हरियाणा सरकार का फसलों की सरकारी खरीद (MSP) और भंडारण के लिए बड़ा फैसला

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हरियाणा फसल खरीद 2021:  सरकार द्वारा फसलों की सरकारी खरीद (MSP-Minimum support price) के बाद उनके भंडारण के लिए तक़रीबन 5 लाख 80 हजार मीट्रिक टन क्षमता के गोदामों (Warehouses) का निर्माण कृषि विभाग, भंडारण निगम, शुगरफेड एवं नगर समितियों की जमीनों पर किया जा रहा है। साथ ही साथ पीपी मोड पर भी 11 लाख 25 हजार मीट्रिक टन क्षमता के स्टील साइलों के निर्माण के प्रस्ताव को भी मंजूरी प्रदान की गई है।

इन नए गोदामों और स्टील साइलों का निर्माण आगामी 2 वर्षों में पूरा कर लिया जाएगा जिससे खुले में नोटिफाइड आइटम के भंडारण की समस्या काफी हद तक ख़त्म हो जायेगी।

हरियाणा गेहूं फसल खरीद का लक्ष्य 2021

हरियाणा राज्य सरकार द्वारा वर्ष 2021-22 के लिए 80 लाख मिट्रिक टन गेहूं खरीदने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. राज्य में इस बार गेहूं की सरकारी मूल्य पर खरीदी का कार्य 01 अप्रैल से शुरू कर दिया जाएगा, पिछली बार 10 अप्रैल से खरीद शुरू हुई थी । जिसके लिए प्रदेश में कुल 400 छोटे-बड़े खरीद सेंटर बनाए जा रहे हैं।

मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर गेहूं की सरकारी मूल्य (MSP) पर बिक्री के लिए अब तक तक़रीबन 7.25 लाख से भी अधिक किसानों (farmers) ने अपना पंजीकरण (Registration) करवा लिया है । इसके अलावा सरसों, जौ, चना, दाल और सूरजमुखी की फसलों के लिए भी न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर खरीद करने की तैयारी चल रही है।

जानकारी के लिए आपको बता दे की पहली बार जौ की फसल को भी एमएसपी मूल्य पर ख़रीदा जाएगा जिसके लिए प्रदेश में 7 ‘मंडियों’ की स्थापना की गई है।

पड़ोसी राज्यों के तक़रीबन 1.03 लाख किसानों ने भी मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर अपना पंजीकरण कराया है।

हरियाणा में अनाज भंडारण क्षमता कितनी है?

हमें मिली जानकारी के मुताबिक राज्य के विभिन्न इलाकों में हरियाणा राज्य भंडारण निगम द्वारा 111 गोदामों का संचालन किया जा रहा है जिनकी कुल भंडारण क्षमता लगभग 2205 लाख टन है. जिसमे से 21 लाख मीट्रिक टन क्षमता के कवर्ड गोदाम हैं।

नमस्कार दोस्तों, मेरा नाम जगत पाल पिलानिया है ! मैं ई मंडी रेट्स (eMandi Rates) का संस्थापक हूँ । मेरा उद्देश्य किसानों को फसलों के ताजा मंडी भाव, कृषि विभाग द्वारा संचालित योजनाओं के साथ-साथ अन्य महत्वपूर्ण जानकारी पहुंचाना है। ई-मंडी रेट्स (e-Mandi Rates) देश का पहला डिजिटल प्लेटफॉर्म है, जो बीते 5 सालों से निरन्तर किसानों के हितों में कार्य कर रहा है।

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