किसानों को वॉट्सऐप से जोड़ेगा मौसम विभाग, 4-5 दिन पहले पता चल सकेगी मौसम की जानकारी

Jagat Pal

Google News

Follow Us

Rajasthan Weather Forecast News: देश की अर्थव्यवस्था में कृषि की महत्वपूर्ण भूमिका है। कृषि क्षेत्र में टेक्नालाजी का उपयोग बढ़ाने और गांव-गांव इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करने के लिए सरकार काम कर रही है, ताकि खेती में रोजगार के अवसर बढ़ाये जा सके और पढ़े-लिखे युवा गांवों में ही रहकर कृषि की ओर आकर्षित होंगे। लेकिन इन सब के बीच किसानों के लिए जो सबसे बड़ी समस्या है वो मौसम की मार। क़रीब हर साल किसानों को बड़े पैमाने पर बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि की मार झेलनी पड़ती है। कई बार तो समय पर किसानों को मौसम के पूर्वानुमान की जानकारी नहीं मिल पाती और किसानों की तैयार फसलें भी भी बारिश की भेंट चढ़ जाती है।

मौसम विभाग किसानों को जोड़ेगा नये वॉट्सऐप सिस्टम से

ऐसे में अब मौसम विभाग नये सिस्टम पर काम कर रहा है जो कि इस दिशा में किसानों के लिए मददगार साबित हो सकता है। जानकारी के मुताबिक़ मौसम केंद्र जयपुर ने वॉट्सऐप नेटवर्क के जरिए 10 लाख से ज्यादा किसानों को जोड़ने जा रहा है। जहां किसानों को वॉट्सऐप मैसेज के ज़रिए मौसम की सूचना दी जाएगी। बारिश-ओले का अलर्ट हो या खेती को प्रभावित करने वाली अन्य मौसमी गतिविधियां, किसानों को 4-5 दिन पहले ही चेतावनी मिल जाएगी।

भास्कर में छपी एक रिपोर्ट्स के मुताबिक़ जयपुर मौसम केंद्र में शनिवार को ‘वेदर फोरकास्ट और अर्ली वार्निंग सिस्टम’ (weather forecasting and early warning system) पर वर्कशॉप हुई। इसमें बताया गया कि हर ग्राम पंचायत पर बने कृषि सेवा केंद्र और कृषि विकास केंद्रों पर वॉट्सऐप ग्रुप बनाने का काम शुरू किया जा चुका हैं।

मौसम केंद्र जयपुर के निदेशक राधेश्याम शर्मा के मुताबिक़ – इस वॉट्सऐप ग्रुप नेटवर्क में प्रदेश के 10 लाख से ज्यादा किसानों को जोड़ने की योजना बना रहे हैं। ताकि उनको 4-5 दिन पहले ही आगामी मौसम की सूचना दी जा सके।

फसलों में नुकसान को कम कर सकेगा किसान

माैसम केंद्र जयपुर के निदेशक राधेश्याम शर्मा ने बताया- वर्तमान में जयपुर में डॉप्लर रडार के अलावा एडवांस तकनीक का सिस्टम लगा है। इससे हम शॉर्ट रेंज और मीडियम रेंज फोरकास्ट जारी करते हैं। इन फोरकास्ट की एक्यूरेसी 80 फीसदी तक रहती है। अगर किसी जगह बारिश, ओलावृष्टि या आंधी आने की आशंका रहती है तो उसे 4-5 दिन पहले बताया जा सकता है। अगर किसानों को 4-5 दिन पहले पता चल जाये कि आने वाले 4-5 दिन बाद मौसम कैसा रहने वाला है तो वो अपनी फसलों को नुकसान से बचाने या नुकसान को कम करने की दिशा में सही कदम उठा सकते हैं।

मैं जगत पाल पिलानिया ! ई मंडी रेट्स का संस्थापक हूँ । ई-मंडी रेट्स (e-Mandi Rates) देश का पहला डिजिटल प्लेटफॉर्म है, जो बीते 5 सालों से निरन्तर किसानों को मंडी भाव और खेती किसानी से जुड़ी जानकारियाँ प्रदान कर रहा है।

Leave a Comment