Petrol-Diesel Price: पेट्रोल और डीजल के बढ़ते हुए दामों के चलते आम आदमी की परेशानिया बढ़ती ही जा रही हैं। अगर हम बात करें पिछले एक वर्ष की तो इस दौरान पेट्रोल और डीजल के दाम शिखर छू रहे हैं। हम लोगों की दिनचर्या में तक़रीबन हर काम पेट्रोल और डीजल की खपत के बिना पूर्ण नहीं है।
वैसे अगर हम बात करें तो 21 मई 2022 से आज तक यानि की 12 जनवरी 2023 केंद्र सरकार ने पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कोई बदलाव नहीं किया है। राज्य सरकारों ने जरूर वैट को काम या ज्यादा किया है। आज के दिन नई दिल्ली में पेट्रोल का भाव 96.72 रूपए प्रति लीटर और डीजल के दाम 89.62 रूपए प्रति लीटर है।
क्या आप जानते हैं कि पेट्रोल और डीजल के दाम इतने ज्यादा क्यों बढ़ रहे हैं ? कौन निर्धारित करता है इनके दाम ?
हमारे देश भारत में खपत होने वाले तेल का 80% से ज्यादा हिस्सा दूसरे देशों से आयात किया जाता है। इसके कारण भारत में तेल के दाम अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल कीमतों पर निर्भर रहती हैं। पिछले 2 वर्षों में कच्चे तेल की कीमतों में काफी इजाफा हुआ है।
भारतीय बाजारों में पेट्रोल और डीजल के भाव मुख्यतः 4 बातों पर निर्भर करते हैं। वो इस प्रकार है –
- अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत : पेट्रोल और डीजल कच्चे तेल को शुद्ध करके ही निकला जाता है। और भारत में उपयोग होने वाले कच्चे तेल का ज्यादातर हिस्सा आयात किया जाता है। इसलिए जितना कच्चे तेल के दाम बढ़ेंगे उतना ही पेट्रोल और डीजल का भाव बढ़ता रहेगा।
- केंद्र सरकार द्वारा लगाया गया GST : इसके बाद केंद्र सरकार तेल की बिक्री पर GST भी लगाती है। भारत सरकार पेट्रोल और डीजल की बिक्री पार 18% GST वसूल करती है।
- राज्य सरकारों द्वारा लगाया गया VAT : सभी राज्य सरकारें तेल की बिक्री पर VAT यानि कि वैल्यू एडेड टैक्स वसूलती है। VAT की दरें सभी राज्य सरकारों द्वारा अपने हिसाब से तय की जाती हैं। VAT की दरें 25-30% के आसपास रहती हैं।
- डॉलर के मुलाबले कमजोर होता रुपया : पिछले कुछ समय से भारतीय रुपया US डॉलर के मुकाबले लगातार घटता जा रहा है। इसके चलते तेल का आयात करने के लिए हमें ज्यादा रुपया चुकाना पड़ रहा है।
इन 4 कारणों के चलते पेट्रोल और डीजल की कीमतें आसमान छूती नज़र रही हैं।
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