किसानों के लिए खुशखबरी, इस जिले के किसानों को जल्द मिलेगा 623 करोड़ रुपये बीमा क्लेम

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किसान समाचार : सिरसा ज़िले के किसानों का पिछले साल खरीफ फसलों के खराबे का 623 करोड़ रुपये का बीमा क्लेम अभी तक जारी नहीं किया गया है। बीमा कंपनी किसानों को बीमा क्लेम देने में आनाकानी कर रही है। केंद्रीय तकनीकी सलाहकार समिति ने बीमा कंपनी के तर्कों को खारिज करते हुए तुरंत प्रभाव से प्रभावित किसानों को फसलों का क्लेम देने का निर्देश दिया है। जल्द ही किसानों को यह राशि जारी कर दी जाएगी।

कृषि मंत्री जेपी दलाल ने विधानसभा के मानसून सत्र के अंतिम दिन इनेलो विधायक अभय चौटाला द्वारा प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को लेकर लाए ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर चर्चा में यह जानकारी दी।

इस दौरान दोनों में तीखी बहस भी हुई और अभय चौटाला ने कृषि मंत्री को झूठा तक बोल दिया। चौटाला ने कहा कि कृषि मंत्री का कहना कि चौपटा तहसील में धरने पर बैठे किसानों ने धरना खत्म कर दिया है, सरासर झूठ है। किसान अब भी धरने पर बैठे हैं और तब तक धरने पर बैठे रहेंगे, जब तक सभी किसानों के खाते में मुआवजे के पूरे पैसे नहीं आ जाते।

बीमा क्लेम के लिए करना पड़ा धरना प्रदर्शन

उन्होंने कहा कि किसानों को एक साल तक बीमा क्लेम न मिलने के कारण 90 दिन तक धरना-प्रदर्शन करना पड़ा, लेकिन न तो उपायुक्त और न कोई कृषि अधिकारी या बीमा कंपनी अधिकारी ने वहां जाकर किसानों की बात सुनीं। उसके बाद चार किसानों ने नरयाणखेड़ा गांव की टंकी पर चढ़ कर धरना दिया और हजारों किसानों ने टोल को बंद किया। तब जाकर डीसी ने उनके साथ बातचीत शुरू की।

कृषि मंत्री बोले, सरकार ने जांच समितियां बैठाई 

अभी तक भी किसानों को सिर्फ आश्वासन ही दिया गया है कि उन्हें पूरा पैसा दे दिया जाएगा। सरकार बताए कि क्या 623 करोड़ रुपये का बीमा क्लेम किसानों को ब्याज समेत दिया जाएगा। इस दौरान किसानों ने कर्ज उठाकर अगली फसल की बुआई की थी, क्या उसके ब्याज की अदायगी भी सरकार करेगी।

वहीं, कृषि मंत्री ने सदन को बताया कि खरीफ-2022 के दौरान बीमा कंपनियों द्वारा फसल कटाई प्रयोगों की प्रक्रिया पर आपत्ति जताई गई थी। इसके बाद सरकार द्वारा दो जांच समितियां बैठाई गईं।

बीमा कंपनी को क्लेम देने का दिया गया निर्देश 

इनमें एक जांच कमेटी ने तकनीकी खामियों की जांच की तथा दूसरी कमेटी ने फसल कटाई प्रयोगों की रसीदों की जांच की। जांच रिपोर्ट के अनुसार दोषी कर्मचारियों और अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। दोनों समितियों की जांच उपरांत यह मामला राज्य तकनीकी सलाहकार समिति के सम्मुख रखा गया। राज्य तकनीकी सलाहकार समिति ने सभी बिंदुओं के मद्देनजर बीमा कंपनी को क्लेम देने का निर्देश दिया।

इस फैसले को न मानते हुए बीमा कंपनी ने भारत सरकार की तकनीकी सलाहकार समिति में अपील कर दी। केंद्र सरकार ने भी राज्य तकनीकी सलाहकार समिति के निर्णय को सही मानते हुए बीमा कंपनी को क्लेम देने के निर्देश दिए हैं। अब क्लेम को देने के लिए बीमा कंपनी ने प्रक्रिया शुरू कर दी है तथा किसानों को शीघ्र ही क्लेम मिल जाएगा।

नमस्कार दोस्तों, मेरा नाम जगत पाल पिलानिया है ! मैं ई मंडी रेट्स (eMandi Rates) का संस्थापक हूँ । मेरा उद्देश्य किसानों को फसलों के ताजा मंडी भाव, कृषि विभाग द्वारा संचालित योजनाओं के साथ-साथ अन्य महत्वपूर्ण जानकारी पहुंचाना है। ई-मंडी रेट्स (e-Mandi Rates) देश का पहला डिजिटल प्लेटफॉर्म है, जो बीते 5 सालों से निरन्तर किसानों के हितों में कार्य कर रहा है।

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