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Teji Mandi Report: मूंगफली तेल-तिलहन में गिरावट, सरसों और सोयाबीन तेल में सुधार, देखें साप्ताहिक रिपोर्ट

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Teji Mandi Report: पिछले सप्ताह वैश्विक बाजारों में मजबूती और घरेलू मंडियों में आवक घटने से अधिकांश खाद्य तेल-तिलहन की कीमतों में सुधार देखा गया। सरसों, सोयाबीन, कच्चा पाम तेल (CPO), और पामोलीन के दाम बढ़कर बंद हुए, जबकि मूंगफली तेल की कीमतों में गिरावट जारी रही।

मूंगफली तेल की कीमतों में गिरावट
मूंगफली की आवक में बढ़ोतरी के बावजूद मांग कमजोर रहने से इसके तेल-तिलहन के दाम में गिरावट दर्ज की गई। इसके अतिरिक्त, आयातित खाद्य तेलों पर शुल्क बढ़ाने से मूंगफली तेल का थोक दाम करीब 12% घटा, जिससे यह पामोलीन तेल की कीमत से भी 5-7 रुपये प्रति किलो सस्ता हो गया। हालांकि, आम उपभोक्ताओं तक इस गिरावट का लाभ कितना पहुंच रहा है, इस पर ध्यान देने की आवश्यकता है।

सरसों तेल-तिलहन में सुधार
सरसों की आवक घटकर प्रतिदिन लगभग 1.5 लाख बोरी रह गई है, जबकि खपत 3.5-4 लाख बोरी है। पामोलीन तेल के दाम अब सरसों से अधिक होने के कारण सरसों की खपत बढ़ने की संभावना है। इस मांग ने सरसों के दाम में मजबूती लाई, जिससे जयपुर में सरसों का थोक भाव 6600 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ।

सोयाबीन तेल-तिलहन की स्थिति
सोयाबीन की आवक घटने से इसके तेल-तिलहन के दाम में भी तेजी आई। पिछले सप्ताह की तुलना में इसकी आवक लगभग 50% घटकर 3.5 लाख बोरी रह गई। सरकार से आग्रह किया गया है कि सोयाबीन डी-ऑयल्ड केक (डीओसी) के निर्यात को प्रोत्साहित करने के लिए सब्सिडी दी जाए, जिससे किसानों को बेहतर लाभ मिल सके।

पाम और पामोलीन तेल के दामों में बढ़ोतरी
मलेशिया में सीपीओ के दाम 1230-1240 डॉलर प्रति टन से बढ़कर 1270 डॉलर प्रति टन होने के कारण भारत में भी पाम और पामोलीन के दाम बढ़े। कच्चे पाम तेल का थोक भाव 1300 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ।

कपास और बिनौला खल की स्थिति
कपास की आवक 2.05 लाख गांठ से घटकर 1.30 लाख गांठ पर आ गई। वहीं, बिनौला खल का वायदा भाव 3800 रुपये क्विंटल से घटकर 2715 रुपये क्विंटल हो गया। किसानों का कहना है कि वायदा कारोबार का उद्देश्य मिलवालों की हेजिंग होना चाहिए, न कि भाव गिराकर सस्ते में खरीद करना।

खाद्य तेलों के आयात पर सरकार का रुख
सरकार को देशी तेल-तिलहन के उत्पादन और बाजार को बढ़ावा देने पर ध्यान देना चाहिए। इसके अलावा, यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि सस्ते तेल का लाभ उपभोक्ताओं तक पहुंचे।

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डिस्क्लेमर : किसान साथियों उक्त रिपोर्ट में दी गई सभी जानकारी इंटरनेट पर मौजूद सार्वजनिक स्रोतों से जुटाई गई है। किसी भी प्रकार के व्यापार के लिए अपने ख़ुद के विवेक का इस्तेमाल करें । लाभ अथवा हानि की हमारी कोई जिम्मेदारी नहीं होगी।

नमस्ते! मैं जगत पाल ई-मंडी रेट्स का संस्थापक, बीते 7 साल से पत्रकारिता कर रहा हूं। मुझे खेती-किसानी, मंडी भाव की जानकारी में महारथ हासिल है । यह देश का पहला डिजिटल कृषि न्यूज़ प्लेटफॉर्म है, जो बीते 5 सालों से निरन्तर किसानों के हितों में कार्य कर रहा है। किसान साथियों ताजा खबरों के लिए आप हमारे साथ जुड़े रहिए। धन्यवाद

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