रायपुर: छत्तीसगढ़, जो केंद्रीय पूल में चावल का एक प्रमुख योगदानकर्ता राज्य है, इस साल भी धान खरीद (Paddy Procurement) के क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रहा है। 14 नवंबर से शुरू हुए धान खरीदी अभियान के 28 दिनों के भीतर राज्य ने अपने निर्धारित 160 लाख टन लक्ष्य का 25% से अधिक हासिल कर लिया है।
अब तक 45.70 लाख टन धान की हुई खरीदी
आधिकारिक जानकारी के अनुसार, अब तक 45.70 लाख टन से अधिक धान की खरीद की जा चुकी है। किसानों को उनकी फसल का उचित मूल्य सुनिश्चित करने के लिए 2300 रुपए प्रति क्विंटल का भुगतान किया जा रहा है। इसके अलावा, 800 रुपए प्रति क्विंटल की इनपुट सब्सिडी की राशि बाद में किसानों के खाते में जमा की जाएगी। इसे भी पढ़े – धान की ताजा कीमतें: 4425 पर पहुंचा 1121 का भाव, जाने सभी मंडियों के टॉप रेट
किसानों के खातों में 10,000 करोड़ रुपए का भुगतान
धान की बिक्री के एवज में किसानों के बैंक खातों में 10,000 करोड़ रुपए की राशि प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (DBT) के माध्यम से जमा कर दी गई है। यह सुनिश्चित करता है कि किसानों को समय पर भुगतान हो और वे अपनी आर्थिक जरूरतों को पूरा कर सकें।
प्रशासनिक तैयारियां: क्रय केंद्र और रजिस्ट्रेशन
इस वर्ष धान खरीदी के लिए राज्यभर में 2739 क्रय केंद्र स्थापित किए गए हैं। कुल 27.68 लाख किसानों ने धान बेचने के लिए पंजीकरण कराया, जिनमें से 6.80 लाख किसान पहले ही अपनी फसल बेच चुके हैं।
चावल मिलिंग और धान का उठाव
धान खरीद के साथ-साथ राज्य में धान का उठाव भी तेज गति से हो रहा है। चावल मिलों में मिलिंग और प्रोसेसिंग का काम भी शुरू हो चुका है, जिससे मंडियों में भीड़ और अव्यवस्था की स्थिति नहीं बन रही है।
अब तक चावल मिलिंग के लिए 865 मिलर्स ने आवेदन किया है, जिनमें से 252 चावल मिलों का नामांकन पूरा हो चुका है।
धान की पैकिंग के लिए कुल 4 लाख बंडल गन्नी बोरियों की आवश्यकता है। इसमें से 3.51 लाख बंडल पहले ही उपलब्ध करा दिए गए हैं। शेष बंडल अगले 15 दिनों के भीतर उपलब्ध कराए जाएंगे, जिससे खरीदी प्रक्रिया में कोई रुकावट न हो।
छत्तीसगढ़: किसानों की उपज का बड़ा केंद्र
राज्य सरकार द्वारा उठाए गए त्वरित कदमों और बेहतर प्रशासनिक प्रबंधन के कारण इस बार धान खरीदी में अभूतपूर्व सफलता देखी जा रही है। किसानों को उचित मूल्य और समय पर भुगतान से उनकी आर्थिक स्थिति को मजबूती मिलेगी, वहीं चावल मिलिंग की सुचारू प्रक्रिया से पूरे राज्य में खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने में भी मदद मिलेगी।
हेल्पलाइन नंबर जारी
राज्य सरकार धान उपार्जन केन्द्रों में शिकायत और निवारण के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किए है, जिसका नंबर 0771-2425463 है। धान बेचने में यदि किसी भी किसान को कोई समस्या आ रही है तो वो इस हेल्पलाइन नंबर पर फोन कर सकते हैं।