नई दिल्ली : देश के लाखों किसानों के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) एक सुरक्षा कवच की तरह काम कर रही है, लेकिन कई बार किसानों को समय पर बीमा राशि नहीं मिल पाती, जिससे उन्हें आर्थिक संकट का सामना करना पड़ता है। इस मुद्दे को गंभीरता से लेते हुए केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने लोकसभा में स्पष्ट किया कि यदि बीमा कंपनियां किसानों को समय पर भुगतान नहीं करती हैं, तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
बीमा कंपनियों पर सरकार की सख्ती
लोकसभा में चर्चा के दौरान शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार किसानों को भगवान की तरह मानती है और उनकी भलाई के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने दावा किया कि अब फसल बीमा योजना के अंतर्गत किसानों को समय पर भुगतान मिल रहा है और यदि किसी स्तर पर गड़बड़ी या भ्रष्टाचार सामने आता है, तो संबंधित अधिकारियों और बीमा कंपनियों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे।
उन्होंने यह भी कहा कि पहले इस योजना में कई खामियां थीं, जिसके कारण किसानों को परेशानियों का सामना करना पड़ता था। लेकिन सरकार ने पुरानी व्यवस्थाओं को पूरी तरह सुधार दिया है और अब किसानों को उनके नुकसान की भरपाई में बिलंब नहीं होगा।
देरी पर लगेगा 12% ब्याज, होगी कार्रवाई
सरकार ने साफ कर दिया है कि यदि कोई बीमा कंपनी फसल बीमा राशि के भुगतान में देरी करती है, तो उसे 12 प्रतिशत ब्याज देना होगा। इसके अलावा, यदि किसी कंपनी के खिलाफ बार-बार किसानों की शिकायतें आती हैं, तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
किसानों को पूरा मिलेगा मुआवजा
कृषि मंत्री ने कहा कि अब किसानों को उनके पूरे नुकसान की भरपाई की जाएगी। पहले इस योजना में केवल एक बीमा कंपनी शामिल थी, लेकिन अब इसमें कई कंपनियों को जोड़ा गया है, जिससे किसानों को और अधिक लाभ मिलेगा।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना किसानों के लिए एक वरदान साबित हो रही है। यह दुनिया की सबसे बड़ी फसल बीमा योजना बन गई है, जिसमें अब तक करोड़ों किसान आवेदन कर चुके हैं। इस योजना के अंतर्गत अब तक किसानों के खातों में 1.72 लाख करोड़ रुपये ट्रांसफर किए जा चुके हैं और भविष्य में भी किसानों को उनके नुकसान के आधार पर उचित मुआवजा दिया जाता रहेगा।
निष्कर्ष:
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना किसानों के लिए काफी लाभदायक साबित हो रही है। सरकार अब इस योजना को और पारदर्शी बना रही है, ताकि किसानों को समय पर मुआवजा मिले और वे किसी भी वित्तीय संकट का सामना न करें। यदि कोई बीमा कंपनी इस योजना में लापरवाही बरतती है, तो सरकार उसके खिलाफ कड़े कदम उठाने के लिए पूरी तरह तैयार है।