सोयाबीन सप्ताहिक तेजी मंदी रिपोर्ट: पिछला सप्ताह सुरुवात सोमवार महाराष्ट्र सोलापुर 5510 रुपये पर खुला था जोकी शनिवार शाम 5390 रुपये पर बंद हुआ। पिछले सप्ताह के दौरान प्लांट बालो की कमजोर मांग और पर्याप्त सप्लाई से सोयाबीन में बीते सप्ताह में -120 रूपये प्रति कुन्टल गिरावट दर्ज हुआ।
महाराष्ट्र और एमपी के प्लांट डीलीवरी भाव में औसतन 100-150 रुपये/क्विंटल की गिरावट गोयल कोटा और सलोनी के प्लांट डेलीवरी भाव लगभग स्थिर ही रहे। गिरावट को देखते हुए सोयाबीन की बिकवाली भी घटी है।
सोया तेल और सोयमील में उठाव न मिलने से की वजह से सोयाबीन के भाव में गिरावट दर्ज की गयी। मार्च महीने में भारत से सोयमील का निर्यात, फरवरी की तुलना में मात्र 2% बढ़कर 2.35 लाख टन पहुंचा।
अंतराष्ट्रीय बाजार की तुलना में अब भारत का सोयमील ऊँचे भाव पर बिक रहा है। ऊँचे भाव होने की वजह से भारत का सोयमील निर्यात मांग कमजोर पड़ सकता है। सोयमील की घरेलू मांग मजबूत बताई जा रही है जिसके चलते गिरावट पर ग्राहकी निकलेगी।
अंतराष्ट्रीय बाजार में अब ब्राजील की सोयाबीन की उपलब्धता बढ़ी है। जिसके चलते सीबीओटी सोयाबीन दबाव में है।ब्राज़ील में सोयाबीन के उत्पादन में बढ़ोतरी के चलते अमेरिकी सोयाबीन का प्रीमियम गिर गया है।
देश विदेश में सोयाबीन के अधिक स्टॉक होने से सोयाबीन में बड़ी तेजी की उम्मीद कम जैसा की कीर्ति के चार्ट पर देख सकते हैं 5720 के करीब पहुंचकर भाव फिर घट गए हैं। अब अपने सपोर्ट के करीब है।
अगले सीज़न की बुवाई और मानसून की प्रगति पर सोयाबीन की चाल अगले कुछ महीनों में तय होगी। मौसम विभाग ने मानसून नार्मल से कमजोर रहने का अनुमान दिया है वहीं सोयाबीन के भाव घटने से किसान इस वर्ष बुवाई घटा सकता है। महाराष्ट्र कीर्ति प्लांट के भाव निचे में 5200 का सपोर्ट है और ऊपर में 5720 का रेजिस्टेंस जिसके बीच भाव कारोबार करते नजर आएँगे।
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सोया तेल रिपोर्ट
कमजोर मांग विदेशी बाजारों में उठा पटक से सोया। तेल में इस सप्ताह भी गिरावट जारी सप्ताह के शुरुआती दो दिनों में विदेशी बाजार में सुधार देख सोया तेल में 2-3 रुपये/किलो बढ़ोतरी आयी थी। लेकिन मांग कमजोर पड़ने और विदेशी बाजारों में फिसलन से ऊपरी स्तरों से भाव 3-4 रुपये/किलो टूटे रेडी भाव लैंडिंग कॉस्ट से ऊँचा होने की वजह से रिफ़ाइनरीस को 4-5 रुपये/किलो का फायदा मिल रहा है।
अंतराष्ट्रीय बाजार की तुलना में घरेलू बाजार में अधिक पैनिक का माहौल बना हुआ है। सीबीओटी सोया तेल और केएलसी इस सप्ताह लगभग सपाट बंद हुए जिसके बावजूद घरेलू बाजार में सोया तेल में गिरावट बढ़ी। सोया तेल के भाव अब कोविड के पहले वाले स्तर पर आ गए हैं।
जानकारों का मानना है तेलों के आज के भाव अब अपने सही स्तर पर हैं और कोवीड के बाद जो तेजी आयी वो वाजिब नहीं थी। सप्लाई की दिक्कत और रूस यूक्रेन युद्ध के चलते तेलों के दाम जरुरत से ज्यादा बढ़ गए थे। अब जब तक वैसी परिस्थिति नहीं आती तब तक फिर वैसे तेजी की उम्मीद करना नहीं चाहिए। कांडला सोया तेल अब अपने सपोर्ट 1000 के नीचे बंद हुआ है जिससे आगे चलके सेंटीमेंट और कमजोर हो सकता है। बीच बीच में 3-4 रुपये/किलो का उछाल आएगा लेकिन टिकेगा नहीं बड़ी और टिकाऊ तेजी नहीं दिखने की वजह से व्यापारी जरुरत अनुसार खरीदारी करें और कोई भी उछाल मिले तो शार्ट सेल करना अधिक लाभदायक