नई दिल्ली: तेल मिलों की मांग कमजोर होने के कारण घरेलू बाजार में बुधवार को सरसों की कीमतें कमजोर हो गई। जयपुर में कंडीशन की सरसों के भाव 25 रुपये कमजोर होकर दाम 5,200 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।
जयपुर में सरसों तेल कच्ची घानी एवं एक्सपेलर की कीमतें लगातार दो दिनों की तेजी के बाद 13-13 रुपये कमजोर होकर भाव क्रमश: 968 रुपये और 958 रुपये प्रति 10 किलो रह गई। इस दौरान सरसों खल के दाम पांच रुपये कमजोर होकर भाव 2500 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।
विदेशी बाजार में खाद्य तेलों में गिरावट जारी
व्यापारियों के अनुसार विदेशी बाजार में खाद्य तेलों की कीमतों में गिरावट जारी रही। उत्पादन अनुमान बढ़ने के साथ ही कमजोर निर्यात मांग के कारण विदेशी बाजार में खाद्वय तेलों के दाम कमजोर है। हालांकि घरेलू बाजार में नीचे दाम पर तेल मिलों को डिस्पैरिटी का सामना करना पड़ रहा है।
कमजोर मांग के बीच बढ़ते उत्पादन की उम्मीद से मलेशियाई पाम तेल वायदा बुधवार को लगातार तीसरे सत्र में दो सप्ताह के अपने न्यूनतम स्तर पर आ गया। रिंगिट, पाम तेल के व्यापार की मुद्रा, डॉलर के मुकाबले 0.7 फीसदी कमजोर हो गई, जिससे आयातकों के लिए पाम तेल सस्ता हो गया।
बर्सा मलेशिया डेरिवेटिव्स एक्सचेंज (BMD) पर अगस्त डिलीवरी के पाम तेल वायदा अनुबंध में 26 रिंगिट यानी 0.57 फीसदी की गिरावट आकर भाव 3,431 रिंगिट प्रति टन रह गए। हालांकि शिकागो बोर्ड ऑफ ट्रेड में सोया तेल की कीमतें 0.6 फीसदी बढ़ी। डालियान का सबसे सक्रिय सोया तेल वायदा अनुबंध 2.2 फीसदी कमजोर हो गया, जबकि इसका पाम तेल वायदा अनुबंध भी 1.8 फीसदी टूट गया।
बाजार विश्लेषकों के अनुसार, सदर्न पेनिनसुलर पाम ऑयल मिलर्स एसोसिएशन (एसपीपीओएमए) ने 1-15 मई के दौरान उत्पादन अप्रैल के इसी सप्ताह से 16.72 फीसदी बढ़ने का अनुमान लगाया है।
सरसों की दैनिक आवक
देशभर के प्रमुख उत्पादक राज्यों की मंडियों में सरसों की दैनिक आवक बराबर बनी हुई है, साथ ही सरसों तेल में ग्राहकी सामान्य की तुलना में कमजोर है। इसलिए तेल मिलें केवल जरुरत के हिसाब से ही सरसों की खरीद कर रही है।
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देशभर की मंडियों में सरसों की दैनिक आवक बुधवार को घटकर 8.50 लाख बोरियों की ही हुई, जबकि इसके पिछले कारोबारी दिवस में आवक 9.50 लाख बोरियों की हुई थी। कुल आवकों में से प्रमुख उत्पादक राज्य राजस्थान की मंडियों में 4.50 लाख बोरी, मध्य प्रदेश की मंडियों में एक लाख बोरी, उत्तर प्रदेश की मंडियों में 75 हजार बोरी, पंजाब एवं हरियाणा की मंडियों में 70 हजार बोरी तथा गुजरात में 40 हजार बोरी, तथा अन्य राज्यों की मंडियों में 1.15 लाख बोरियों की आवक हुई।