Aerocity in Kota : कोटा को देश की हाई-टेक सिटी बनाने की दिशा में एक और बड़ा कदम उठाया गया है। ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट के साथ अब एयरोसिटी का निर्माण भी तेज़ी से शुरू होने जा रहा है। प्रशासन ने शंभूपुरा में एयरोसिटी के लिए एयरपोर्ट से जुड़ी जमीन को चिन्हित कर लिया है। यह पूरा प्रोजेक्ट दो चरणों में कुल 2064 हेक्टेयर भूमि पर विकसित होगा, जिससे कोटा के विकास को नया आयाम मिलेगा।
एयरोसिटी की शुरुआत क्या और कैसे?
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के दिशानिर्देश पर जिला प्रशासन, KDA, रीको और जिला उद्योग केंद्र ने एयरोसिटी के लिए ज़मीन चिन्हित कर दी है। पहला चरण KDA और दूसरा चरण रीको द्वारा संचालित होगा। पहले चरण में तालेड़ा तहसील के तीन गांव—कैथूदा, बालापुरा और तुलसी की कुल 749.70 हेक्टेयर भूमि ली जाएगी, जिसमें केडीए, वन एवं अन्य जमीन शामिल है।
क्यों विशेष है यह प्रोजेक्ट?
एयरोसिटी में स्मार्ट रेजिडेंशियल कॉलोनी, हरित क्षेत्र, खेल परिसर, ओपन जोन जैसे विश्वस्तरीय इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित होंगे। दूसरे चरण में इंडस्ट्रियल पार्क, एजुकेशन, कमर्शियल और क्लब जैसी आधुनिक सुविधाएं होंगी। इन कदमों से कोटा न केवल शैक्षिक, बल्कि औद्योगिक और सामाजिक मोर्चे पर भी चमकेगा।
चरणवार विस्तार की योजना
पहला चरण – कैथूदा, बालापुरा, तुलसी गांवों की 749.70 हेक्टेयर भूमि पर KDA द्वारा स्मार्ट कॉलोनियों का विकास.
दूसरा चरण – डोरिया, रामपुरिया गांवों की 1315.73 हेक्टेयर भूमि पर रीको द्वारा औद्योगिक व अन्य कमर्शियल हब.
ट्रांसमिशन लाइनों की शिफ्टिंग क्यों जरूरी?
ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट के दायरे में आने वाली पॉवर ग्रिड की ट्रांसमिशन लाइनों को नई जगह स्थानांतरित किया जाएगा। इसके लिए नांता, नान्दना, जाखमुण्ड, पितामपुरा, कैथूदा, बालापुरा व तुलसी सहित अन्य गांवों की भूमि का चिन्हीकरण हो चुका है। कुल 265 खातों की ज़मीन के अधिग्रहण का काम चल रहा है, जिससे बिजली लाइनों का रूट बदल सके और एयरपोर्ट तथा एयरोसिटी के काम में बाधा न आए।
एयरोसिटी के विकास का असर कहां पड़ेगा?
एयरपोर्ट और एयरोसिटी प्रोजेक्ट से कोटा के विकास को नया इंजन मिलेगा। यहां के व्यवसाय, उद्योग, शिक्षा और रियल एस्टेट को सीधा फायदा पहुंचेगा। बढ़ती कनेक्टिविटी और विश्वस्तरीय इंफ्रास्ट्रक्चर से आने वाले वर्षों में कोटा देश के अग्रणी स्मार्ट शहरों में शुमार हो सकता है।







