महाराष्ट्र समेत देश के कपास किसानों के लिए इस समय सबसे अहम मुद्दा है—MSP पर कॉटन बेचने का मौका। ताजा आकड़ों के मुताबिक महाराष्ट्र राज्य में करीब सात लाख किसान पहले ही Cotton Corporation of India (CCI) के कपास किसान ऐप (Kapas Kisan App ) पर रजिस्टर कर चुके हैं। रजिस्ट्रेशन की डेडलाइन 31 दिसंबर तय है, इसलिए जो किसान अभी तक रजिस्टर नहीं हुए हैं, उनके लिए समय बहुत कम बचा है।
अमेरिका के साथ टैरिफ विवाद के बाद भारत ने कॉटन इंपोर्ट ड्यूटी हटाई थी, जिसका सीधा असर बाजार के रेट पर पड़ा और दाम तेजी से नीचे आए। ऐसे में किसानों की पूरी उम्मीद CCI के MSP पर टिकी हुई है, जो लॉन्ग स्टेपल ग्रेड के लिए Rs 8,110 प्रति क्विंटल तय है। यही वजह है कि देशभर में रजिस्ट्रेशन का आंकड़ा 41 लाख से ज्यादा पहुंच चुका है।
MSP पर भरोसा क्यों बढ़ा?
कपास किसानों के बीच नाराजगी की सबसे बड़ी वजह है—प्राइवेट खरीदारों की ओर से कॉटन को जानबूझकर कम ग्रेड दिखाकर कम कीमत देना। कई जगहों पर उन्हें Rs 7,400 प्रति क्विंटल तक ही ऑफर मिला। लेकिन MSP लागू होते ही हालात बदलने लगे।
यवतमाल के वानी APMC के डायरेक्टर रोशन कोठारी का कहना है कि पहले कॉटन के रेट Rs 6,800 प्रति क्विंटल तक गिर गए थे, लेकिन CCI की खरीद बढ़ने के बाद बाजार में सुधार दिखा है। कम पैदावार के बीच अगर किसानों को Rs 8,000 तक भी भाव मिल जाए, तो यह सीजन उनके लिए राहत लेकर आ सकता है।
रजिस्ट्रेशन का दबाव- 50,000 किसान रोज़ जुड़ रहे
‘TOI’ की रिपोर्ट बताती है कि शुरुआत में ऐप-बेस्ड रजिस्ट्रेशन को लेकर किसानों को परेशानी हुई। लेकिन अब स्थिति बदल रही है और देशभर में रोज़ 50,000 नए किसान जुड़ रहे हैं।
CCI के सीनियर अधिकारी मानते हैं कि MSP सेल के दौरान किसान हर सीजन ऐप पर सक्रिय हो जाते हैं। सिर्फ महाराष्ट्र में ही 5 लाख बेल, जबकि पूरे देश में 27 लाख बेल की खरीद हो चुकी है—यह बताता है कि MSP पर भरोसा लगातार मजबूत हो रहा है।
रजिस्ट्रेशन का पूरा तरीका
अगर आप भी MSP पर कपास बेचना चाहते हैं, तो सबसे पहला कदम है “Kapas Farmers” ऐप डाउनलोड करना। यह ऐप Google Play और App Store दोनों पर उपलब्ध है।
ऐप खोलने के बाद किसान को Farmer Registration ऑप्शन चुनना होता है, जहां आधार-लिंक्ड मोबाइल नंबर डालकर सत्यापन किया जाता है। फिर किसान से नाम, पता, जन्म तिथि, पिता/गार्जियन का नाम जैसी बुनियादी जानकारी मांगी जाती है।
इसके बाद एक महत्वपूर्ण चरण आता है—खेती और जमीन से जुड़ी जानकारी भरना। किसान को अपनी जमीन की ओनरशिप और कपास की फसल से जुड़ी सभी जरूरी डिटेल्स देनी होती हैं।
रजिस्ट्रेशन सबमिट करने के बाद यह डेटा स्थानीय अधिकारियों जैसे APMCs और कृषि विभाग द्वारा जांचा जाता है। यही वह हिस्सा है जो प्रक्रिया को थोड़ा धीमा बनाता है।
सत्यापन पूरा होने के बाद किसान को ऐप पर ही स्लॉट बुकिंग की सुविधा मिलती है, जिसके जरिए वह तय तिथि और समय पर अपनी उपज CCI खरीद केंद्रों पर पहुंचा सकता है।
क्यों जरूरी है रजिस्ट्रेशन?
2025 के अंत से MSP पर कॉटन बेचने के लिए यह ऐप-आधारित रजिस्ट्रेशन अनिवार्य हो गया है। यानी बिना ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन और फिजिकल वेरिफिकेशन के किसान CCI को कॉटन नहीं बेच सकेंगे।












