गए। हालांकि शाम के सत्र में ब्रांडेड तेल मिलों ने सरसों की खरीद कीमतों में 25 से 50 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी की।
जयपुर में सरसों तेल कच्ची घानी के दाम 13 रुपये कमजोर होकर भाव 1,345 रुपये प्रति दस किलो रह गए, जबकि इस दौरान एक्सपेलर की कीमतें 7 रुपये तेज होकर 1355 रुपये प्रति 10 किलो के स्तर पर पहुंच गई। इस दौरान सरसों खल की कीमतें 2650 रुपये प्रति क्विंटल के पूर्व स्तर पर स्थिर बनी रही।
हाजिर मंडियों में सरसों के ताजा दाम
राजस्थान की रावतसर मंडी में सरसों का भाव 6115, श्री गंगानगर में 6400, जैतसर में 6059, संगरिया मंडी में 6175, पदमपुर में 6160, श्री विजयनगर में 6079, देवली मंडी में 6450, घड़साना 6075, पीलीबंगा 6000, रायसिंहनगर में 5935, गजसिंहपुर में 6071 सादुलशहर मंडी में 6051 और अनूपगढ़ मंडी में 6202 रुपये प्रति क्विंटल तक रहा । हरियाणा की ऐलनाबाद मंडी में सरसों का भाव 6216, आदमपुर में 6250 रुपये प्रति क्विंटल तक रहा ।
व्यापारियों के अनुसार मलेशियाई पाम ऑयल बोर्ड ने नवंबर के आंकड़ों की घोषणा कर दी है, जिसके अनुसार बकाया स्टॉक उम्मीद से काफी कम है। दूसरी तरफ इंडोनेशिया क्रूड पाम तेज के निर्यात कर को 33 डॉलर प्रति टन से बढ़ाकर 52 डॉलर प्रति टन करने की योजना बना रहा है, साथ ही 16 दिसंबर से 31 दिसंबर की शिपमेंट के लिए संदर्भ मूल्य को भी बढ़ाया जायेगा। इसी कारण मलेशिया में पाम तेल के साथ ही शिकागो में सोया तेल के दाम तेज हो गए।
घरेलू बाजार में खपत का सीजन होने के कारण सरसों तेल में मांग अच्छी है, हालांकि मिलें विदेशी बाजार में खाद्य तेलों की कीमतों के हिसाब से ही सरसों की खरीद कर रही हैं। इसलिए घरेलू बाजार में सरसों एवं इसके तेल की कीमतों में अभी सीमित तेजी, मंदी बनी रहने की उम्मीद है।
बर्सा मलेशिया डेरिवेटिव्स एक्सचेंज, बीएमडी पर फरवरी महीने के वायदा अनुबंध में पाम तेल के दाम 150 रिगिंट यानी की 4.01 फीसदी बढ़कर भाव 3,887 रिगिंट प्रति टन हो गए। इस दौरान शिकागो में जनवरी वायदा अनुबंध में 0.49 फीसदी की तेजी दर्ज की गई।
सरसों की दैनिक आवक
देशभर की मंडियों में सरसों की दैनिक आवक मंगलवार को 2.50 लाख बोरियों की ही हुई, जबकि सोमवार को भी इसकी आवक इतनी ही बोरियों की हुई थी। कुल आवकों में से प्रमुख उत्पादक राज्य राजस्थान की मंडियों में 85 हजार बोरी, मध्य प्रदेश की मंडियों में 30 हजार बोरी, उत्तर प्रदेश की मंडियों में 30 हजार बोरी, पंजाब एवं हरियाणा की मंडियों में 30 हजार बोरी तथा गुजरात में 10 हजार बोरी, तथा अन्य राज्यों की मंडियों में 65 हजार बोरियों की आवक हुई।