Rupee Vs Dollar: भारतीय मुद्रा यानी रुपये में गिरावट थमने का नाम नहीं ले रही . आज शुक्रवार 07 अक्टूबर को रुपया रिकॉर्ड गिरावट के साथ अब तक के निचले स्तर पर पहुँच गया है. आज पहली बार ओपनिंग में डॉलर के मुकाबले 82 के स्तर को तोड़ते हुए 82.41 रुपया प्रति डॉलर के स्तर तक पहुँच गया. आज आई इस गिरावट का कारण कल रात अमेरिकी फेडरल रिजर्व के अधिकारियों द्वारा दिए बयानों से डॉलर की कीमतों में उछाल आया है जबकि रुपये में जोरदार गिरावट.
इससे पहले कल यानी गुरुवार को कच्चे तेल की कीमतों और डॉलर इंडेक्स में मजबूती से अमेरिकी करेंसी के मुकाबले रुपया 55 पैसे टूटकर 82.17 रुपए प्रति डॉलर के निचले स्तर तक पहुंच गया था. कल के कारोबार में Interbank foreign exchange market में रुपया मजबूती के साथ 81.52 के स्तर पर खुला लेकिन डॉलर में मजबूती से रुपये पर दबाव देखा गया.
डॉलर इंडेक्स में मजबूती
अमेरिका में सितंबर के जॉब डेटा आज आने वाले हैं. इससे पहले निवेशक काफी सतर्क हैं. डॉलर इंडेक्स 1 फीसदी उछाल के साथ 112.26 के लेवल पर पहुंच गया. इस साल अब तक डॉलर इंडेक्स में करीब 17 फीसदी का उछाल आ चुका है. हालांकि, गुरुवार को गोल्ड गिरावट के साथ 1711 डॉलर प्रति औंस पर ट्रेड कर रहा था.
रुपये में इस साल रुपये में 10% से ज्यादा की गिरावट
इस साल यानी 1 जनवरी से आज 7 अक्टूबर तक भारतीय रुपये में 10% से ज्यादा की गिरावट आ चुकी है. investing.com पर जारी आकड़ों के मुताबिक इस साल 2022 में 10.65 फीसदी टूट चुका है. Us Federal Reserve Bank के द्वारा इस साल लगातार ब्याज दरों में बढ़ोतरी के चलते लगातार डॉलर मजबूत हो रहा है जबकि भारतीय करेंसी यानी रूपये में गिरावट देखी जा रही है.
रुपये में गिरावट से बढ़ेगी महंगाई
डॉलर के मुकाबले रुपये में आ रही इस गिरावट का भारतीय अर्थव्यवस्था नकारात्मक असर पड़ेगा । इससे एक तरफ जहां सरकार का इम्पोर्ट बिल बढ़ जाएगा. इम्पोर्ट के बदले ज्यादा डॉलर देने होंगे, जिसका असर करंट अकाउंट डेफिसिट (CAD) पर भी देखने को मिलेगा. इम्पोर्ट महंगा होने से महंगाई बढ़ेगी. खासकर, खाने के तेल का भाव बढ़ सकता है. साथ ही , क्रूड ऑयल का आयात भी महंगा हो जाएगा. जिसका असर आने वाले दिनों में घरेलू बाजार में पेट्रोल-डीजल की कीमतों पर देखने को मिल सकता है.