भाव भविष्य 2023: बीते सप्ताह चना, मसूर, मटर, उड़द और मूंग का बाजार भाव और तेजी-मंदी की विस्तृत जानकारी ई-मंडी रेट्स के इस आर्टिकल में प्रकाशित की जा रही ताकि आप इस विश्लेषण को पढ़ कर आने वाले दिनों में बाजार का रूख क्या कुछ रह सकता है इसका अनुमान लगा सके। आइये पढ़े, साप्ताहिक रिपोर्ट
चना सप्ताहिक रिपोर्ट
पिछला सप्ताह सुरुवात सोमवार दिल्ली राजस्थान लाइन पुराना चना 5275 रुपये पर खुला था और शनिवार शाम 5350 रुपये पर बंद हुआ। बीते सप्ताह के दौरान चना चना दाल बेसन में मांग निकलने से चना भाव में +75 रूपये कुन्टल की मजबूत दर्ज हुआ, पिछले सप्ताह हाजिर चना में मजबूती का ट्रेंड दिखा।
राजस्थान-मध्य प्रदेश में बारिश से चना को कही कही नुकसान भी दिखा। पिछले सप्ताह भी मध्यप्रदेश राजस्थान के कई इलाकों में अच्छी बारिश। चना उत्पादन इस सीजन 70 लाख टन से अधिक नहीं। नाफेड और प्राइवेट स्टॉक 22-25 लाख टन के आसपास। चना उत्पादन कमजोर रहने से भविष्य मजबूत चना इस सप्ताह दिल्ली अच्छी मजबूती दर्ज कर सकता है।
काबुली चना सप्ताहिक रिपोर्ट
पिछला सप्ताह सुरुवात सोमवार इंदौर काबुली (40/42) 11800 रुपये पर खुला था और शनिवार शाम (40/42) 12400 रुपये पर बंद हुआ। बीते सप्ताह के दौरान चना काबुली मे मांग निकलने से +600 रूपये प्रति कुन्टल की मजबूत दर्ज हुआ, रामनवमी और मार्च एन्ड अवकाश के कारण मंडियों में आवक रही कमजोर। काबुली की आवक अभी तक सीजन में अच्छी रही। भाव ऊंचा होने के कारण किसान माल नहीं रोक रहा। जानकारी के अनुसार मंडियों में जो आ रही उसकी क्वालिटी आवक संतोषजनक नहीं। बोल्ड काउंट बनाने के लिए अच्छी क्वालिटी की सप्लाई काफी कमजोर है।
दूसरी बात काबुली में इस वर्ष अच्छी बोआई के बाद अब कमजोर यील्ड के कारण उत्पादन में गिरावट की आशंका बनती नजर आ रही है। इस बीच खबर है की अल्जीरिया द्वारा बोल्ड (10-12 काउंट) काबुली खरीदी के लिए टेंडर जारी किया गया है। विदेशों में काबुली की सप्लाई कमजोर है। खासकर बोल्ड काउंट की कमी बहुत अधिक है। हमारा मानना है की काबुली में घटबढ़ के साथ धीरे धीरे भविष्य मजबूत रहने की संभावना। काबुली चना (42-44) 11000 के ऊपर है मजबूती का ट्रेंड काबुली चना (42-44) जब तक 13200 के ऊपर अच्छी मजबूती दिखा सकता है।
मसूर सप्ताहिक रिपोर्ट:
पिछला सप्ताह सुरुवात सोमवार कटनी मसूर 6100 रुपये पर खुला था ओर शनिवार 6150/75 रुपये पर बंद हुआ बीते सप्ताह के दोरान मसूर व मसूर दाल मे मांग निकलने से +75 रूपये प्रति कुंटल की मजबूत दर्ज हुआ, दिल्ली की तरफ मसूर में मांग अच्छी थी। जबकि अन्य खपत केंद्रों से मांग औसत पिछले सप्ताह मार्च एन्ड के कारण मंडियां बंद रहने से आवक और कारोबार कम रहा।
तुवर दाल के दाम में जारी वृद्धि के कारण सस्ते विकल्प के तौर पर मसूर की खपत बढ़ने की उम्मीद। इस बीच मध्य प्रदेश में एमएसपी 6000 पर मसूर की खरीदी शुरू हो गई। जिससे भाव को सपोर्ट मिला ।
अंतराष्ट्रीय बाजार कनाडा ऑस्ट्रेलिया में भी मसूर मजबूती, बिकवाली कमजोर रही। हमारा मानना है की कटनी मसूर 5800-6250 की रेंज में रहने की संभावना। यदि 6250 के ऊपर (साप्ताहिक बंद) कटनी मसूर बंद होता है तो 6400-6500 तक लक्ष्य बन सकता है। वर्तमान भाव में मसूर में अधिक घटबढ़ नहीं लगती इसलिए जरुरत अनुसार खरीदी की जा सकती है।
मटर सप्ताहिक रिपोर्ट
पिछले सप्ताह सुरुवात सोमवार कानपुर यूपी 4450/4650 रुपये पर खुला था ओर शनिवार शाम 4600/4750 रुपये पर बंद हुआ बीते सप्ताह के दौरान मटर मे मांग उठा-पटक के साथ मांग बनी रहने से +100 रूपये प्रति कुन्टल मजबूत दर्ज हुआ।
