सरसों की साप्ताहिक तेजी मंदी रिपोर्ट 2 दिसंबर 2024: नमस्कार किसान भाइयों, पिछले हफ़्ते सोमवार को जयपुर मंडी में सरसों का भाव ₹6600 प्रति क्विंटल पर खुला और हफ़्तेभर की उठापटक के बाद शनिवार को में इसी स्तर पर बंद हुआ। सरसों बाजार में मांग सीमित रहने से मिला-जुला रुख दर्ज किया गया। हालांकि, अंतरराष्ट्रीय खाद्य बाजार में मजबूती के चलते गिरावट सीमित रही और सप्ताहांत में कुछ सुधार देखने को मिला।
क्रशिंग और खल की गिरावट
सरसों तेल के भाव स्थिर रहने के बावजूद खल के भाव में ₹50 प्रति क्विंटल की गिरावट दर्ज हुई। क्रशिंग में डिस्पैरिटी के कारण मिलर्स ऊंचे भाव पर खरीदारी से बच रहे हैं। हालांकि, सरसों सीड की सप्लाई टाइट होने के कारण मिलर्स ने स्टॉक बनाने के लिए घटे भाव का फायदा उठाया।
नाफेड की बिकवाली और उत्पादन पर असर
नाफेड ने अब तक करीब 10 लाख टन सरसों बेचा है, जिससे उसके पास 14-15 लाख टन स्टॉक बचा है। राजस्थान और गुजरात में बुवाई में कमी के चलते अगले सीजन में सरसों उत्पादन में 10-15% की गिरावट का अनुमान है।
लंबी अवधि में सरसों की मजबूती
सिमित सप्लाई और उत्पादन में गिरावट के चलते लम्बी अवधि का नजरिया सरसो में मजबूत है। हालांकि, निकट भविष्य में इसका रुख अंतरराष्ट्रीय खाद्य तेल बाजार और नाफेड/हाफेड की बिकवाली पर निर्भर करेगा।
बाज़ार के फंडामेनेटल
- सपोर्ट स्तर: जयपुर सरसों का भाव ₹6525 प्रति क्विंटल पर अच्छा सपोर्ट दिखा रहा है।
- निकट भविष्य की चाल: सरसों के भाव में ₹75-100 की गिरावट और ₹150-200 की तेजी का दायरा बन सकता है।
- ट्रेंड: जब तक सरसों का भाव ₹6525 के ऊपर बना रहता है, तब तक ट्रेंड मजबूत रहेगा।
विशेषज्ञों की सलाह
सरसों बाजार में खरीदारी या बिक्री करते समय अंतरराष्ट्रीय खाद्य तेल बाजार की चाल और नाफेड की बिकवाली पर नज़र रखना महत्वपूर्ण होगा। लंबी अवधि में सरसों में निवेश फायदेमंद हो सकता है, लेकिन निकट भविष्य में सीमित उतार-चढ़ाव की संभावना बनी रहेगी।
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डिस्क्लेमर : किसान साथियों उक्त रिपोर्ट में दी गई सभी जानकारी सामान्य जानकारी के लिए दी गई है । किसी भी प्रकार के व्यापार के लिए अपने ख़ुद के विवेक का इस्तेमाल करें । धन्यवाद