खरीफ फसलों की MSP में इजाफा, नई दरें घोषित, देखें पूरी जानकारी

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खरीफ फसलों की MSP 2024 : प्रदेश में खरीफ की फसलें पककर लगभग तैयार है, किसानों द्वारा फसलों की कटाई का काम भी जोरों पर शुरू किया जा चुका है। ऐसे में किसानों की सबसे बड़ी चिंता ये रहती है की उनकी फसल का क्या उन्हें उचित दाम मिल पायेगा या औने पौने भाव पर ही बेचनी पड़ेगी? तो किसानों की इसी चिंता का निवारण करते हुए राजस्थान राज्य क्रय विक्रय सहकारी संघ ने खरीफ सीजन 2024-25 के लिए फसलों का समर्थन मूल्य घोषित कर दिया है।

अक्टूबर माह से खरीद के लिए रजिस्ट्रेशन का कार्य भी शुरू कर दिया जायेगा। नवंबर के पहले सप्ताह से फसलों की एमएसपी पर ख़रीदी शुरू की जाएगी।

सरकार ने खरीफ फसलों की MSP में किया इजाफा

केंद्र सरकार द्वारा किसानों के हितों का ध्यान रखते हुए खरीफ फसलों (Kharif Crops) की MSP में बढ़ोतरी की गई है। सरकार के इस फैसले से किसानों को उनकी फसल का उचित दाम मिल सकेगा। सरकार द्वार वर्ष 2024-25 के लिए बाजरे समेत 9 फसलों का समर्थन मूल्य घोषित किया गया है। सीकर में मूंगफली की खरीद एमएसपी मूल्य पर की जाएगी।

सरकार ने बाजरे का समर्थन मूल्य 125 रुपए क्विंटल की दर से बढ़ाकर 2625 रुपए क्विंटल तय किया गया है। लेकिन अभी तक ये तय नहीं किया गया है की बाजरे की खरीद एमएसपी पर की जाएगी या नहीं है।

मूंग की एमएसपी 124 रुपए बढ़ाकर 8682 रुपए प्रति क्विंटल की है। जबकि मूंगफली की एमएसपी 406 रुपए बढ़ाकर 6783 रुपए प्रति क्विंटल तय की है।

दलहन में सबसे ज्यादा तुअर दाल के 7550 रुपए प्रति क्विंटल मिलेंगे। मक्के की एमएसपी 135 रुपए बढ़ाकर 225 रुपए प्रति क्विंटल की है।

खरीफ फसलेंसमर्थन मूल्य (2024-25)पिछले साल का मूल्य (2023-24)
मूंग86828558
उड़द74006950
मूँगफली67836377
सोयाबीन48924600
ज्वार हाइब्रिड33713180
ज्वार मालदडंडी34213225
बाजरा26262500
मक्का22252090
अरहर/ तुअर75507000

राजस्थान में नहीं होती बाजरे की ख़रीद एमएसपी पर

राजस्थान सरकार के द्वारा हर साल बाजरे का समर्थन मूल्य घोषित किया जाता है। बावजूद इसके आज तक कभी राजस्थान के किसानों के बाजरे की खरीद समर्थन मूल्य पर नहीं करवाई है। जबकि राजस्थान में देश का सबसे ज्यादा बाजरा उत्पादन होता है।

सीकर में बाजरे का बुवाई बाई रकबा करीब 2.50 लाख हैक्टेयर है। वहीं मूंग का रकबा 60 हजार हैक्टेयर व मूंगफली का रकबा 30 हजार हैक्टेयर है। फिर भी सरकार द्वारा बाजरे की खरीद नहीं की जाती।

वहीं पंजाब हरियाणा में स्थानीय सरकार द्वारा समर्थन मूल्य पर बाजरे की खरीद करवाई जाती है। इसका फायदा राजस्थान के किसानों के बजाय यहां के व्यापारी लोग उठाते हैं। ऐसे में किसानों की मांग है कि बाजरे की ख़रीद भी एमएसपी पर की जानी चाहिए।

नमस्कार दोस्तों, मेरा नाम जगत पाल पिलानिया है ! मैं ई मंडी रेट्स (eMandi Rates) का संस्थापक हूँ । मेरा उद्देश्य किसानों को फसलों के ताजा मंडी भाव, कृषि विभाग द्वारा संचालित योजनाओं के साथ-साथ अन्य महत्वपूर्ण जानकारी पहुंचाना है। ई-मंडी रेट्स (e-Mandi Rates) देश का पहला डिजिटल प्लेटफॉर्म है, जो बीते 5 सालों से निरन्तर किसानों के हितों में कार्य कर रहा है।

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