सरसों साप्ताहिक रिपोर्ट: नई सरसो की आवक शुरू होने से तेजी पर लगा ब्रेक

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सरसों साप्ताहिक रिपोर्ट 29 जनवरी 2024: पिछला सप्ताह सुरुवात सोमवार जयपुर सरसों 5550 रुपये पर खुला था। ओर शनिवार शाम 5550 रुपये पर बंद हुआ। पिछले सप्ताह के दौरान सरसो में मांग सिमित रहने से मिलाजुला रूख दर्ज रहा, घटे भाव पर मीलों की मांग से सरसो में सुधार दिखा। वहीं मंडियों में नयी सरसो की आवक शुरू होने से इसकी तेजी पर लगाम लगा।

सरसो तेल की अच्छी मांग निकलने से इस सप्ताह भाव मजबूत बने रहे। बीते सप्ताह सोया तेल के भाव नरम हुए जबकि सरसो तेल में 1 से 1.5 रुपये/किलो की बढ़त दर्ज की गयी।

सरसो तेल में बढ़त के चलते सोया के साथ सरसो तेल का अंतर इस सप्ताह बढ़ गया। वहीं खल में सिमित मांग के चलते भाव लगभग स्थिर ही रहे।

  • दिसंबर महीने में सरसो खल का निर्यात 132.96% बढ़कर 2.16 लाख टन पहुंचा।
  • दिसंबर 2022 की तुलना में सरसो खल का निर्यात 11.40% अधिक रहा।
  • राजस्थान के कोटा, बारां मंडी में सरसो की छिट पुट आवक शुरू हुई
  • मॉइस्चर अधिक होने की वजह से भाव 3800-4275 के बीच बोला गया।
  • फरवरी के मध्य से सरसो की आवक बढ़ने पर सरसो की कीमतों में गिरावट बढ़ेगी।
  • नाफेड की बिकवाली निरंतर जारी है और जनवरी में अब तक 71000 टन सरसो बेचीं गयी है।
  • नाफेड की कुल बिकवाली अब तक 2.30 लाख टन की करीब पंहुचा और अब भी 8.50 लाख टन से अधिक स्टॉक नाफेड के पास उपलब्ध।
  • आने वाले महीने में आवक बढ़ने, हाजिर में स्टॉक पर्याप्त होने, और खादय तेलों में दबाव को देख सरसो में गिरावट बढ़ने का अनुमान।
  • जयपुर सरसो अगले दो सप्ताह 5525-5700 के बीच कारोबार करते नजर आएगा जिसके बाद 5525 के नीचे फिसलने की प्रबल सम्भावना।

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डिस्क्लेमर : उपरोक्त बाजार भाव रिपोर्ट व्यापारियों व अन्य मिडिया स्त्रोत से एकत्रित आकड़ों के आधार पर प्रकाशित की गई है, कृपया किसी भी प्रकार का व्यापार करने से पहले मंडी समिति से प्राइस की पुष्टि अवश्य कर ले। कीमतों में बदलाव संभव है। किसी भी प्रकार के नफे या नुकसान (nafa nuksan) की हमारी कोई जिम्मेदारी नहीं होगी। व्यापार खुद के विवेक से करें।

नमस्कार दोस्तों, मेरा नाम जगत पाल पिलानिया है ! मैं ई मंडी रेट्स (eMandi Rates) का संस्थापक हूँ । मेरा उद्देश्य किसानों को फसलों के ताजा मंडी भाव, कृषि विभाग द्वारा संचालित योजनाओं के साथ-साथ अन्य महत्वपूर्ण जानकारी पहुंचाना है। ई-मंडी रेट्स (e-Mandi Rates) देश का पहला डिजिटल प्लेटफॉर्म है, जो बीते 5 सालों से निरन्तर किसानों के हितों में कार्य कर रहा है।

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