नई दिल्ली 31 अगस्त 2022 : प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रि मंडलीय समिति ने मूल्य समर्थन योजना (PSS) के तहत प्राप्त दालों के स्टॉक से विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के लिए उपयोग किए जाने वाले चना (दाल) को रियायती दरों पर निपटान को मंजूरी दे दी है । और मूल्य स्थिरीकरण कोष ( पीएसएफ), और पीएसएस के तहत तुवर , उड़द और मसूर के संबंध में खरीद सीमा को मौजूदा 25% से बढ़ाकर 40% कर दिया।
इस स्वीकृत योजना के तहत राज्य/संघ राज्य क्षेत्र की सरकारों को पहले आओ पहले पाओ के आधार पर सोर्सिंग राज्य के निर्गम मूल्य पर 8 रुपये प्रति किलो की छूट पर 15 लाख मीट्रिक टन चना उठाने की पेशकश की गई है। राज्य/संघ राज्य क्षेत्र अपने राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों में अपनी विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं/कार्यक्रमों जैसे मध्याह्न भोजन , सार्वजनिक वितरण प्रणाली , एकीकृत बाल विकास कार्यक्रम ( आईसीडीपी) आदि में इन दालों का उपयोग करते हैं । यह 12 महीने की अवधि के लिए या 1.5 लाख मीट्रिक टन चने के स्टॉक के पूर्ण निपटान तक, जो भी पहले हो, एकमुश्त संवितरण होगा। सरकार द्वारा इस योजना के कार्यान्वयन के लिए 1200 करोड़ रुपये खर्च करेंगे।
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इन निर्णयों से राज्य/संघ राज्य क्षेत्र विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं जैसे पीडीएस , मध्याह्न भोजन योजनाओं आदि में चने का उपयोग कर सकेंगे। किसानों को दालों के लाभकारी मूल्य प्राप्त करने में मदद करने के अलावा , यह अधिक किसानों को ऐसी दालों को उगाने में अधिक निवेश करने के लिए प्रोत्साहित करेगा और उन्हें उनकी उपज के लिए लाभकारी मूल्य प्राप्त करने में मदद करेगा। इसके अलावा , इससे हमारे देश में ऐसी दालों की आत्मनिर्भरता हासिल करने में भी मदद मिलेगी।
हाल के दिनों में, देश ने चने (दालों) का सर्वकालिक उच्च उत्पादन देखा है, खासकर पिछले तीन वर्षों में। भारत सरकार ने भाव आधार योजना के तहत रबी 2019-20, 2020-21 और 2021-22 के दौरान चने की रिकॉर्ड खरीद की है । इससे सरकार के पास पीएसएस और पीएसएफ के तहत अगले रवि सीजन में भी 30.55 लाख मीट्रिक टन चना उपलब्ध है , चना उत्पादन अच्छा रहने की उम्मीद है। इससे मूल्य समर्थन योजना के तहत अतिरिक्त खरीद के साथ-साथ 22-23 के दौरान चने के न्यूनतम समर्थन मूल्य में वृद्धि होगी।