Wheat Production 2023: इस साल भी होगा गेहूं का रिकॉर्ड उत्पादन, आटे के दाम होंगे कम

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Wheat Production 2023: गेहूं सरकारी अग्रिम उत्पादन अनुमान आकड़ें व इसका बाजारों पर असर कृषि विभाग द्वारा जारी दूसरे अग्रिम उत्पादन अनुमान के अनुसार इस वर्ष भारत में गेहूं उत्पादन 1121.82 लाख टन पहुँचने का अनुमान, जबकि लक्ष्य 1120 लाख टन से अधिक, गत वर्ष गेहूं उत्पादन अनुमान 1077.42 लाख टन दिया गया, पहले अनुमान में 2021-22 में 1060 लाख टन का अनुमान दिया था। गत वर्ष के उत्पादन में 17 लाख टन की बढ़ोत्तरी दिखाई गयी। इस वर्ष गेहूं का एरिया व उत्पादन बढ़ना स्वाभाविक था।

गत पूरे सीजन में किसानों को गेहूं के अच्छे दाम मिले, OMSS बिक्री न किये जाने से कीमतें अब तक के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंची। सभी आकड़ों को देखें तो के सभी रिकॉर्ड टूट रहे हैं। जैसे कि उत्पादन, निर्यात, खपत, कीमतें। आज एफसीआई द्वारा दूसरे टेंडर के माध्यम से गेहूं बिक्री की जाएगी। जानकारों की माने तो दूसरे टेंडर में भी करीब 10-12 लाख टन गेहूं बिक सकता है। पिछले टेंडर में पोर्टल में आई तकनीकी खराबियों से बिक्री सही से नहीं हो पायी।

पहले OMSS स्कीम का माल गोदाम तक पहुँच चूका है जिसकी मिलिंग हो रही है। आगामी सप्ताहों में बाजारों में यह माल आने लगेगा। कीमतों को दबाने के प्रयास में कई ख़बरें जैसे कि OMSS के तहत अतिरिक्त बिक्री कोटा दिया जाना और स्टॉक लिमिट लगाना प्रथम प्रयास। जानकारों की माने तो फ़िलहाल जल्द बाजी में इस तरह का कोई निर्णय नहीं लिया जायेगा। क्योंकि अगर स्टॉक लिमिट लगाई जाती है तो एफसीआई द्वारा की गयी गेहूं की बिक्री रफ़्तार धीमी पड़ सकती है।

उत्तर भारत में पिछले 3 दिनों से दिन व रात के बीच का तापमान घट रहा है, हालाँकि फसल को फ़िलहाल कोई नुकसान नहीं परन्तु गेहूं का भविष्य आगामी मौसम पर निर्भर रहेगा। जानकारों का मानना है कि गेहूं फसल अधिकतम तापमान की सीमा तक आ चुकी है। गत सीजन में भी तापमान अधिक होने के कारण फसल प्रभावित हुआ था। इस सीजन में देखते हैं कि प्रकृति ने क्या तय किया। नई फसल की आवक के दौरान गेहूं की कीमतें MSP से अधिक रहने की प्रबल सम्भावना, कीमतें MSP से नीचे भी गयी तो किसान अन्य फसलों की तरह माल रोक सकते हैं।

गेहूं के रिकॉर्ड प्रोडक्शन के दम पर आटे के दाम आएंगे नीचे

जाहिर है अगर देश में गेहूं का बंपर उत्पादन होगा तो सप्लाई के लिए और सरकार के पास रखने के लिए पर्याप्त मात्रा में गेहूं होगा। इसके असर से गेहूं के दाम नीचे आएंगे जिसका असर देश में आटे के दाम पर देखा जाएगा और ये सस्ता होने की पूरी उम्मीद है।

मैं जगत पाल पिलानिया ! ई मंडी रेट्स का संस्थापक हूँ । ई-मंडी रेट्स (e-Mandi Rates) देश का पहला डिजिटल प्लेटफॉर्म है, जो बीते 5 सालों से निरन्तर किसानों को मंडी भाव और खेती किसानी से जुड़ी जानकारियाँ प्रदान कर रहा है।

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