सरसों साप्ताहिक तेजी मंदी रिपोर्ट 29 अगस्त 2022 (Mustard Price Weekly Bullish Bearish Report): पिछले कुछ दिनों से सरसों की कीमतों में मंदी का रुख बना हुआ है। बीते सप्ताह के प्रथम कारोबारी दिन २२ अगस्त सोमवार को जयपुर सरसों 6900 रुपये पर खुला था ओर शनिवार शाम 6700 रुपये पर बंद हुआ। बीते सप्ताह के दौरान सरसों में प्लांट वालो की मांग कमजोर होने से 200 रुपये कुन्टल की गिरावट दर्ज की गई।
सोयाबीन की कीमतों में गिरावट के दबाव से सरसो और सरसो तेल के दाम टुटे। बीते सप्ताह स्टॉकिस्ट और मीलों की मांग कमजोर रही वहीं अब बिकवाली भी बढ़ने लगी है जिससे प्रमुख मंडियों में आवक बढ़ गयी है । किसान को पैसे की जरुरत के चलते सरसो की बिकवाली बढ़ी, वहीं भरतपुर मंडी में 150 रूपए की गिरावट दर्ज की गयी।
सोयाबीन की तुलना में सरसो में अधिक गिरावट नहीं आयी लेकिन आयातित तेलों की कमजोरी और सोयाबीन की नयी फसल की कटाई का समय करीब आने से सरसो पर दबाव पड़ेगा।
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सोया पाम के साथ अंतर बढ़ने की वजह से सरसो तेल की डिमांड कमजोर कमजोर डिमांड और क्रश मार्जिन घटने से अधिकतर मिलें बंद चल रही है। ट्रेड जगत जो सीज़न के शुरुआत में सरसो 8000/8500 की उम्मीद जाता रहा था, अब तेजी में नहीं है हालाँकि कुछ एक्सपर्टस का मानना है की सरसो की नयी फसल की बुवाई से पहले सरसों की स्टॉक शार्ट होने की खबर फैला कर सरसो के भाव जरूर बढ़ाएंगे।
छोटे किसानों के हाथों में सरसो निकलने से अभी सरसों के भाव गिराएंगे और जब बड़े हाथों में सरसों रह जाएगा तब साल के आखिर में भाव बढ़ाएंगे । ठंडी के मौसम में सरसों की मांग अधिक रहती है जिससे उम्मीद है की आगे चलके सरसो तेल की मांग बढेगी। जयपुर सरसो में 6775 का सपोर्ट है जिसके नीचे फिसलने पर गिरावट बढ़ेगी।
केएलसी में इस सप्ताह 2.5% की बढ़त दर्ज की गयी। एक्सपोर्ट में बढ़त बरकरार रहने से केएलसी को कुछ हद तक सहारा मिला लेकिन इंडोनेशिया द्वारा एक्सपोर्ट लेवी की छूट की अवधि बढ़ाये जाने और मलेशिया पाम तेल उत्पादन दबाव बनाया
टेक्निकल चार्ट पर केएलसी 3900/4350 न्यूट्रल दिख रहा है। केएलसी पर तेजी के लिए फ़िलहाल केएलसी में ज्यादा कारण नहीं इसलिए छोटी मोटी तेजी से ज्यादा अभी अधिक उम्मीद नहीं। केएलसी और सीबीओटी सोया तेल में मजबूती के बावजूद घरेलू बाजार में पाम तेल के भाव टूटे।
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कांडला पाम तेल के भाव इस सप्ताह 7.5 रुपये/किलो गिरकर 1100 पर दर्ज किया गया। कांडला में पाम तेल का आयात पड़तल अब घटकर 8-9 रूपए / किलो रह गया है। रेडी भाव ऊँचा होने से अभी पाम तेल के भाव में और कमजोरी की जगह दिख रही है। पाम तेल की डिमांड कमजोर है वहीं आयात बढ़ने लगी है। सप्लाई डिमांड में अंतर से पाम तेल में कमजोरी की धारणा व्यापारी अधिक स्टॉक न करें और सिर्फ जरुरत अनुसार माल लेकर व्यापार करें।
नोट: कृपया व्यापार अपने स्वयं के विवेक से करें. किसी भी प्रकार के नफे या नुकसान की हमारी कोई जिम्मेदारी नहीं होगी।