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मुख्यमंत्री मंगला पशु बीमा योजना: दुधारू पशुओं का ₹40 हजार फ्री बीमा, जानिए पूरी डिटेल

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Mangla Pashu Bima Yojana: राजस्थान सरकार द्वारा प्रदेश के पशुपालकों के लिए नि:शुल्क “मुख्यमंत्री मंगला पशु बीमा योजना” संचालित की जा रही है, इस योजना के तहत पशुपालकों को पशुओं की मृत्यु पर होने पर ₹4,000 से ₹40,000 तक की आर्थिक राहत दी जा रही है। अगर आपके पास गाय-भैंस, ऊंट, भेड़ या बकरी है और आपने उनका बीमा नहीं कराया है, तो सरकार की इस Mukhya Mantri Mangla Pashu Bima Yojana का लाभ उठा सकते है। इस योजना के तहत सरकार ने ₹400 करोड़ रुपए के बजट का प्रावधान किया । योजना के तहत प्रदेश के 21 लाख पशुओं का फ्री बीमा किया जाना है। इस योजना के तहत दुधारू पशुओं के साथ साथ भारवाहक पशु-ऊँट/ऊँटनी एवं अन्य छोटे रोमन्थी पशु जैसे बकरी व भेड़ का ‘‘एक वर्ष‘‘ के लिये निःशुल्क बीमा किया जाना प्रस्तावित है।

योजना के क्रियान्वयन के लिए पशु चिकित्सकों को भी पशुपालन विभाग द्वारा मानदेय दिया जाएगा। इसके तहत पशु स्वास्थ्य प्रमाण पत्र जारी करने के लिए 75 रुपए प्रति मवेशी तथा मृत्यु के बाद पोस्टमार्टम के लिए 150 रुपए प्रति पशु मानदेय दिया जाएगा।

Rajasthan Mukhyamantri Mangla Pashu Bima Yojana

विवरणविवरण
योजना का नाममुख्यमंत्री मंगला पशु बीमा योजना
कुल बजट₹400 करोड़
बीमा अवधि1 वर्ष
कुल पशु21 लाख
गाय/भैंस5 लाख
भेड़/बकरी5 लाख
ऊंट1 लाख
अधिकतम कवर₹40,000 (गाय, भैंस, ऊंट)
अधिकतम कवर₹4,000 (भेड़, बकरी)
आरक्षणएससी 16%, एसटी 12%
पात्रताजन आधार, गोपाल क्रेडिट कार्ड, लखपती दीदी

कितने पशुओं को मिलेगा कितना लाभ?

बजट घोषणा के मुताबिक, पहले चरण में 5-5 लाख दुधारू गाय/भैंस, 5-5 लाख भेड़/बकरी और 1 लाख ऊंटों का बीमा किया जाएगा। मतलब कुल 21 लाख पशु। इस पर सरकार को ₹400 करोड़ खर्च करने हैं। योजना के लिए सरकार द्वारा कुछ पात्रता निर्धारित की गई है जो की निम्न प्रकार है ।

  1. सिर्फ राजस्थान के जन आधार कार्ड धारक पशुपालक पात्र होंगे
  2. गोपाल क्रेडिट कार्ड धारक और लखपती दीदी पशुपालकों को प्राथमिकता मिलेगी
  3. सिर्फ टैग्ड पशुओं का ही बीमा होगा, बिना टैग के पहले टैगिंग करवाना होगा
  4. एक पशुपालक को अधिकतम: 2 दुधारू गाय, या 2 दुधारू भैंस, या 1 गाय+1 भैंस, या 10 भेड़, या 10 बकरी, या 10 ऊंट का बीमा मिलेगा
  5. जिन पशुओं का पहले से किसी योजना में बीमा हो, उन्हें नहीं मिलेगा
  6. सिर्फ देशी/संकर दुधारू पशुओं को ही कवर मिलेगा
  7. बीमा की अवधि सिर्फ एक साल की होगी
  8. एससी के लिए 16% और एसटी के लिए 12% बीमा लक्ष्य आरक्षित है

कितने पशुओं का होगा बीमा?

योजना में ‘कैटल यूनिट’ का कॉन्सेप्ट रखा गया है। भेड़/बकरी के लिए 10 पशु = 1 यूनिट, जबकि गाय/भैंस/ऊंट के लिए 1 पशु = 1 यूनिट। अगर किसी के पास 10 से कम भेड़/बकरी हैं, तो भी उतने का बीमा होगा।

कितनी उम्र के पशु होंगे कवर?

पशु का प्रकारबीमा के लिए उम्र सीमा
गाय (दुधारू)3 साल से 12 साल
भैंस (दुधारू)4 साल से 12 साल
बकरी (मादा)1 साल से 6 साल
भेड़ (मादा)1 साल से 6 साल
ऊंट (नर/मादा)2 साल से 15 साल

कीमत कैसे तय होगी?

पशु की कीमत का आकलन पशु चिकित्सक, पशुपालक और बीमा प्रतिनिधि की तिकड़ी करेगी। स्वास्थ्य, दूध उत्पादन क्षमता, आयु, नस्ल के आधार पर प्रचलित बाजार मूल्य तय होगा। लेकिन एक कैटल यूनिट की अधिकतम कीमत ₹40,000 ही होगी।

पशु का प्रकारमूल्य निर्धारण का मानक
गाय (दुधारू)₹3000 प्रति लीटर प्रति दिन के आधार पर न्यूनतम, अधिकतम ₹40,000
भैंस (दुधारू)₹4000 प्रति लीटर प्रति दिन के आधार पर न्यूनतम, अधिकतम ₹40,000
बकरी (मादा)अधिकतम ₹4,000 प्रति पशु
भेड़ (मादा)अधिकतम ₹4,000 प्रति पशु
ऊंटअधिकतम ₹40,000 प्रति पशु

अगर कीमत तय करते समय कोई मतभेद होता है, तो पशु चिकित्सक का निर्णय ही अंतिम और सर्वमान्य होगा। ये शर्त जानबूझकर रखी गई है ताकि पशुपालक और बीमा कंपनी के बीच कोई लंबा विवाद न हो।

हर जिले वार आरक्षण का प्रावधान

यह योजना पूरे राजस्थान के लिए है। जिलों को उनके पशुओं की संख्या के अनुपात में बीमा लक्ष्य दिए जाएंगे। अगर किसी जिले को आवंटित लक्ष्य पूरे नहीं होते, तो हर तिमाही समीक्षा करके दूसरे जिलों में ट्रांसफर किया जा सकता है।

ऑनलाइन भी कर सकते हैं आवेदन

संयुक्त निदेशक ने बताया कि पशुपालक अपने मोबाइल में मंगल पशु बीमा योजना एप डाउनलोड कर बीमा पंजीकृत कर सकता है। इसके अलावा ईमित्र के माध्यम से mmpby.rajasthan.gov.in पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।

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नमस्ते! मैं जगत पाल ई-मंडी रेट्स का संस्थापक, बीते 7 साल से पत्रकारिता कर रहा हूं। मुझे खेती-किसानी, मंडी भाव की जानकारी में महारथ हासिल है । यह देश का पहला डिजिटल कृषि न्यूज़ प्लेटफॉर्म है, जो बीते 6 सालों से निरन्तर किसानों के हितों में कार्य कर रहा है। किसान साथियों ताजा खबरों के लिए आप हमारे साथ जुड़े रहिए। धन्यवाद

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