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Pulses Market- मसूर पर आयात का झटका, मूंग में स्टॉक प्रेशर खत्म, कनाडा आयात और चीन निर्यात ने बदला खेल

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दलहन बाज़ार (Pulses Market) में एक तरफ मसूर की कीमतें लगातार गिर रही हैं, तो दूसरी तरफ मूंग में धीमी लेकिन मजबूती दिख रही है। दिल्ली में देसी मसूर तीन दिनों में ₹150 टूटकर अब ₹6,650 प्रति क्विंटल पर आ गई है। वहीं अकोला में मूंग ₹100 चढ़कर ₹7,700 तक पहुंच गई। ये दोनों दालें एक ही समय में अलग-अलग दिशा में चल रही हैं, और व्यापारियों के लिए ये स्थिति ‘फंसाव’ से कम नहीं।

मसूर: आयात का दबाव और सरकारी बिक्री का डबल झटका

मसूर की कीमतों पर कनाडा की बंपर फसल ने बड़ा असर डाला है। कनाडा में इस साल मसूर उत्पादन का अनुमान 38% बढ़कर 33.63 लाख टन पहुंच गया है। इससे import pressure बढ़ गया है। मुंद्रा, कांडला और हजीरा जैसे बंदरगाहों पर आयातित मसूर के दाम स्थिर से कमजोर दिख रहे हैं।

लेकिन यहीं पर मुश्किल और बढ़ जाती है। सरकार केंद्रीय पूल से भी मसूर बेच रही है। इससे दाल मिलें सिर्फ ज़रूरत भर की खरीद कर रही हैं। बिहार, बंगाल और असम जैसे दाल उपभोग वाले राज्यों में मांग बनी हुई है, लेकिन मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश की मंडियों में कम आवक और नई फसल में अभी वक्त बाकी होने से हल्की मजबूती की उम्मीद है। फिलहाल स्थिति ये है कि मुंगावली, गंज बासौदा, सागर, भोपाल, बीनागंज में स्टॉक काफी सीमित बचा है। बिल्टी मसूर ₹6,900 और छोटी मसूर ₹9,500 प्रति क्विंटल तक पहुंच चुकी है।

मूंग: चीन निर्यात से मिली राहत

मूंग की कहानी बिल्कुल अलग है। अकोला में तेजी देखी गई और दाम ₹7,700 तक पहुंच गए। इंदौर, जयपुर और दिल्ली में भाव स्थिर रहे। राजस्थान से नई मूंग की भारी आवक हो रही है, जो ₹5,000-6,800 प्रति क्विंटल तक बिक रही है। लेकिन मिलों को बढ़िया क्वालिटी कम मिल रही है।

सरकार यहां भी केंद्रीय पूल से बिक्री कर रही है। कई राज्यों में [MSP procurement] चल रही है, लेकिन आवक वहां की तुलना में काफी कम है। खरीफ की मूंग का उत्पादन अनुमान अच्छा है, इसलिए बड़े उछाल की उम्मीद नहीं है। लेकिन सबसे बड़ी बात ये है कि बढ़िया मूंग का माल पहले ही चीन को भारी मात्रा में बिक चुका है। इससे स्टॉक में दबाव खत्म हो गया है। मंडी मार्केट मीडिया का मानना है कि वर्तमान भाव पर जोखिम खास नहीं है, क्योंकि अभी कोई नई बड़ी फसल आने वाली नहीं।

व्यापारियों के लिए क्या है सही रणनीति?

मसूर की कमजोरी और मूंग में हौले-हौले सुधार की गुंजाइश दिख रही है, लेकिन दोनों दालों में किसी भी दिशा में एकतरफा बड़ी चाल अभी नहीं बन रही। मंडी मार्केट मीडिया साफ कह रहा है – मूंग में जल्दबाज़ी में बिकवाली नहीं करें। जरूरत के हिसाब से थोड़ा-थोड़ा हल्का करें।

Commodity trading के लिहाज से ये समय सावधानी का है। मसूर में बड़ी तेजी दिखाई नहीं दे रही, क्योंकि आयात का दबाव बना हुआ है। वहीं मूंग में स्टॉक प्रेशर खत्म होने से नीचे गिरने का खतरा कम है। लेकिन उत्पादन अच्छा होने से बड़ा उछाल भी नहीं आएगा। इसलिए व्यापार अपने विवेक से करें।

नमस्ते! मैं जगत पाल ई-मंडी रेट्स का संस्थापक, बीते 7 साल से पत्रकारिता कर रहा हूं। मुझे खेती-किसानी, मंडी भाव की जानकारी में महारथ हासिल है । यह देश का पहला डिजिटल कृषि न्यूज़ प्लेटफॉर्म है, जो बीते 6 सालों से निरन्तर किसानों के हितों में कार्य कर रहा है। किसान साथियों ताजा खबरों के लिए आप हमारे साथ जुड़े रहिए। धन्यवाद

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