मटर दाल मटर की तेजी के सपोर्ट व मांग बढ़ने से चालू सप्ताह के दौरान मटर दाल की कीमतों में 100/150 रुपए प्रति क्विंटल का सुधार दर्ज किया गया। मटर बुवाई कमजोर रहने से इस मटर का उत्पादन कमजोर रह सकता है।
उत्पादक मंडियों में आवक कमजोर को देख स्टॉकिटो की सक्रियता बढ़ने लगी है। झांसी लाइन में हो गई है। ललितपुर में भी कुछ बढ़ाकर बोलने लगे हैं। जिससे मटर की बढ़ती कीमतों को समर्थन मिल रहा है। मौसम ख़राब होने से हरी मटर में इस साप्ताह लिवाली अच्छी रही जिसके सपोर्ट से सफ़ेद मटर की कीमतें बढ़ी।
हम मानते हैं कि आवक बढ़ने लगी है, लेकिन माल की उपलब्धि गत वर्ष की समान अवधि की तुलना में कम है, इसलिए इस बार व्यापार में जोखिम नहीं लग रहा है। दाल मिलर्स व स्टाकिस्टों की पूछ परख बढ़ने से मटर में इस सप्ताह बढ़ोतरी दर्ज की गयी। उत्पादक मंडियों में आवक कमजोर पड़ने व चना की तेजी के सपोर्ट से मटर की कीमतों में और बढ़त देखी जा सकती है।
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उड़द सप्ताहिक रिपोर्ट
पिछले सप्ताह सुरुवात सोमवार चेन्नई एसक्यू 8100 रुपये पर खुला था ओर शनिवार शाम एसक्यू 8200 रुपये पर बंद हुआ बीते सप्ताह के दौरान मांग बनी रहने से +100 रूपये प्रति कुन्टल की मजबूत दर्ज हुआ। उड़द में पिछले 3-4 सप्ताह से मजबूत का रुख बना हुआ है। देशी उड़द की कमजोर सप्लाई, सिमित आयात और सामान्य मांग के कारण मजबूती। मजबूती का एक कारण शार्ट सेल्लिंग है। जो बर्मा से धीमी आयात और कमजोर बिकवाली में फंस गए। बाजार तेज होने के एक कारण शार्ट सेलर्स की भी मांग निकलने से उड़द में सुधार।
देश में उड़द का सप्लाई काफी कमजोर है और बर्मा पर निर्भरता अधिक है। दक्षिण भारत उड़द की फसल कुछ समय तक मांग की पूर्ति कर सकती है लेकिन वह नाकाफी है। हमारा मानना है की उड़द बाजार का फंडामेंटल मजबूत है। अप्रैल माह में बर्मा से उड़द आयात कुछ बढ़ने की उम्मीद जो बाजार पर थोड़ा दबाव ला सकता है।
उड़द में टेम्पररी गिरावट आती है तो खरीदी किया जा सकता है। चेन्नई उड़द (sQ) 8000-7800 की रेंज में मजबूत सपोर्ट और इस रेंज में मिले तो खरीदी की जा सकती है यदि 7800 का सपोर्ट टूटता है। तभी मंदी का ट्रेंड की संभावना, लक्ष्य 8500/8700 तक जा सकता है।
मूँग सप्ताहिक रिपोर्ट:
पिछला सप्ताह सुरुवात सोमवार दिल्ली बेस्ट मूंग राजस्थान लाईन 8900 रुपये पर खुला था ओर शनिवार शाम 9300 रूपये पर बंद हुआ बीते सप्ताह के दौरान मूंग में अच्छी मांग निकलने से +400 रुपए प्रति कुन्टल का मजबूत दर्ज हुआ। पिछले सप्ताह अधिकतर मंडियों में मूंग के दाम में मजबूती दर्ज की गई। मंडियों में मूंग की कमजोर है और घरेलु मांग की पूर्ति काफी आवक नाफेड बिक्री से हो रही।
देश में कई वर्षों में पहली बार देखा जा रहा है। की मंडियों में मूंग की आवक लगभग सुख गई है। घरेलु ग्रीष्मकालीन मूंग की बोआई इस वर्ष 1 माह की देर से है। लेकिन भाव को देखते हुए मूंग रकबा बढ़ सकता है। देश में मूंग की बोआई पिछले वर्ष के 3.36 लाख हेक्टेयर के मुकाबले अच्छी बढ़त के साथ अब तक 2.69 लाख हेक्टेयर में हुई है। क्लाइमेट चेंज और मौसम में हो रहे भारी उतार-चढ़ाव के कारण एग्री जिंसों के उत्पादन पर काफी विपरीत असर पड़ रहा है। यदि सरकार मूंग के आयात को नहीं खोलती है तो आने वाले दिनों में साबुत मूंग 10,000-10,500 बिक जाए तो आश्चर्य नहीं।
डिस्क्लेमर:
Pulses Future Price Report: चना, मसूर, मटर, उड़द और मूंग साप्ताहिक तेजी मंदी रिपोर्ट 3 अप्रैल 2023: कृपया व्यापार अपने स्वयं के विवेक से करें। हमारा उद्देश किसानों तक केवल जानकारी पहुँचाना है। किसी भी प्रकार के नफे या नुकसान (nafa nuksan) की हमारी कोई जिम्मेदारी नहीं होगी।
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