Mustard Price Report: तेल मिलों की मांग बनी रहने से घरेलू बाजार में आज गुरुवार को लगातार दूसरे दिन सरसों की कीमतों में तेजी दर्ज की गई। जयपुर में कंडीशन की सरसों के भाव 75 रुपये तेज होकर दाम 5,650 रुपये प्रति क्विंटल पर पहुंच गये । इस दौरान सरसों की दैनिक आवक 75 हजार बोरी घटकर 13.25 लाख बोरियों की रह गई। यहाँ देखें देशभर की मंडियों में आज क्या रहे सरसों के दाम
जयपुर में सरसों तेल कच्ची घानी एवं एक्सपेलर की कीमतें गुरुवार को 5-5 रुपये तेज होकर भाव क्रमशः 1088 रुपये और 1078 रुपये प्रति 10 किलो हो गई। इस दौरान सरसों खल की कीमत लगातार दूसरे दिन 25 रुपये बढ़कर 2455 रुपये प्रति क्विंटल के स्तर पर पहुंच गई।
मलेशियाई क्रूड पाम तेल (CPO) वायदा में गिरावट
अन्य खाद्य तेलों में गिरावट के साथ ही अमेरिका बैंकिंग संकट की चिंता के कारण मलेशियाई क्रूड पाम तेल (CPO) वायदा में गिरावट दर्ज की गई। जानकारों के अनुसार मजबूत फंडामेंटल के बावजूद, आयातित खाद्य तेलों के दाम कमजोर बने हुए हैं।
अल नीनो के मौसम पर पड़ने प्रभाव पर अभी अनिश्चितता बनी हुई है। माना जा रहा है कि पूरे एशिया में अनाज और तिलहन की फसलों को गर्म, शुष्क मौसम का सामना करने का अनुमान है। मौसम वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि साल की दूसरी छमाही में अल नीनो मौसम का पैटर्न विकसित होगा, जिससे आपूर्ति को खतरा होगा और खाद्य मुद्रास्फीति बढ़ जाएगी।
आगामी 2-3 दिनों में मौसम रहेगा खराब
भारतीय मौसम विभाग, IMD के मुताबिक़ अगले 2-3 दिन उत्पादक राज्यों में मौसम खराब होने की भविष्यवाणी की हुई है। अगर मौसम खराब हुआ तो नई फसल की आवक प्रभावित होगी। उधर आयातित खाद्य तेलों के दाम कमजोर है, इसलिए सरसों की कीमतों में अभी बड़ी तेजी के आसार नहीं है।
विदेशी बाजारों में आज भी गिरावट का सिलसिला जारी
बर्सा मलेशिया डेरिवेटिव्स एक्सचेंज, बीएमडी (Bursa Malaysia Derivatives Berhad) पर जून डिलीवरी के पाम तेल वायदा अनुबंध में 32 रिंगिट यानी 0.81 फीसदी की गिरावट आकर भाव 3,935 रिंगिट प्रति टन रह गए। इस दौरान डालियान का सबसे सक्रिय सोया तेल वायदा अनुबंध 2.8 फीसदी गिर गया, जबकि इसका पाम तेल वायदा अनुबंध 1.1 फीसदी कमजोर हो गया। शिकागो बोर्ड ऑफ ट्रेड (CBOT) में सोया तेल की कीमतें 0.4 फीसदी घट गई।
दैनिक आवक कमजोर
देशभर की मंडियों में सरसों की दैनिक आवक गुरुवार को घटकर 13.25 लाख बोरियों की ही हुई, जबकि इसके पिछले कारोबारी दिवस में इसकी आवक 14 लाख बोरियों की हुई थी। कुल आवकों में से प्रमुख उत्पादक राज्य राजस्थान की मंडियों में 6.5 लाख बोरी, मध्य प्रदेश की मंडियों में 1.75 लाख बोरी, उत्तर प्रदेश की मंडियों में 1.55 लाख बोरी, पंजाब एवं हरियाणा की मंडियों में 50 हजार बोरी तथा गुजरात में 95 हजार बोरी, तथा अन्य राज्यों की मंडियों में 2 लाख बोरियों की आवक हुई।
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