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चीन से जबरदस्त डिमांड: सरसों मील एक्सपोर्ट में रिकॉर्ड उछाल, जानें मंडियों में क्या चल रहा भाव?

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Commodity Market News : चीन की जबरदस्त मांग और इंटरनेशनल मार्केट में सस्ते दामों के चलते भारत से सरसों (रेपसीड) मील का एक्सपोर्ट तेज़ी से बढ़ा है। अप्रैल–अक्टूबर 2025-26 के सात महीनों में देश का कुल ऑयल मील निर्यात लगभग 3 प्रतिशत बढ़कर 24.64 लाख टन पर पहुंच गया, जबकि पिछले वर्ष इसी अवधि में यह 23.88 लाख टन था। सोर्स – indiaseatradenews​

चीन को सरसों मील की इतनी मांग क्यों?

सबसे बड़ा उछाल सरसों मील के निर्यात में चीन की ओर से आया है, जहां पशु चारे के लिए प्रोटीन युक्त फीड की मांग लगातार बढ़ रही है। चीन ने अप्रैल–अक्टूबर 2025-26 के दौरान भारत से सरसों मील के शिपमेंट को बहुत तेजी से बढ़ाकर लगभग 5.81 लाख टन तक पहुंचा दिया, जो पिछले वर्ष की समान अवधि में करीब 15 हजार टन के स्तर से कई गुना अधिक है।

विशेषज्ञों के अनुसार, कनाडा से आयात पर ऊंचे टैरिफ और भारत से मिलने वाली प्रतिस्पर्धी कीमतों के कारण चीन ने अपनी खरीद का रुख भारतीय सरसों मील की ओर मोड़ा है। इससे भारतीय निर्यातकों को नया और स्थिर बाजार मिला है।

भारत का सरसों मील एक्सपोर्ट कितना बढ़ा?

इसी अवधि में अकेले सरसों मील का भारत से कुल निर्यात बढ़कर 12.52 लाख टन पर पहुंच गया, जबकि 2024-25 के अप्रैल–अक्टूबर में यह 11.76 लाख टन था। इंटरनेशनल मार्केट में सरसों मील का भाव फिलहाल लगभग 217 डॉलर प्रति टन के आसपास है, जो कई अन्य सोया और प्रोटीन फीड विकल्पों की तुलना में सस्ता पड़ रहा है।

ऑयल मील की कुल विदेशी बिक्री में भी इसी वजह से सुधार दिखा है, जहां समग्र ऑयल मील एक्सपोर्ट 24.64 लाख टन तक पहुंचकर सालाना आधार पर करीब 3 प्रतिशत की बढ़त दर्ज कर रहा है।

घरेलू स्तर पर सरसों की बुवाई की क्या स्थिति है?

रबी सीजन में देशभर के किसान आम तौर पर अक्टूबर–नवंबर के दौरान रेपसीड/सरसों की बुवाई करते हैं। चालू सीजन में अब तक लगभग 41 लाख हेक्टेयर में सरसों की बोआई दर्ज हुई है, जो पिछले साल इसी समय की तुलना में करीब 13.5 प्रतिशत अधिक बताई जा रही है। पिछले वर्ष कुल मिलाकर लगभग 90 लाख हेक्टेयर में रेपसीड–सरसों की खेती हुई थी, जो पिछले पांच साल के औसत 79 लाख हेक्टेयर से ज्यादा है और यह फसल के प्रति किसानों की बढ़ती रुचि को दिखाता है।

हालांकि बाज़ार जानकारों के अनुसार, शुरुआती दिनों में बोआई की रफ्तार अधिक रहने के बाद अब कुछ इलाकों में किसान गेहूं की तरफ भी शिफ्ट हो रहे हैं, जिससे अनुमानित 10 प्रतिशत अतिरिक्त बुवाई की उम्मीद थोड़ी नरम पड़ती दिख रही है।

ट्रंप टैरिफ और वैश्विक व्यापार से भारत को कैसे फायदा?

तेल–तिलहन उद्योग से जुड़े विशेषज्ञों का कहना है कि ट्रंप टैरिफ के बाद चीन और कनाडा के बीच व्यापारिक तनाव बढ़ने से चीन ने सरसों मील की खरीद के लिए वैकल्पिक स्रोतों की तलाश शुरू की। कनाडाई सरसों मील पर अधिक टैक्स लगने के कारण वहां का माल महंगा हो गया, जबकि भारत से मिलने वाला सरसों मील दाम और लॉजिस्टिक्स दोनों में आकर्षक साबित हुआ।

भारत का चीन के साथ समग्र व्यापार अभी भी इंपोर्ट-प्रधान है, यानी चीन से आयात ज्यादा और निर्यात अपेक्षाकृत कम है, ऐसे में सरसों मील जैसे उत्पाद भारत के लिए ट्रेड बैलेंस सुधारने का एक अहम अवसर बनकर उभर रहे हैं। बीते कुछ महीनों में भारत से मील का निर्यात लगातार बढ़ा है, जिसका सीधा फायदा घरेलू क्रशिंग इंडस्ट्री और किसानों दोनों को मिल सकता है।

सरसों की कीमतें कहां टिकीं, क्या रुझान है?

