Russia-Ukraine के बीच युद्ध से भारतीय ग्वार बाजार पर कितना होगा असर? ग्वार सीड और ग्वार गम में बीते कारोबारी सप्ताह भारी गिरावट देखने को मिली। ग्वार गम और सीड में 6 फीसदी के निचले सर्किट भी लगते दिखाई दिए कच्चे तेल की कीमतों पर नज़र डालें तो कच्चा तेल 100 डॉलर के पार जाता दिखाई दिया। ऐसे में कारोबारियों में चर्चा हो रही है कि जब कच्चा तेल रूस-यूक्रेन की लड़ाई के चलते 100 डॉलर के पार गया तो फिर ग्वार वायदा में तेजी क्यों नहीं देखने को मिली ग्वार में क्यों तेजी के बजाय निचले सर्किट लगे।
ये है Expert की राय
दरअसल, रूस और यूक्रेन के बीच में हो रहे युद्ध के कारण ग्वार काम्प्लेक्स में गिरावट आई है, इस पर बाजार के जानकार मोतीलाल ओसवाल के वाईस प्रेजिडेंट अमित सजेजा का कहना है कि जिस हिसाब से रूस और यूक्रेन के बीच लड़ाई चल रही है उससे रूस की तरफ से कच्चे तेल की ड्रिलिंग के लिए ग्वार गम के इस्तेमाल में कमी आ सकती है। जिससे भारत का ग्वार का निर्यात प्रभावित हो सकता है ।
अमित सजेजा के अनुसार जब तक ग्वार सीड की कीमतें 6200 के ऊपर नहीं निकलती है तब तक ऊपरी स्तरों पर बिकवाली की जा सकती है और इसी दौरान बाजार नीचे में 5670 तक जाता नज़र आ सकता है ।
वहीं ग्वार गम पर अमित का कहना है कि ग्वार गम की कीमतें जबतक 11300 के ऊपर नहीं निकलती है ऊपरी स्तरों पर बिकवाली की जा सकती है। ग्वार गम की कीमतें नीचे में 10600 तक के स्तर दिखा सकती है। नोट :- व्यापार अपने विवेक से करें…
यहाँ देखें : ग्वार मंडी भाव 26 फरवरी 2022