Mustard Price: तेल मिलों की मांग कमजोर होने के कारण शुक्रवार को घरेलू बाजार में सरसों की कीमतों में बड़ी गिरावट दर्ज की गई। जयपुर में कंडीशन की सरसों के भाव 125 रुपये की बड़ी गिरावट के बाद 5,725 रुपये प्रति क्विंटल पर पहुंच गई । इस दौरान ब्रांडेड तेल मिलों ने सरसों की खरीद कीमतों में 150 से 225 रुपये प्रति क्विंटल की कटौती की।
जयपुर में सरसों तेल कच्ची घानी एवं एक्सपेलर की कीमतें शुक्रवार को 190-190 रुपये कमजोर होकर भाव क्रमशः 11420 रुपये और 11320 रुपये प्रति क्विंटल पर आ गए। जबकि सरसों खल की कीमतें लगातार दूसरे दिन 25 रुपये की गिरावट के बाद 2375 रुपये प्रति क्विंटल के स्तर पर आ गई।
व्यापारियों के अनुसार विदेशी बाजार में खाद्य तेलों की कीमतों में मिलाजुला रुख जारी रहा, लेकिन घरेलू बाजार में मांग कमजोर होने से सरसों के साथ ही तेल एवं खल की कीमतों में मंदा आया।
सरसों के उत्पादक राज्यों में मौसम साफ बना हुआ है जिस कारण आगामी दिनों में सरसों की दैनिक आवक और भी बढ़ेगी। चालू रबी में सरसों के उत्पादन अनुमान में बढ़ोतरी होने की उम्मीद है, साथ ही उत्पादक राज्यों में बकाया स्टॉक भी ज्यादा बचा हुआ है। इसलिए सरसों की कीमतों में और भी नरमी आने के आसार हैं।
विदेशी बाज़ारों की ताज़ा स्थिति
जानकारों के अनुसार गर्मी का मौसम शुरू होने कारण चीन के साथ ही भारत की मांग पाम तेल में बढ़ेगी, साथ ही ही सबसे बड़े निर्यातक इंडोनेशिया से प्रतिबंधों के कारण निर्यात में कमी आने की आशंका है। ऐसे में आयातित खाद्य तेलों की कीमतों में बड़ी गिरावट के आसार कम है। सूत्रों के अनुसार बाढ़ से पश्चिमी इंडोनेशिया और मलेशिया में पाम तेल का उत्पादन प्रभावित होने का डर है।
बर्सा मलेशिया डेरिवेटिव्स एक्सचेंज, बीएमडी पर मई डिलीवरी के पाम ऑयल वायदा अनुबंध में 32 रिगिंट यानी की 0.76 फीसदी की गिरावट आकर भाव 4,203 रिंगिट प्रति टन रह गए। हालांकि चालू सप्ताह में इसके दाम 1.7 फीसदी तेज हुए।
डालियान का सबसे सक्रिय सोया तेल अनुबंध 0.8 फीसदी बढ़कर बंद हुआ, जबकि इसका पाम तेल वायदा अनुबंध 1.2 फीसदी तेज हुआ। शिकागो बोर्ड ऑफ ट्रेड में सोया तेल की कीमतों में 0.6 फीसदी की तेजी दर्ज की गई।
सरसों की दैनिक आवक
देशभर की मंडियों में सरसों की दैनिक आवक शुक्रवार को 8 लाख बोरियों की हुई, जबकि इसके पिछले कारोबारी दिवस में इसकी आवक 8.05 लाख बोरियों की हुई थी। कुल आवकों में से प्रमुख उत्पादक राज्य राजस्थान की मंडियों में 3.15 लाख बोरी, मध्य प्रदेश की मंडियों में 1.25 लाख बोरी, उत्तर प्रदेश की मंडियों में 1.05 लाख बोरी, पंजाब एवं हरियाणा की मंडियों में 15 हजार बोरी तथा गुजरात में 1.15 लाख बोरी, तथा अन्य राज्यों की मंडियों में 1.25 लाख बोरियों की आवक हुई।