विशेषज्ञों के अनुसार, घरेलू बाजार में सरसों सीड की कीमतों में हाल के दिनों में थोड़ी तेजी जरूर दिखी है, लेकिन मौजूदा स्तर से आगे तेज़ उछाल की संभावना फिलहाल सीमित मानी जा रही है। अनुमान है कि नई फसल आने तक दामों में बड़ी गिरावट की गुंजाइश भी कम है, यानी बाजार रेंज-बाउंड रह सकता है।

सरसों मंडी भाव – आज के अपडेट (तेजी/मंदी सहित)

ताजा कारोबार में गुरुवार, 20 नवंबर को सरसों में जारी तेजी पर हल्का ब्रेक लगा और कई मंडियों में 50–75 रुपये प्रति क्विंटल तक की गिरावट दर्ज की गई। स्थानीय स्तर पर जयपुर, भरतपुर, कामां, कुम्हेर, नदबई, नगर और कोटा समेत कई प्रमुख मंडियों में सरसों के भाव 6,895 से 7,325 रुपये प्रति क्विंटल के दायरे में रहे, जबकि सरसों सलोनी प्लांट और अन्य प्रोसेसिंग पॉइंट्स पर दाम 8,000 रुपये प्रति क्विंटल के आसपास रहे। (स्थानीय मंडी आंकड़े – रिपोर्टेड डेटा के अनुसार)

सरसों तेल (कच्ची घानी व एक्सपेलर), खल और DOC के भावों में भी हल्की नरमी से लेकर मामूली तेजी तक का मिला–जुला रुझान दिखा, जिसमें खल के दामों में करीब 20 रुपये की तेजी और कुछ उत्पादों में 5–200 रुपये तक की मंदी रिपोर्ट हुई। (स्थानीय मंडी आंकड़े – रिपोर्टेड डेटा के अनुसार) यह संकेत देता है कि अंतरराष्ट्रीय मांग मजबूत रहने के बावजूद घरेलू स्तर पर कीमतें फिलहाल नियंत्रित दायरे में हैं।

राजस्थान एवं अन्य प्रमुख मंडियाँ

स्थान सरसों का भाव (₹)तेजी/मंदी
जयपुर7300/7325मंदी 25
भरतपुर6895मंदी 65
कामां6895मंदी 65
कुम्हेर6895मंदी 65
नदबई6895मंदी 65
नगर6895मंदी 65
कोटा6895मंदी 65

सरसों सलोनी प्लांट रेट

स्थानभाव (₹)तेजी/मंदी
शमसाबाद आगरा8000मंदी 25
दिग्नेर आगरा8000मंदी 25
अलवर8000मंदी 25
कोटा8000मंदी 25
मुरैना8000मंदी 25

मुरैना मंडी

प्रोडक्टभाव (₹)तेजी/मंदीआवक
सरसों 41%6850मंदी 50300
सरसों लोकल6650मंदी 75300
कच्ची घानी तेल1460मंदी 10
एक्सपेलर तेल1460मंदी 10
खल2770तेजी 20

पोरसा मंडी

प्रोडक्टभाव (₹)तेजी/मंदीआवक
सरसों6625मंदी 75200

अन्य मंडियाँ

स्थानप्रोडक्टभाव (₹)तेजी/मंदी
खेरलीसरसों7000
देईसरसों7075मंदी 25
देईकच्ची घानी1470मंदी 5
देईकेक2810मंदी 15
देईDOC21300मंदी 200

नमस्ते! मैं जगत पाल ई-मंडी रेट्स का संस्थापक, बीते 7 साल से पत्रकारिता कर रहा हूं। मुझे खेती-किसानी, मंडी भाव की जानकारी में महारथ हासिल है । यह देश का पहला डिजिटल कृषि न्यूज़ प्लेटफॉर्म है, जो बीते 5 सालों से निरन्तर किसानों के हितों में कार्य कर रहा है। किसान साथियों ताजा खबरों के लिए आप हमारे साथ जुड़े रहिए। धन्यवाद

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