भारत में खेती की पारंपरिक विधियों को सुधारने और किसानों की आय बढ़ाने के लिए केंद्र और राज्य सरकारें लगातार नई योजनाएँ लेकर आ रही हैं। इसी क्रम में हिमाचल प्रदेश सरकार ने प्राकृतिक खेती (Natural Farming) को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण पहल की शुरुआत की है। इस योजना के तहत किसानों को आर्थिक सहायता के साथ-साथ प्राकृतिक खेती से होने वाले दीर्घकालिक लाभ भी दिए जाएंगे। आइए जानते हैं इस योजना की पूरी जानकारी।
किसानों को क्या करना होगा?
अगर आप हिमाचल प्रदेश के किसान हैं और प्राकृतिक खेती से जुड़ना चाहते हैं, तो आपको एक आसान रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया पूरी करनी होगी। राज्य के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने किसानों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए नामांकन प्रक्रिया को सरल बना दिया है।
- ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन: किसान आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर आवेदन कर सकते हैं।
- ऑफलाइन आवेदन: किसान पंचायत कार्यालय में जाकर भी आवेदन पत्र भर सकते हैं।
आवेदन के लिए जरूरी दस्तावेज और जानकारी
प्राकृतिक खेती से जुड़ने के लिए किसानों को निम्नलिखित जानकारी देनी होगी:
- जमीन का विवरण (कितनी भूमि पर खेती की जाती है)
- फसल की जानकारी (किन-किन फसलों की खेती की जाती है)
- पशुपालन का विवरण (यदि पशुपालन किया जाता है)
- प्रशिक्षण से जुड़ी जानकारी (यदि किसी कृषि प्रशिक्षण कार्यक्रम में भाग लिया हो)
इसके बाद किसानों को यह फॉर्म पंचायत में जमा करना होगा, जिसके बाद वे इस योजना का लाभ उठा सकेंगे।
किसानों को होगा सीधा फायदा
हिमाचल प्रदेश सरकार का यह प्रयास किसानों की आर्थिक स्थिति को सुधारने में मददगार साबित हो सकता है।
- फसल का अधिक मूल्य मिलेगा: सरकार प्राकृतिक खेती के तहत उगाई गई फसलों को अधिक दाम पर खरीद रही है।
- सरकार द्वारा खरीदी गई उपज: हाल ही में 1508 किसानों से 398.976 मीट्रिक टन मक्के की खरीद की गई, जिसके लिए किसानों को ₹30 प्रति किलोग्राम की दर से भुगतान किया गया।
- गेहूं के लिए भी विशेष योजना: आने वाले समय में प्राकृतिक रूप से उगाए गए गेहूं की खरीद भी की जाएगी, जिसके लिए सरकार ₹40 प्रति किलोग्राम तक भुगतान कर सकती है।
- ब्रांडेड उत्पादों की बिक्री: सरकार ‘हिम भोग’ ब्रांड के तहत प्राकृतिक मक्के का आटा 1 किलो और 5 किलो के पैकेट में बेच रही है, जिससे किसानों को बेहतर बाज़ार उपलब्ध हो सके।
निष्कर्ष: हिमाचल प्रदेश सरकार की यह पहल किसानों के लिए एक सुनहरा अवसर है। प्राकृतिक खेती अपनाकर न केवल वे अपनी आय बढ़ा सकते हैं, बल्कि स्वास्थ्यवर्धक और टिकाऊ कृषि प्रणाली का भी हिस्सा बन सकते हैं। यदि आप भी इस योजना से जुड़ना चाहते हैं, तो जल्द से जल्द आवेदन करें और प्राकृतिक खेती का लाभ उठाएँ।