चना साप्ताहिक तेजी मंदी रिपोर्ट
पिछला सप्ताह सुरुवात सोमवार दिल्ली राजस्थान लाइन नया 6000 रुपये पर खुला था। और शनिवार शाम चना 5825/50 रुपये पर बंद हुआ। बीते सप्ताह के दौरान चना दाल बेसन में मांग न रहने से -150 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट दर्ज हुआ।
चना बाजार में सप्ताह के दौरान अच्छी खासी कमजोरी दर्ज की गई सस्ता OTR चना स्टॉक की बिकवाली बढ़ने से बाजार पर दबाव रहा।
जानकारों के अनुसार नाफेड का यह OTR वाला चना फरवरी तक चलेगा यह स्टॉक समाप्त होने के बाद ही चना में धीरे धीरे मजबूती बनेगी।
भारत ब्रांड चना दाल सस्ते में बिकने से भी बाजार का माहौल ख़राब है। बफर स्टॉक (10 लाख टन) को छोड़कर अब नाफेड के हाथ में काफी सिमित स्टॉक है, अब नाफेड या बचा हुआ स्टॉक टेंडर में पास करे या चना दाल में देवे।
फसल उत्पादन अनुमान
चना की बोआई पूरी हो चुकी है और उत्पादन कमजोर रहने की आशंका है। कर्नाटका में 35-40%, गुजरात में 25-30%, महाराष्ट्र में 15-20% और एमपी/राजस्थान में 10-15% कमजोर फसल रहने का अनुमान।
प्राइवेट में आज की तारीख में 5-7 लाख टन से अधिक चना स्टॉक नहीं
नया चना सीजन शुरू होते (1 अप्रैल 2024) प्राइवेट स्टॉक काफी कम होने के साथ नाफेड का बफर के अतिरिकत स्टॉक भी समाप्त होने की आशंका है।
ई मंडी रेट्स का मानना है चना का फंडामेंटल धीरे धीरे मजबूती की तरफ बढ़ रहा और गिरावट पर खरीदी करना बेहतर
मटर आयात खुला जरूर है लेकिन चना के उत्पदान में गिरावट को देखते हुए 100-200 से अधिक की रिस्क नहीं।
काबली कंटेनर साप्ताहिक रिपोर्ट
पिछला सप्ताह सुरुवात सोमवार इंदौर नया (40/42) 16600 रुपये पर खुला था। और शनिवार शाम काबली कंटेनर 15500 रुपये पर बंद हुआ। बीते सप्ताह के दौरान काबली कंटेनर में मांग न रहने से -1100 रुपए प्रति क्विंटल की गिरावट दर्ज हुआ।
काबुली के दाम में दूसरे सप्ताह के दौरान हलकी कमजोरी दर्ज की गई सामने नया काबुली सीजन को देखते हुए ऊपर में ग्राहकी थोड़ी धीमी हुई है इस वर्ष देश में काबुली की बौआई काफी अच्छी (लगभग 50% अधिक) हुई है।
मध्य प्रदेश काबुली चना फसल
जैसे कि सभी को पता है बिजाई से कटाई तक का काबुली चना 110 दिन का समय लेता है, अतः 01 अक्टूबर के आस पास बिजाई की फसले 20 जनवरी तक आ जानी चाहिए, परंतु बारिश और तेज़ ठण्ड होने के कारण फसल 10 से 15 दिन देरी से आएगी। 1 फरवरी से मध्यप्रदेश की मंडियो में छूट पुट आवक शुरू हो जाएगी।
मध्यप्रदेश में पिछले वर्ष के 2.30 लाख टन काबुली चने के उत्पादन के मुकाबले, इस वर्ष 3.50 लाख टन का उत्पादन होने की अनुमान है। अन्य राज्यों (महाराष्ट्र, कर्नाटक, आंध्र, तमिलनाडु) में भी लगभग 1 लाख टन के आसपास उत्पादन रहने का अंदेशा है।
2024 कुल उपलब्धताः 4.50 लाख टन।
आयात
2023 में काबूली फसल कमजोर और ऊंचा भाव रहने से आयात में १ लाख टन रहने की उम्मीद जो 2022 में मात्र 2,583 टन ही था। 2023 में भारत ने सबसे अधिक 60,000+ टन काबुली सूडान से आयात किया ।
काबुली की घरेलु खपत लगभग 2.5 लाख टन और निर्यात 1.25-1.50 लाख टन के आसपास रहता है, यानी की कुल खपत लगभग 4 लाख टन रहने का अनुमान है।
2024 के लिए काबुली का सप्लाई मांग की पूर्ति के अनुसार पर्याप्त नजर आ रहा और भविष्य की तेजी-मंदी निर्यात पर निर्भर करेगी। भारत का निर्यात में मेक्सिको सबसे बड़ा प्रतिस्पर्धी देश है और अब उसकी फसल पर काफी कुछ निर्भर करेगा।
काबूली कंटेनर 42-44 का 15000 का सपोर्ट और फिर 12000, काबुली चना में अभी खरीदी से दूरी बनाना बेहतर।
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