Garlic Seeds Subsidy: उत्तर प्रदेश में लहसुन की बढ़ती मांग और बढ़ती कीमतों को देखते हुए राज्य सरकार ने एक नई पहल की है। प्रदेश में लहसुन की खेती को प्रोत्साहित करने के लिए विशेष योजना शुरू की गई है, जिससे किसानों को आर्थिक सहयोग मिलेगा और राज्य में लहसुन उत्पादन में वृद्धि हो सकेगी। इस योजना के तहत, राज्य के उद्यान विभाग ने प्रति हेक्टेयर 30,000 रुपये की अनुमानित इकाई लागत तय की है, जिसमें किसानों को प्रति हेक्टेयर 40% (अधिकतम 12,000 रुपये) तक अनुदान दिया जाएगा।
योजना की प्रमुख विशेषताएं
यूपी सरकार की इस योजना के अनुसार:
- अनुदान: किसानों को प्रति हेक्टेयर 40% (अधिकतम 12 हजार रुपये) का अनुदान मिलेगा, जो 0.2 हेक्टेयर से 4 हेक्टेयर तक की भूमि पर लागू होगा।
- बीज की आपूर्ति: किसानों को राष्ट्रीय बागवानी अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान, नई दिल्ली से लहसुन का बीज उपलब्ध कराया जाएगा।
- क़ीमत : बीज की कीमत 370 से 390 रुपये प्रति किलोग्राम रखी गई है, जिससे किसानों को सस्ते दर पर गुणवत्तापूर्ण बीज मिल सके।
- लक्ष्य: योजना के तहत प्रदेश में 10,000 हेक्टेयर अतिरिक्त क्षेत्र में लहसुन की खेती का लक्ष्य रखा गया है।
ऑनलाइन पंजीकरण की सुविधा
इच्छुक किसान योजना का लाभ “पहले आओ, पहले पाओ” के आधार पर उठा सकते हैं। इसके लिए किसानों को अपने जिले के जिला उद्यान अधिकारी कार्यालय में संपर्क करना होगा या विभाग की आधिकारिक वेबसाइट dbt.uphorticulture.in पर ऑनलाइन पंजीकरण करना होगा।
मसाला क्षेत्र विस्तार कार्यक्रम के तहत मंजूरी
प्रदेश में लहसुन की बढ़ती मांग को पूरा करने और इसकी गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए इस योजना को केंद्र सरकार के सहयोग से लागू किया गया है। वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए इस योजना के प्रस्ताव को कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा मंजूरी दी गई है, जिससे प्रदेश में लहसुन उत्पादन को नई ऊंचाइयां मिल सकेंगी।
45 जिलों में लागू होगी योजना
यह योजना उत्तर प्रदेश के 45 चुनिंदा जिलों में शुरू की गई है, जिसमें सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, मेरठ, बुलंदशहर, गाजियाबाद, बरेली, मुरादाबाद, आगरा, मथुरा, मैनपुरी, हाथरस, कानपुर, इटावा, कन्नौज, लखनऊ, उन्नाव, सीतापुर, रायबरेली, बाराबंकी, सुल्तानपुर, प्रयागराज, कौशाम्बी, प्रतापगढ़, वाराणसी, जौनपुर, गाजीपुर, बस्ती, संतकबीरनगर, सिद्धार्थनगर, बलिया, कुशीनगर, महराजगंज, बांदा, हमीरपुर, जालौन, चित्रकूट, महोबा, ललितपुर, मिर्जापुर, सोनभद्र, भदोही, गोरखपुर, झांसी, अयोध्या, और फर्रुखाबाद शामिल हैं। इस मिशन के तहत केंद्र और राज्य का अंशदान क्रमशः 60% और 40% तय किया गया है।
निष्कर्ष
इस योजना से न केवल किसानों की आय में वृद्धि होगी, बल्कि उत्तर प्रदेश में लहसुन उत्पादन भी बढ़ेगा। सरकारी सहायता और अनुदान के माध्यम से किसानों को लाभ मिलेगा, जिससे वे बेहतर उत्पादन तकनीकें अपनाने के लिए प्रोत्साहित होंगे। लहसुन की बढ़ती मांग को ध्यान में रखते हुए, यह योजना राज्य में आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
नोट: किसान इस योजना में शामिल होने से पहले सभी शर्तों को भली-भांति समझें और अपने क्षेत्र के जिला उद्यान अधिकारी से सलाह लेकर ही पंजीकरण करें।