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vegetable prices:- जयपुर मंडी में सब्जियां हुईं सस्ती, किसे होगा फायदा? जाने! आज के सब्जियों के नए रेट

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Muhana Mandi Bhav:- जयपुर की मुहाना थोक सब्जी मंडी (vegetable prices) में आज (10 दिसंबर 2025) जो भाव देखने को मिले, वह किसानों से लेकर आम उपभोक्ताओं तक सबके लिए चौंकाने वाला है। सबसे बड़ी खबर है पुराने आलू के दामों में आई भारी गिरावट। महज ₹2 से ₹6 प्रति किलो में बिक रहे पुराने आलू ने तो मंडी के पारंपरिक भाव समीकरण को ही बदल दिया है। वहीं, [Muhana Mandi Bhav] के मुताबिक हरी मटर और टमाटर के दामों में भी कमी दर्ज की गई है। लेकिन सवाल यह है कि इस गिरावट का फायदा आखिरकार किसे मिलेगा?

मुहाना मंडी: राजस्थान की सब्जी की धड़कन

राजधानी जयपुर की मुहाना थोक सब्जी मंडी को पूरे राजस्थान की सब्जी की थेरथली माना जाता है। यहां एक दिन का भाव कभी-कभी पूरे प्रदेश के खुदरा बाजारों को प्रभावित कर देता है। आज का दिन भी उसी का एक उदाहरण है। जहां तकरीबन हर साल इस मौसम में सब्जियों के दाम आसमान छूते हैं, वहीं इस बार कई प्रमुख सब्जियों ने राहत की सांस दी है। खासकर पुराने आलू के भाव तो ऐतिहासिक रूप से निचले स्तर पर पहुंच गए हैं।

लेकिन यह सब कुछ इतना सीधा भी नहीं है। मंडी में नया आलू ₹7-8 प्रति किलो बिक रहा है, जबकि पुराना आलू ₹2-6 प्रति किलो। यह ₹1-2 का अंतर नहीं, बल्कि पूरी की पूरी रणनीतिक अंतर है। कारोबारियों का कहना है कि यह अंतर सिर्फ गुणवत्ता का नहीं, बल्कि स्टॉक की उम्र और बाजार की मांग का भी है।

पुराना आलू: ₹2 में मिल रही राहत, लेकिन क्यों?

सबसे चौंकाने वाला आंकड़ा पुराने आलू का है। ₹2 से ₹6 प्रति किलो का भाव इसकी गुणवत्ता पर सवाल उठा सकता है, लेकिन थोक विक्रेता इसे स्टॉक क्लीयरेंस बता रहे हैं। मुहाना आलू आढ़तिया संघ के अध्यक्ष शिवशंकर शर्मा के मुताबिक, पुराना आलू अब अपने आखिरी चरण में है। नया आलू बाजार में आ चुका है, इसलिए पुराने स्टॉक को खत्म करने के लिए यह रणनीति अपनाई जा रही है।

वहीं, नया आलू ₹7-8 प्रति किलो में बिक रहा है। इसमें ₹1-2 का अंतर दिखता है, लेकिन असल में यह दो अलग-अलग बाजारों की कहानी बता रहा है। पुराना आलू अब ज्यादा दिनों तक नहीं टिकेगा, इसलिए कारोबारी जल्दी से इसे निपटाना चाहते हैं। लेकिन सवाल यह है कि क्या इसका फायदा आम उपभोक्ता तक पहुंच पाएगा? या फिर फुटकर विक्रेता इस बारीक अंतर को अपने मुनाफे में बदल लेंगे?

