नई दिल्ली/ Mustard Oil (सरसों तेल ) : खाद्य पदार्थों की कीमतों में हो रही तेजी ने आम आदमी के घरेलू बजट की स्थिति को हिलाकर रख दिया है . पहले जहां आलू और प्याज की कीमतों में हुई बढ़ोतरी से आम आदमी परेशान था वही अब पिछले कुछ ही दिनों में सरसों तेल (Sarso Tel) की कीमतों में जोरदार तेजी देखने को मिल रही है . एक तरफ जहां पहले से महामारी के चलते लॉकडाउन से आर्थिक हालात खराब हो गये थे वही अब इस त्योहारी सीजन में एक के बाद एक खाद्य पदार्थों की कीमतों में हो रही बढ़ोतरी ने आम आदमी की जेब पर बोझ और भी अधिक बढ़ा दिया है .
जी हाँ पिछले 5-6 दिनों में ही सरसों तेल के भाव (कीमत) प्रति किलोग्राम के हिसाब से 15 से 20 रूपये तक बढ़ गये है . और मौजूदा समय में एक लीटर तेल की कीमत 115 से 120 रूपये तक पहुँच गई है वही अगर ब्रांडेड तेल की बात करें तो उनके दाम भी बाज़ार में इस समय 130 से 150 रूपये लीटर तक हो गये है .
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एक साल में 50 रुपये तक महंगा हुआ सरसों का तेल
जानकारी के लिए आपको बता दे की बीते 1 वर्ष में सरसों तेल की कीमतों में 50 रूपये तक की बढ़ोतरी दर्ज की जा चुकी है . खुदरा तेल व्यापारियों के अनुसार पिछले वर्ष यानि अक्टूबर २०१९ में जहां सरसों तेल की कीमते प्रति लीटर के हिसाब से 80 से 100 रूपये प्रति लीटर थी वही अब वर्तमान में भाव 120 से 150 रूपये प्रति लीटर तक पहुंच चुके है .
क्यों बढ़ रही है सरसों तेल की कीमतें
रिपोर्ट्स के मुताबिक़ सरसों तेल कीमतों में हो रही बढ़ोतरी का मुख्य कारण इस साल सरसों का कम उत्पादन और तेलों के लिए बनी विदेश नीति में किये गये कुछ बदलाव के चलते कीमतें बढ़ रही है . इसके अलावा हाल ही में सरकार द्वारा भारतीय खाद्य संरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) के जरिये सरसों तेल में हो रही मिलावट (Blending mustard oil) पर 1 अक्टूबर से रोक लगा दी है, जिसका असर भी बाज़ार भाव की कीमतों में देखने को मिल रहा है .
अभी तक सरसों के तेल में मिश्रित किये जाने वाले अन्य तेलों की ब्लेंडिंग 20% तक होती थी परन्तु अब 1 अक्टूबर 2020 से सरकार द्वारा इस पर पूरी तरह रोक लगा दी गई है . क्योकि कुछ लोग ब्लेंडिंग की आड़ में नकली माल की मिलावट का कारोबार चलाते थे जिसका स्वास्थ्य पर विपरीत असर पड़ रहा था . और साथ ही सरकार का मानना है की इस प्रतिबंध से जहां सरसों की खपत बढ़ेगी वही दूसरी तरफ किसानों को भी फसलों का उचित मूल्य मिल सकेगा .
खाने के तेल की बढ़ती कीमतों को काबू में करने के लिए सरकार उठा सकती है ये कदम
मिडिया में छपी रिपोर्ट्स के मुताबिक़ खाद्य तेलों की कीमतों में हो रही बढ़ोतरी को काबू में करने के लिए जल्द ही सरकार कोई ठोस कदम उठा सकती है . सूत्रों की माने तो इसके लिए सरकार द्वारा अभी विकल्प खोजे जा रहे है और जल्द ही कोई निर्णय ले लिया जाएगा .
तेल कीमतों को काबू करने के लिए सरकार के पास क्या है विकल्प, जाने
- पहला विकल्प : STC और MMTC के जरिए तेलों का आयात करने पर विचार किया जा रहा है.
- दूसरा विकल्प: STC और MMTC के लिए इंपोर्ट ड्यूटी कम की जा सकती है.
- तीसरा विकल्प: सरकार टैरिफ को कुछ वक्त के लिए फ्रीज भी कर सकती है.
जानकारी के लिए आपको बता दे की सरकार द्वारा हर 15 दिनों बाद टैरिफ की समीक्षा की जाती है.