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Rabi Season 2024-25: राजस्थान में सरसों का रकबा 19% घटा, गेहूं और चना की खेती भी लक्ष्य से पीछे, उत्पादन में आ सकती है गिरावट

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Rabi Season 2024-25: राजस्थान में इस साल रबी फसलों की बिजाई पर मौसम की प्रतिकूल परिस्थितियों का असर साफ़तौर पर देखने को मिल रहा है। बारिश की कमी और उच्च तापमान के कारण फसलों की बुवाई (Sowing of crops) का क्षेत्र सामान्य से काफी पीछे रह गया है। स्थिति यह है कि रबी फसलों का कुल बिजाई क्षेत्र (sowing area) तय लक्ष्य के मुकाबले केवल 85 प्रतिशत ही पहुंच सका है।

राजस्थान में अक्टूबर से शुरू हुई बुवाई अब लगभग समाप्त हो चुकी है। इस दौरान गेहूं, चना और सरसों जैसी प्रमुख फसलों के रकबे में भारी गिरावट दर्ज की गई। कृषि विभाग (Agriculture Department) द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक 9 दिसंबर 2024 तक गेहूं की बुवाई 28 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में पूरी हुई, जबकि इसका लक्ष्य 32 लाख हेक्टेयर था। इसी तरह चना का बुवाई क्षेत्र भी लक्ष्य से पीछे रहकर 19.60 लाख हेक्टेयर तक सीमित रहा, जो निर्धारित लक्ष्य का मात्र 87 प्रतिशत है।

सबसे प्रमुख तिलहन फसल सरसों का क्षेत्र भी इस साल बड़ा नुकसान झेल रहा है। सरसों का कुल रकबा 32.70 लाख हेक्टेयर तक ही पहुंच सका, जो लक्ष्य 40.50 लाख हेक्टेयर के मुकाबले 19 प्रतिशत कम है। यह कमी राज्य में तिलहन उत्पादन को बुरी तरह प्रभावित कर सकती है।

हालांकि, जौ की बुवाई में थोड़ा सुधार देखा गया है। इस फसल का क्षेत्र बढ़कर 4 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया, जो तय लक्ष्य 3.80 लाख हेक्टेयर से 5 प्रतिशत अधिक है।

रबी फसलों का बिजाई क्षेत्र (9 दिसंबर 2024 तक)

फसल का नामलक्ष्य क्षेत्र (लाख हेक्टेयर)वास्तविक क्षेत्र (लाख हेक्टेयर)लक्ष्य से अंतर (%)
गेहूं32.0028.00-12%
जौ3.804.00+5%
चना22.5019.60-13%
सरसों40.5032.70-19%

बारिश की कमी बनी सबसे बड़ी चुनौती

दीपावली के बाद से राजस्थान में बारिश की कमी बनी हुई है। इसके चलते किसानों को बुवाई में मुश्किलों का सामना करना पड़ा। साथ ही उच्च तापमान ने फसलों की प्रगति को भी प्रभावित किया है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर जल्द ही शीतकालीन वर्षा नहीं हुई, तो फसलों का विकास प्रभावित होगा और उत्पादन में बड़ी गिरावट आ सकती है।

फसलों पर संभावित प्रभाव

मौसम की प्रतिकूलता का असर गेहूं, चना और सरसों की फसलों पर साफ दिख रहा है। सरसों का उत्पादन क्षेत्र सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है, जिससे देश में तेलहन की आपूर्ति पर असर पड़ सकता है। चने की बुवाई में कमी के कारण दाल उत्पादन में भी गिरावट की आशंका है।

समाधान और विशेषज्ञों की राय

विशेषज्ञों के अनुसार, वर्तमान परिस्थिति में शीतकालीन वर्षा बेहद जरूरी है। बारिश से तापमान में गिरावट आएगी और फसलों के विकास के लिए अनुकूल परिस्थितियां बनेंगी। इसके अलावा किसानों को सिंचाई प्रबंधन पर ध्यान देना चाहिए और फसलों को आवश्यक पोषण देने के लिए समय पर उर्वरकों का उपयोग करना चाहिए।

निष्कर्ष

राजस्थान में रबी फसलों की स्थिति चिंताजनक है। मौसम की प्रतिकूल परिस्थितियों और बारिश की कमी से बुवाई का क्षेत्र तय लक्ष्य से पीछे है। अगर आने वाले दिनों में शीतकालीन वर्षा नहीं हुई, तो फसल उत्पादन पर इसका गंभीर प्रभाव पड़ सकता है।

नमस्ते! मैं जगत पाल ई-मंडी रेट्स का संस्थापक, बीते 7 साल से पत्रकारिता कर रहा हूं। मुझे खेती-किसानी, मंडी भाव की जानकारी में महारथ हासिल है । यह देश का पहला डिजिटल कृषि न्यूज़ प्लेटफॉर्म है, जो बीते 5 सालों से निरन्तर किसानों के हितों में कार्य कर रहा है। किसान साथियों ताजा खबरों के लिए आप हमारे साथ जुड़े रहिए। धन्यवाद

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