Paddy Cultivation Seed Subsidy In Bihar: चाहे केंद्र सरकार हो या राज्य सरकार आज के समय में सभी फ़सलो को बढ़ावा देने हेतु सरकार द्वारा अनेकों कदम उठाये जा रहें हैं। बिहार सरकार भी किसानों को खेतीबाड़ी से जुड़ी सुविधा उपलब्ध कराने की तैयारी में लगी हुई है।
राज्य सरकार की कोशिश है की किसानों को कम दर पर बेहतरीन किस्म के बीज मुहैया करवा सके। इसी दिशा में बिहार सरकार द्वारा “मुख्यमंत्री तीव्र बीज उत्थान योजना” एवं “बीज वितरण योजना” के अन्तर्गत किसानों को उन्नत क़िस्म के धान बीज पर सब्सिडी देने की तैयारी में है। इसके लिए किसानों को निर्धारित समय तक पंजीकरण करना होगा ताकि धान बीज सब्सिडी का लाभ उठा सके।
सरकार देगी धान बीज 80 फीसदि तक की सब्सिडी
बिहार राज्य सरकार द्वारा मधेपुरा जिले के किसानों को धान की खेती के लिए प्रोत्साहन करने के लिए उच्च क्वालिटी के धान बीज पर 50 से 80 % सब्सिडी मुहैया करवा रही है। बिहार कृषि विभाग के अधिकारियों के मुताबिक़ सब्सिडी पर बीज देने को लेकर किसानों को जागरूक किया जा रहा है। किसानों को 3 प्रजाति की उच्च क्वालिटी के धान किस्मों पर अनुदान दिया जायेगा।
ये है पंजीकरण की लास्ट डेट
बिहार राज्य के कृषि विभाग के अधिकारियों द्वारा दी जानकारी के मुताबिक़ सब्सिडी पर धान का बीज पाने के लिए किसानों को रजिस्ट्रेशन करवाना अनिवार्य है। इसके लिए किसानों को कृषि विभाग की अधिकारिक वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन पंजीकरण कराना होगा।
बिहार के किसानों को सब्सिडी पर धान बीज पाने के लिए 30 मई 2023 तक पंजीकरण करवाना होगा। इसके बाद आवेदन स्वीकार नहीं किए जाएंगे। आवेदन फॉर्म अप्लाई करने के बाद कृषि विभाग द्वारा आवेदकों का सत्यापन किया जाएगा। सत्यापन प्रकीरिया के बाद पात्र किसानों को 15 जून से बीज वितरण का कार्य शुरू कर दिया जाएगा।
इस तरह मिल रही सब्सिडी
कृषि विभाग के अधिकारियों द्वारा दी जानकारी के अनुसार राज्य में मुख्यमंत्री तीव्र बीज उत्थान योजना के तहत धान के बीज पर 80 प्रतिशत तक सब्सिडी मिलेगी, जबकि बीज वितरण योजना के तहत किसान को 50 प्रतिशत सब्सिडी दी जाएगी।
जानकारी के मुताबिक़ मधेपुरा जिले में होने वाले सर्वाधिक धान की खेती संकर धान पर 50 फीसदि तक की सब्सिडी दी मिलेगी। जानकारी के लिए आपको बता दें कि बिहार धान की खेती के अग्रणी राज्यों की श्रेणी में आता था । लेकिन बाईट कुछ सालों से प्रदेश में बारिश की कमी के चलते धान के रकबे में 4.32 लाख हेक्टेयर तक की गिरावट आई है।