क्या सरसों की घटती आवक और सीमित स्टॉक के चलते तेजी आएगी? देखें ये रिपोर्ट

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सरसों तेजी मंदी रिपोर्ट : देश में रबी सीजन की सबसे प्रमुख तिलहन फसल सरसों की बुवाई जारी है, जबकि आपूर्ति के ऑफ सीजन के कारण मंडियों में सरसों की आवक लगातार कम होती जा रही है। जयपुर के चांदपोल स्थित मरुधर ट्रेडिंग एजेंसी के मैनेजिंग डायरेक्टर अनिल चतर के अनुसार, मार्च से नवंबर 2024 के बीच मंडियों और सरकारी क्रय केंद्रों पर कुल 98.50 लाख टन सरसों की आवक हुई।

महीनेवार सरसों की आवक

अनिल चतर द्वारा संकलित आंकड़ों से महीनेवार सरसों की आवक की बात करें तो कुछ इस प्रकार रही है।

  • मार्च: 15.50 लाख टन
  • अप्रैल: 15 लाख टन
  • मई: 11 लाख टन
  • जून: 9 लाख टन
  • जुलाई: 8.50 लाख टन
  • अगस्त: 6 लाख टन
  • सितंबर : 5 लाख टन
  • अक्टूबर: 5 लाख टन
  • नवंबर: 3.50 लाख टन

वहीं, सरकारी खरीद केंद्रों पर मार्च से जून तक 20 लाख टन सरसों की खरीद दर्ज की गई।

देश में कुल स्टॉक स्थिति

1 दिसंबर 2024 तक, देश में सरसों का कुल स्टॉक 28 लाख टन बताया गया है। जिसमें सरकार के पास 14.50 लाख टन, किसानों के पास 9.50 लाख टन और मिलर्स/स्टॉकिस्टों के पास 4 लाख टन होने की संभावना है। सरसों की क्रशिंग के लिए मार्च से नवंबर 2024 के दौरान 92 लाख टन सरसों का उपयोग किया गया है।

क्या कीमतों में तेजी बरकार रहेगी?

सरसों की नई फसल की आवक फरवरी 2025 से शुरू होगी और मार्च से आपूर्ति में तेज़ी आने की उम्मीद है। फिलहाल, घटती आवक और सीमित स्टॉक के चलते सरसों के दामों में मजबूती बनी रहने की संभावना है। हालांकि, सरकारी एजेंसियों के पास पर्याप्त स्टॉक होने से क्रशर्स और प्रोसेसर्स को कच्चे माल की कोई कमी नहीं होगी।

सरसों का उत्पादन और आगामी सीजन

सरसों का संशोधित उत्पादन 2023-24 के सीजन में 115 लाख टन आंका गया है। फरवरी से नई फसल की आवक के साथ सरसों बाजार में आपूर्ति बेहतर होगी, जिससे कीमतों में स्थिरता आ सकती है।

सरकार के पास पर्याप्त भंडार होने और नई फसल की आवक के कारण सरसों की आपूर्ति मजबूत बनी रहने की उम्मीद है।

डिस्क्लेमर : किसान साथियों उक्त रिपोर्ट में दी गई सभी जानकारी इंटरनेट पर मौजूद सार्वजनिक स्रोतों से जुटाई गई है। किसी भी प्रकार के व्यापार के लिए अपने ख़ुद के विवेक का इस्तेमाल करें । लाभ अथवा हानि की हमारी कोई जिम्मेदारी नहीं होगी।

नमस्कार दोस्तों, मेरा नाम जगत पाल पिलानिया है ! मैं ई मंडी रेट्स (eMandi Rates) का संस्थापक हूँ । मेरा उद्देश्य किसानों को फसलों के ताजा मंडी भाव, कृषि विभाग द्वारा संचालित योजनाओं के साथ-साथ अन्य महत्वपूर्ण जानकारी पहुंचाना है। ई-मंडी रेट्स (e-Mandi Rates) देश का पहला डिजिटल प्लेटफॉर्म है, जो बीते 5 सालों से निरन्तर किसानों के हितों में कार्य कर रहा है।

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