Wheat Price: गेहूं के मुख्य पैदावार वाले राज्यों की महत्वपूर्ण थोक मंडियों में सप्लाई एवं उपलब्धता की स्थिति टाईट होने से गेहूँ के भावों में तेजी का माहौल पिछले महीनो से जारी रहने से मिलर्स प्रोसेसर्स को हो रही कठिनाई को ध्यान में रखते हुए केन्द्र सरकार ने भारतीय खाद्य निगम FCI के खुले बाजार बिकवाली योजना OMSS के तहत अपने बफर स्टॉक से 25 लाख टन गेहूं उतारने का निर्देश दिया है। हर हफ्ते E टेन्डर के जरिए फ्लोर मिलर्स गेहूं से बनने वाले उत्पादों के निर्माताओं प्रोसेसर्स तथा अंतिम उपयोगकर्ताओं को इस गेहूं की बिकवाली की जाएगी खाद्य महंगाई को नियंत्रित करने के लिए खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग ने यह निर्णय लिया है।
हर हफ्ते E टेन्डर के माध्यम से प्राइवेट पार्टियों को 31 मार्च 2025 तक इस गेहूं की बिकवाली की जाएगी इसका न्यूनतम आरक्षित भाव पहले ही नियत किया जा चुका है जो सामान्य औसत क्वालिटी FAQ के लिए 2325 रुपए प्रति क्विंटल तथा URS के लिए 2300 रुपए प्रति क्विंटल है। यह 2024 से 25 के रबी मार्केटिंग सीजन सहित सभी पिछले सीजन के दौरान खरीदे गए गेहूं के लिए रिजर्व भाव है।
गेहूं का घरेलू बाजार भाव पिछले करीब एक साल से ऊंचा एवं तेज चल रहा है और दिल्ली समेत कई मंडियों में यह 3000 रुपए प्रति क्विंटल की सीमा को पहले ही पार कर चुका है। इससे इसके भाव संवर्धित उत्पादों का भाव भी काफी बढ़ गया है, जिससे उपभोक्ताओं को कठिनाई हो रही है।
केन्द्र सरकार इससे पूर्व उन 10 राज्यों में सार्वजनिक वितरण प्रणाली PDS के तहत राशन कार्ड धारकों में मुफ्त वितरण के लिए 35 लाख टन गेहं आवंटित कर चुकी है जहां पहले इसे रोक दिया गया था ।
इसके अलावा भारत ब्रांड नाम के तहत 300 रुपए प्रति 10 किलो की दर से आटा की बिकवाली भी की जा रही है, लेकिन खुले बाजार भाव पर जब इसका कोई असर नहीं पड़ा और मिलर्स- प्रोसेसर्स की जबरदस्त मांग का दबाव बरकरार रहा। तब सरकार ने OMSS के तहत गेहूं की बिकवाली का निर्णय ले लिया।
व्यापार आपने विवेक से करें।