MCX Cotton News : सेबी ने कपास वायदा पर से प्रतिबंध हटा लिया है। मल्टी एक्सचेंज यानि कमोडिटी एमसीएक्स पर कॉटन (MCX Cotton) का वायदा 13 फरवरी से शुरू होगा। अप्रैल, जून और अगस्त का वायदा कारोबार किया जा सकता है। कपास बाजार के जानकारों का अनुमान है कि कपास वायदा शुरू होने के बाद कपास बाजार को भी सहारा मिल सकता है।
सेबी ने कपास वायदा के नियम व शर्तों में बदलाव के लिए जनवरी वायदा शुरू करने पर रोक लगा दी थी। लेकिन जनवरी का महीना समाप्त होने के बाद भी एमसीएक्स वायदा नहीं खुला। जनवरी में कपास की कीमतों में नरमी आई। कपास की कीमतों में गिरावट के लिए केवल वायदा ही जिम्मेदार नहीं था। लेकिन फ्यूचर्स अगले कुछ महीनों में रेट के बारे में जानकारी देते हैं। इसलिए किसानों ने वायदा शुरू करने की मांग की।
किसान नेता अनिल घनवत के नेतृत्व में स्वतंत्र भारत पार्टी ने भी सेबी के मुद्दे के खिलाफ मार्च निकाला था। उस समय वादा किया गया था कि कपास का वायदा जल्द शुरू होगा। एमसीएक्स ने वायदा के नियम और शर्तों में बदलाव किया है। इसके अलावा, एमसीएक्स ने एक सर्कुलर जारी करते हुए घोषणा की कि वह कपास का वायदा शुरू करेगा।
MCX Cotton खंडी में होगा कारोबार
कपास का वायदा 13 फरवरी से शुरू होगा। एमसीएक्स ने कहा है कि अप्रैल, जून और अगस्त महीने का वायदा 13 फरवरी से शुरू होगा। यानि तीन महीने का फ्यूचर मिलेगा। एमसीएक्स ने कॉटन फ्यूचर्स के सिंबल, डिस्क्रिप्शन, ट्रेडिंग यूनिट, कोटेशन, अधिकतम ऑर्डर साइज, टिक साइज, डिलीवरी यूनिट और सेंटर, क्वालिटी स्पेसिफिकेशन आदि को बदल दिया। पीएसी के सदस्यों का कहना है कि इन बदलावों से कारोबारियों और व्यापारियों को कारोबार करने में आसानी होगी। एक अहम बदलाव यह है कि एमसीएक्स अब तक बंडलों में कारोबार करता था। लेकिन अब से लेन-देन खंडी में होने जा रहा है। एक खंडी करीब 356 किलो की होती है।
पहले 25 गांठों की एक व्यापारिक इकाई थी। अब इसमें 48 खंड होंगे। अधिकतम आदेश आकार भी बदला गया था। अधिकतम ऑर्डर आकार 1200 गांठों के बजाय घटाकर 576 गांठ कर दिया गया। अधिकतम खुली स्थिति में भी बड़े बदलाव किए गए थे। एक ग्राहक 9 हजार 600 खंडी की खुली स्थिति ले सकता है। यानी 20 हजार गांठ। पहले तीन लाख 40 हजार गांठ की सीमा थी। साथ ही, सभी ग्राहकों के लिए संयुक्त रूप से खुली ब्याज सीमा को बढ़ाकर 96,000 खंडी कर दिया गया है यानी 2 लाख गांठ। पहले यह 34 लाख गांठ थी।
जोड़े नए डिलीवरी केंद्र
एमसीएक्स ने कुछ नए डिलीवरी केंद्र जोड़े हैं। इससे पहले में यवतमाल और इसमें महाराष्ट्र जालना, गुजरात में काडी और मुंद्रा तथा तेलंगाना में आदिलाबाद केंद्र शामिल थे। लेकिन अब इस केंद्र के अलावा मध्य प्रदेश के इंदौर, राजस्थान के भीलवाड़ा, आंध्र प्रदेश के गुंटूर, कर्नाटक के रायचूर और तमिलनाडु के सलेम में भी केंद्र शुरू किए जाएंगे। इसलिए, किसान वायदा शुरू होने वाले महीनों में कीमत का अनुमान लगा सकेंगे। इससे हाजिर बाजार में कीमतों को सुधारने में भी मदद मिल सकती है। लेकिन दरें हमेशा नहीं बढ़ती हैं। यह भी कहा जाता है कि वायदा में किसानों का लेन-देन नहीं होता है। वायदा कच्चे कपास में नहीं बल्कि कपास में सौदा करते हैं। इसलिए कपास तैयार करने के बाद किसान अपनी कपास को बाजारों के माध्यम से बेच सकते हैं। लेकिन व्यापारी और उद्योग वायदा के जरिए जोखिम का प्रबंधन कर सकते हैं। इससे कपास के व्यापार को बढ़ाने में मदद मिलेगी। कहा जा रहा है कि अगर वायदा कारोबार शुरू होता है तो कपास की कीमतों में सुधार हो सकता है।
Kapas rate me uchal rahega ferbrey mahine me