मटर, टमाटर और गोभी: गिरावट का सिलसिला जारी

पुराने आलू की कहानी के अलावा मंडी में हरी मटर और टमाटर ने भी राहत दी है। आज हरी मटर ₹45-50 प्रति किलो में बिकी, जो कि पिछले कुछ दिनों की तुलना में कम है। टमाटर के दाम भी नीचे चल रहे हैं। हाइब्रिड टमाटर ₹28-30 और देसी टमाटर ₹18-25 प्रति किलो में उपलब्ध है।

लेकिन यहां भी सियासत है। टमाटर की कीमतों में ₹10-12 का अंतर हाइब्रिड और देसी किस्मों के बीच साफ दिखता है। इसका मतलब? बाजार अभी भी प्रीमियम गुणवत्ता के लिए तैयार है, लेकिन आम उपभोक्ता का झुकाव सस्ते विकल्पों की ओर है।

पत्ता गोभी, हरी मिर्च, बैंगन और गाजर भी सस्ते बिके। पत्ता गोभी ₹10-12, बैंगन ₹15-25 और गाजर ₹12-17 प्रति किलो में बिकी। यानी जो सब्जियां सर्दियों में आमतौर पर महंगी हो जाती हैं, इस बार वे बजट में हैं। लेकिन यह ट्रेंड कितने दिन चलेगा, यह कहना मुश्किल है।

आज का भाव 10-12-2025

जयपुर फल सब्जी थोक विक्रेता संघ के उपाध्यक्ष इमरान कुरैशी ने आज का पूरा भाव साझा किया। हमने इसे आपके लिए टेबल में साफ तरीके से पेश किया है, ताकि आप खुद समझ सकें कि आज क्या सस्ता और क्या महंगा था।

सब्जी (प्रति किलो)दाम (रुपए)सब्जी (प्रति किलो)दाम (रुपए)
टमाटर हाइब्रिड28-30पत्ता गोभी10-12
टमाटर देसी18-25करेला48-52
मटर45-50शिमला मिर्च20-35
मिर्ची22-23नींबू25-26
बारीक मिर्च40-42लोकी27-30
फूल गोभी28-32भिंडी70-90
आलू पुराना2-6अदरक50-51
आलू नया7-8ग्वार फली95-100
प्याज10-20बैंगन15-25
लहसुन25-75कद्दू11-12
गाजर12-17खीरा पॉलीहाउस17-18
मूली10-12टिंडा15-17

उपभोक्ता के लिए मौका, फुटकर विक्रेता के लिए चुनौती

अब सवाल यह है कि यह गिरावट आम आदमी तक कैसे पहुंचेगी? थोक बाजार में ₹2-6 में बिक रहे पुराने आलू की कीमत खुदरा बाजार में ₹15-20 तक हो सकती है। यह ₹10-15 का अंतर फुटकर विक्रेताओं की मार्जिन रणनीति की कहानी बयां करता है। ऐसे में सरकारी निगरानी का सवाल उठना लाजिमी है।

दूसरी ओर, जो सब्जियां महंगी बिक रही हैं, जैसे भिंडी ₹70-90, ग्वार फली ₹95-100 और बारीक मिर्च ₹40-42, उनका कारण साफ है—सीजनल खामी और ट्रांसपोर्ट लागत। लेकिन मंडी का यह ट्रेंड कितने दिन चलेगा? कारोबारियों का कहना है कि यह सब आपूर्ति पर निर्भर करता है। अगर किसानों ने स्टॉक बाहर निकाला, तो दाम और नीचे आ सकते हैं। लेकिन अगर स्टॉपेज हुआ, तो दाम फिर से उछल सकते हैं।

नमस्ते! मैं जगत पाल ई-मंडी रेट्स का संस्थापक, बीते 7 साल से पत्रकारिता कर रहा हूं। मुझे खेती-किसानी, मंडी भाव की जानकारी में महारथ हासिल है । यह देश का पहला डिजिटल कृषि न्यूज़ प्लेटफॉर्म है, जो बीते 6 सालों से निरन्तर किसानों के हितों में कार्य कर रहा है। किसान साथियों ताजा खबरों के लिए आप हमारे साथ जुड़े रहिए। धन्यवाद

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