हनुमानगढ़: ऑनलाइन मंडी टोकन नरमा-कपास की समर्थन मूल्य पर सरकारी खरीद के लिए CCI ने जारी की गाइडलाइन

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हनुमानगढ़ ऑनलाइन मंडी टोकन न्यूज़: जिले में नरमा-कपास की समर्थन मूल्य पर सरकारी खरीद 6 अक्टूबर से शुरू हो जायेगी , इसके लिए CCI (भारतीय कपास निगम) द्वारा गाइड लाइन जारी कर दी गई है। इस गाइड लाइन के मुताबिक़ किसानों को अपनी नरमा और कपास की फसल को सरकारी रेट (MSP 2020-21 ) पर बेचने के लिए नजदीकी कृषि उपज मंडी समिति से ऑनलाइन मंडी टोकन (online mandi token) कटवाना अनिवार्य किया गया है।

नरमा कपास ऑनलाइन मंडी टोकन

कृषि उपज मंडी से टोकन लेने के लिए किसानों को अपनी गिरदावरी (Girdawari Slip) देनी होगी जिसके बाद ही सम्बन्धित किसान को मंडी टोकन जारी किया जाएगा । मंडी समिति सचिव सीएल वर्मा ने बताया की एक दिन में एक किसान से 40 क्विंटल कपास की खरीद करेगी। कृषि उपज मंडी समिति द्वारा फैक्ट्री की क्षमता के अनुसार ही टोकन जारी किये जायेंगे ।

New Update 06 October 2020

जिले में नरमा कपास की सरकारी खरीदशुरू नही होने के कारण किसानों ने 6 अक्टूबर को मंडी समिति में सरकारी खरीद की मांग को लेकर रोष जताते हुए मंडी समिति कार्यालय का घेराव कर प्रदर्शन किया. किसानों के गुस्से को देखते हुए अफसरों ने आपसी सलाह-मशवरा कर 15 अक्टूबर 2020 तक टोकन के लिए गिरदावरी की अनिवार्यता को हटाने का निर्णय लिया .

तहसीलदार दानाराम मीणा ने कपास की सरकारी खरीद शुरू करने के लिए वैकल्पिक व्यवस्था बनाने का सुझाव दिया . जिसके बाद अब 15 तारीख तक किसान अपनी जमाबंदी के आधार पर टोकन कटवा सकेंगे .लेकिन इसके बाद गिराव्री की शर्त को फिर से लागू कर दिया जाएगा .

नरमा कपास का सरकारी रेट

कपास में 8 % तक की नमी होने पर हनुमानगढ़ मंडी में नरमा भाव 5725 रूपये प्रति क्विंटल है और हनुमानगढ़ को छोड़कर जिले की अन्य अभी कृषि उपज मंडियों जैसे संगरिया, पीलीबंगा, गोलूवाला, रावतसर मंडी में 5665 रुपए प्रति क्विंटल रहेगा समर्थन मूल्य ।

इसके अलावा 9 से 12 प्रतिशत की नमी पाए जाने पर 229 रूपये की कटौती की जायेगी यानि 5429 रूपये प्रति क्विंटल के हिसाब से भाव मिलेंगे .

नरमें-कपास में यदि नमी 12 प्रतिशत से अधिक पाई जाती है तो उससे CCI द्वारा नही ख़रीदा जाएगा .

ऑनलाइन मंडी टोकन कटवाने के लिए आवश्यक दस्तावेज

हनुमानगढ़ जिले में नरमा-कपास की सरकारी खरीद के लिए कृषि उपज मंडी केंद्रों पर ऑनलाइन पंजीकरण कार्य 01 अक्टूबर से शुरू कर दिया गया है। गौरमतलब है की जिले में नरमें की सरकारी खरीद का कार्य 6 तारीख से शुरू हो जाएगा। ऐसे में सीसीआई (भारतीय कपास निगम) द्वारा जारी गाइड लाइन के मुताबिक़ किसानों को फसल बेचने के लिए टोकन कटवाना होगा।

टोकन कटवाने के लिए किसानों को जिन-जिन कागजात की आवश्यकता पड़ेगी उसकी लिस्ट आप यहाँ देख सकते है .

  1. किसान का आधार कार्ड
  2. आधार से जुड़ा मोबाइल नंबर
  3. गिरदावरी प्रमाण पत्र

नोट : न्यूनतम समर्थन मूल्य पर अपना नरमा-कपास (कॉटन) बेचने के लिए किसान को टोकन हेतु उपरोक्त दिए गए सभी तीनों आवश्यक दस्तावेज की फोटोकॉपी लेकर अपनी नजदीकी कृषि उपज मंडी समिति कार्यालय में जाकर अपना ऑनलाइन पंजीकरण करवाना अनिवार्य है।

खरीद हेतु आवश्यक दस्तावेज

नरमा-कपास को समर्थन मूल्य पर बेचने के लिए किसान को CCI द्वारा जारी गाइड लाइन के मुताबिक़ पहले टोकन कटवाना होगा , जिसके बाद ही किसान को नरमा तोल तारीख की जानकारी प्रदान कर दी जायेगी की उक्त किसान को किस दिन किस फैक्ट्री में अपना नरमा लेकर जाना है।

ध्यान रहे जिस दिन आप की फसल का तोल होगा तो खरीद हेतु आपको कुछ जरुरी दस्तावेजों (Documents) की आवश्यकता होगी , आपको उन्हें फसल बेचने जाते वक्त अपने साथ लेकर जाना होगा। आइये जाने आपको क्या-क्या कागताज की जरूरत पड़ेगी..

  • किसान की एक पासपोर्ट साइज की फोटो
  • आधार कार्ड की फोटोकॉपी
  • मोबाइल नंबर
  • बैंक पासबुक (जिस खाते में आप अपनी फसल का पैसा मंगवाना चाहते हैं उसकी फोटो कॉपी)
  • गिरदावरी प्रमाण पत्र (ध्यान रहे कि आप की गिरदावरी पटवारी द्वारा प्रमाणित की हुई होनी चाहिए)
  • जो किसान ठेके पर जमीन लेकर काश्त करते हैं, उनको 100 रुपए के स्टांप पेपर पर शपथ पत्र प्रस्तुत करना होगा। (Contract Farmers Will Have To Give Affidavit)

उपरोक्त सभी दस्तावेजों की फोटोकॉपी फसल बेचते समय अवश्य साथ में लेकर जाए। किसानों को ये सभी दस्तावेज मंडी समितियों में जमा करवाने होंगे।

आज के मंडी भाव यहाँ देखें

नमस्कार दोस्तों, मेरा नाम जगत पाल पिलानिया है ! मैं ई मंडी रेट्स (eMandi Rates) का संस्थापक हूँ । मेरा उद्देश्य किसानों को फसलों के ताजा मंडी भाव, कृषि विभाग द्वारा संचालित योजनाओं के साथ-साथ अन्य महत्वपूर्ण जानकारी पहुंचाना है। ई-मंडी रेट्स (e-Mandi Rates) देश का पहला डिजिटल प्लेटफॉर्म है, जो बीते 5 सालों से निरन्तर किसानों के हितों में कार्य कर रहा है।

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