नई दिल्ली : खाद्य तेलों के वैश्विक बाजार मूल्य में दबाव बरकरार रहने के आसार अंतरराष्ट्रीय बाजार (International market) में विभिन्न खाद्य तेलों एवं तिलहनों (Edible Oils & Oilseeds) का भाव अपने शीर्ष स्तर की तुलना में अब 50 प्रतिशत से अधिक घट चुका है। निकट भविष्य में इसकी कीमतों पर दबाव बरकरार रहने की संभावना है।
रूस-यूक्रेन में सूरजमुखी तेल, ब्राजील में सोयाबीन तेल, मलेशिया-इंडोनेशिया में पाम तेल तथा कनाडा में कैनोला तेल का दाम घटकर काफी नीचे आ गया है। इसी तरह यूरोपीय संघ में रेपसीड तेल (Rapeseed Oil) एवं भारत में सरसों तेल (Mustard Oil) के मूल्य में भारी गिरावट आ चुकी है।
उधर चीन में सोयाबीन के आयात की गति धीमी पड़ने लगी है। क्योंकि वहां कस्टम विभाग द्वारा आयातित माल की जांच-पड़ताल अत्यन्त सख्ती से की जा रही है। जिसके चलते ब्राजील में सोयाबीन एवं सोया तेल की कीमत नरम पड़ गई है।
यूक्रेन से सूरजमुखी तेल का निर्बाध निर्यात शिपमेंट नहीं हो रहा है। और घरेलू स्टॉक बढ़ता जा रहा है। रूस आक्रामक ढंग से अपने सूरजमुखी तेल का निर्यात बढ़ाने की प्रयास कर रहा है, जिससे यूक्रेन की चुनौतियां और बढ़ गई हैं।
अमरीका में सोयाबीन की अच्छी बिजाई हो रही है और मौसम अनुकूल रहने पर इसके उत्पादन में बढ़ोतरी हो सकती है।
कुआलालम्पुर स्थित बुर्सा मलेशिया डेरीवेटिव्स (बीएमडी) एक्सचेंज में मई के अंतिम दिन क्रूड पाम तेल (CPO) का वायदा भाव अगस्त अनुबंध के लिए घटकर 3281 रिंगिट या 712.31 डॉलर प्रति टन पर आ गया जिससे स्पष्ट संकेत मिलता है कि आगामी महीनों में भी खाद्य तेल बाजार पर दबाव कायम रह सकता है।
यूक्रेन में तो सूरजमुखी तेल का दाम घटकर 700 डॉलर प्रति टन से भी नीचे आ गया। इससे अन्य निर्यातक देशों को अपने खाद्य तेलों के निर्यात ऑफर मूल्य कटौती करने के लिए बाध्य होना पड़ सकता है। पिछले साल इसके दाम में जिस तीव्र गति से तेजी आई थी उसी तेज रफ्तार से इस बार दाम घटता जा रहा है।
डिस्क्लेमर :
उपरोक्त जानकारी मौजूदा स्थित और फ़ंडामेंटल के आधार पर केवल सामान्य विश्लेषण के लिए है। कृपया किसी भी प्रकार का व्यापार अपने विवेक से करें।