नई दिल्ली (Subsidy On Drones): केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर ने “किसान ड्रोन को बढ़ावा: मुद्दे, चुनौतियां और आगे का रास्ता” विषय पर सम्मेलन का शुभारंभ किया। इसमें श्री तोमर ने बताया कि सरकार किसानों की सुविधा, लागत घटाने व आय बढ़ाने के लिए ड्रोन उपयोग को बढ़ावा दे रही है। इसके लिए ड्रोन खरीदने में विभिन्न वर्गों को छूट प्रदान की गई है।
किसानों को ड्रोन खरीदने के लिए सरकार कितनी सब्सिडी देती है?
kisan drones scheme 2022 : व्यक्तिगत तौर पर ड्रोन खरीद के लिए भी वित्तीय सहायता प्रदान करने हेतु दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए है, जिसके अंतर्गत अनुसूचित जाति- जनजाति, लघु और सीमांत, महिलाओं एवं पूर्वोत्तर राज्यों के किसानों के लिए ड्रोन की खरीद हेतु ड्रोन लागत का 50 प्रतिशत या अधिकतम 5 लाख रुपये की सहायता दी जाएगी। अन्य किसानों को 40 प्रतिशत अथवा अधिकतम 4 लाख रु. की सहायता दी जाएगी।
केंद्रीय मंत्री श्री तोमर ने बताया कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने दूरदृष्टि से, किसानों के व्यापक हित में कृषि कार्यों में ड्रोन के उपयोग की पहल की है। फसल मूल्यांकन, भूमि अभिलेखों के डिजिटलीकरण, कीटनाशकों व पोषक तत्वों के छिड़काव के लिए ‘किसान ड्रोन’ (Kisan Drone) के उपयोग को सरकार बढ़ावा दे रही है, जिसका बजट में भी प्रावधान किया गया है। देश के कृषि क्षेत्र का आधुनिकीकरण प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व में सरकार के एजेंडा में है।
किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) को 75% तक का अनुदान
Subsidy On Drones : उन्होंने बताया कि इस प्रौद्योगिकी को किसानों व अन्य हितधारकों के लिए किफायती बनाने हेतु, खेतों पर इसके प्रदर्शन के लिए कृषि यंत्रीकरण पर उपमिशन के तहत आकस्मिक व्यय के साथ-साथ, फार्म मशीनरी प्रशिक्षण व परीक्षण संस्थानों, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) के संस्थानों, कृषि विज्ञान केंद्रों व राज्य कृषि विश्वविद्यालयों को ड्रोन की खरीद हेतु लागत के 100% की दर से सहायता प्रदान की जाएगी। किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) को खेतों पर प्रदर्शन के लिए कृषि ड्रोन लागत का 75% तक अनुदान दिया जाएगा।
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ड्रोन खरीद की मुख्य बातें (Agriculture drone subsidy in india)
- ड्रोन से कृषि सेवाएं प्रदान करने के लिए किसान सहकारी समिति व ग्रामीण उद्यमियों के तहत मौजूदा व नए कस्टम हायरिंग केंद्रों (सीएचसी) द्वारा ड्रोन खरीद के लिए ड्रोन व इसके संबंधित पुर्जों की मूल लागत के 40% की दर से या 4 लाख रु. तक, जो भी कम हो, वित्तीय सहायता दी जाएगी।
- सीएचसी स्थापना करने वाले कृषि स्नातक ड्रोन लागत के 50% की दर से अधिकतम 5 लाख रु. तक वित्तीय सहायता के पात्र हैं।
- ड्रोन प्रदर्शन के लिए पहले से चिन्हित संस्थानों के अलावा, किसान ड्रोन प्रदर्शन की वित्तीय सहायता हेतु राज्य व केंद्र सरकार के अन्य कृषि संस्थान, कृषि गतिविधियों में लगे केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रमों को भी पात्रता सूची में लाया गया है।
- केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय देशभर में कृषि को बढ़ावा देने के लिए कई स्कीमों के माध्यम से राज्य सरकारों को सहायता-सुविधा प्रदान कर रहा है और विभिन्न कृषि कार्यों से जुड़े मानव परिश्रम को कम करने के अलावा उत्पादन व उत्पादकता बढ़ाने, बीजों, उर्वरकों व सिंचाई जल जैसे आदानों की उपयोग दक्षता में सुधार के लिए किसानों को आधुनिक प्रौद्योगिकी तक पहुंच में मदद कर रहा है।
टिड्डी दलों के हमले के दौरान बचाव के लिए तत्परतापूर्वक ड्रोन व हेलीकाप्टर का उपयोग
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री श्री कैलाश चौधरी ने कहा कि यह नई तकनीक अधिकाधिक किसानों तक पहुंचाने का लक्ष्य है, जिससे उन्हें सुविधा होगी व लागत में कमी आएगी एवं उनकी आय बढ़ेगी। प्रधानमंत्री जी के इसी विजन के तहत केंद्रीय कृषि मंत्री श्री तोमर के मार्गदर्शन में तेजी से काम किया जा रहा है। टिड्डी दलों के हमले के दौरान बचाव के लिए भी सरकार ने तत्परतापूर्वक ड्रोन व हेलीकाप्टर का उपयोग किया था। जानकारी स्त्रोत: pib.gov.in