सरसों साप्ताहिक तेजी मंदी रिपोर्ट 3 अक्टूबर 2022 (Mustard Price Weekly Bullish Bearish Report): पिछला सप्ताह सुरुवात सोमवार जयपुर सरसों 6400 रुपये पर खुला था ओर शनिवार शाम 6200 रुपये पर बंद हुआ। बीते सप्ताह के दौरान सरसों में प्लांट की मांग कमजोर के चलते 200 रुपये कुन्टल की गिरावट आई।
सितम्बर महीने में 5.5 लाख टन सरसो की आवक हई वहीं क्रशिंग 6.5 लाख टन होने का अनुमान। अक्टूबर की शुरुआत में किसान के पास 28.75 लाख टन सरसो उपलब्ध, वहीं प्रोसेसर्स के पास 5.75 लाख टन सरसो बचा है। औसतन 5 लाख टन की आवक अगले 5 महीने तक आयी तो भी मौजूदा स्टॉक पर्याप्त रहेगा।
अक्टूबर महीने में सरसो उत्पादक राज्यों में औसत से अधिक बारिश से सरसो की बुवाई को लाभ मिलेगा। अनुकूल मौसम और अच्छे भाव मिलने से अगले सीज़न सरसो के बुवाई और उत्पादन बढ़ने का अनुमान।
आगे का आउटलुक
वैश्विक खाद्य तेल बाजार में बीते सप्ताह गिरावट का असर सरसो और सरसो तेल पर भी पड़ा । पाम तेल के अंतराष्ट्रीय भाव के साथ घरेलू बाजार में गिरवाट से सरसो तेल में दबाव देखने को मिला। पाम तेल में गिरावट के चलते सरसो तेल की कीमतों में इस सप्ताह 3-4 रुपए किलो की गिरावट आयी है । आनेवाले सप्ताह के नजरिये से सरसो और सरसो तेल में ज्यादा मंदी नहीं ।विदेशी बाजारों से सहारा मिला तो आने वाले सप्ताह में सरसो और सरसो तेल में थोड़ा सुधार देखने को मिल सकता है। जयपुर सरसो चार्ट के अनुसार 5945 का मजबूत सपोर्ट है, इसलिए जिनके पास स्टॉक पड़ा 5945 के स्टॉप लॉस के साथ होल्ड करें।
केएलसी लगातार पांचवे महीने में गिरावट के साथ बंद हुआ
बीते सप्ताह केएलसी में 8.5% की गिरावट दर्ज की गयी। दिग्गज एक्सपर्ट्स द्वारा पाम तेल पर नकारात्मक कमेंटरी से सेंटीमेंट कमजोर हुआ। इंडोनेशिया ने 1-13 अक्टूबर के लिए एक्सपोर्ट टैक्स 52$/ टन से घटाकर 33$ किया, इंडोनेशिया द्वारा एक्सपोर्ट टैक्स घटाए जाने से मलेशिया पाम तेल की डिमांड पर असर पड़ेगा।
इंडोनेशिया और मलेशिया के पास डिमांड से अधिक स्टॉक होने से सप्लाई डिमांड के बीच अंतर बढ़ा, केएलसी के चार्ट के अनुसार 3200 का सपोर्ट है वहीं ऊपर 3720 का रेजिस्टेंस है, जिसके बीच केएलसी कारोबार करते नजर आएगा।
घरेलू बाजार का आउटलुक कमजोर
वैश्विक बाजार का असर घरेलू बाजार में भी देखने को मिला , पिछले साप्ताहिक रिपोर्ट में कांडला पाम 850 तक गिरने की रिपोर्ट दी थी जो की सटीक साबित हुआ। कांडला पाम इस सप्ताह 850 तक गिरने के बाद सुधार दिखते हुए 865 पर बंद हुआ।शनिवार को एक कंपनी द्वारा सेस बढाये जाने की गलत जानकारी फैलाई गयी । आरबीडी पाम के बेस इम्पोर्ट भारत सरकार बीते सप्ताह सीपीओ और मूल्य में कटौती की और एग्री सेस में कोई बदलाव नहीं किया।
घटे भाव पर इम्पोर्टर्स पाम तेल का आयात बढ़ा रहे हैं जिसके चलते सप्लाई भरपूर है। वहीं पिछले पांच महीनो से व्यापारी को हो रहे नुकसान के कारण अब डिमांड बेहद कमजोर है । दशहरा के बाद डिमांड फिर कमजोर पड़ेगा और दिवाली से पहले थोड़ी बहुत डिमांड निकलने की उम्मीद है । मौजूदा डिमांड सप्लाई को देखते हुए 3-4 रुपए से अधिक तेजी की उम्मीद नहीं, इसलिए उछाल में मॉल खाली करें और गिरावट में डिमांड अनुसार माल पकड़ें।
नोट: कृपया व्यापार अपने स्वयं के विवेक से करें. किसी भी प्रकार के नफे या नुकसान की हमारी कोई जिम्मेदारी नहीं होगी।