इस साल सरसों की कीमतों में गिरावट ने किसानों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं, अबकी बार किसानों को सरसों का भाव एमएसपी से कम मिल रहा हैं। आयातित खाद्य तेलों की कीमतों में आई गिरावट से घरेलू बाजार में बुधवार को सरसों के भाव में कमी देखने को मिली व्यापारियों के अनुसार उत्पादक राज्यों में हाल ही हुई बारिश और ओलावृष्टि से सरसों की फसल को नुकसान हुआ है लेकिन आयातित खाद्य तेलों के दाम कमजोर होने से सरसों की कीमतों में मंदा आया है।
विश्व बाजार में खाद्य तेलों की कीमतों पर दबाव बना हुआ है, जिस कारण घरेलू बाजार में तेल मिलें केवल जरुरत के हिसाब से ही सरसों की खरीद कर रही हैं। इसलिए हाजिर बाजार में सरसों की कीमतों में अभी सीमित तेजी, मंदी बनी रहने का अनुमान है।
सरसों के भाव औंधे मुंह गिरने की वजह देश में इस साल रिकॉर्ड पैदावार के साथ ही अंतरराष्ट्रीय बाजार में खाद्य तेलों की कीमतों में गिरावट जारी है। बीते 2 सालों के दौरान सरसों के दाम काफी अच्छे मिलने से इस साल भी किसानों ने सरसों की खेती पर खूब जोर दिया, लेकिन अब भाव कम मिलने से किसानों को नुकसान उठाना पड़ रहा है। इस साल किसान को सरसों का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) 5450 रुपए प्रति क्विंटल भी नहीं मिल रहे हैं।
हाजिर में सरसों का भाव समर्थन मूल्य से नीचे
राजस्थान की नोहर मंडी में सरसों का भाव 4300-5200, श्री गंगानगर सरसों 4100-5135, हनुमानगढ़ 4500-5100, पीलीबंगा सरसों 4831-4900, रायसिंहनगर सरसों 4500-5152, गोलूवाला सरसों 4661-5096, अनूपगढ़ सरसों 4000-5180, घड़साना सरसों 4010-5125, सूरतगढ़ सरसों 4934-5075, रावला सरसों 4255-5035, देवली सरसों 4200-5405 रुपये प्रति क्विंटल का चल रहा है।
जबकि हरियाणा की आदमपुर मंडी में सरसों का रेट 4400-5300, ऐलनाबाद सरसों 4200-5121, सिरसा सरसों 4400-5296, सिवानी 4800-5400 रुपये प्रति क्विंटल का चल रहा है।
पाम तेल वायदा में 3 फीसदी से ज्यादा गिरावट
वैश्विक बैंकिंग संकट पर बढ़ती चिंताओं के बीच अन्य खाद्य तेलों के साथ-साथ कच्चे तेल की कीमतों में आई बड़ी गिरावट के कारण मलेशियाई क्रूड पाम तेल (CPO) वायदा बुधवार को 3 फीसदी से ज्यादा घटकर पांच महीने के निचले स्तर पर बंद हुआ।
जानकारों के अनुसार मजबूत फंडामेंटल के बावजूद विश्व बाजार में मंदी की धारणा से दाम कमजोर हुए हैं, साथ ही फेड की ओर से ब्याज दर के फैसले पर अनिश्चितता से परेशानी बढ़ रही है।
कार्गो सर्वेक्षक सोसाइटी जेनरेल डे सर्विलांस के अनुसार पहली से 20 मार्च के दौरान मलेशियाई पाम तेल उत्पादों का निर्यात 30.4 फीसदी बढ़कर 929,274 टन का हो गया, जबकि फरवरी में समान अवधि के दौरान 712,740 टन का निर्यात हुआ था।
बर्सा मलेशिया डेरिवेटिव्स एक्सचेंज, बीएमडी पर जून डिलीवरी के पाम ऑयल वायदा अनुबंध में 117 रिंगिट यानी 3.09 फीसदी की गिरकर आकर भाव 3,667 रिंगिट प्रति टन रह गए, जोकि 13 अक्टूबर के बाद से इसका सबसे निचला स्तर है। इस दौरान डालियान का सबसे सक्रिय सोया तेल वायदा अनुबंध 3 फीसदी घटकर बंद हुआ, जबकि इसका पाम तेल वायदा अनुबंध 3.7 फीसदी तक कमजोर हो गया। शिकागो बोर्ड ऑफ ट्रेड में सोया तेल की कीमतें 0.18 फीसदी गिर गईं।