सोयाबीन साप्ताहिक तेजी मंदी समीक्षा 31 अक्टूबर 2022 (Soybean Teji Mandi Report Today): बीते सप्ताह की शुरुआत यानी सोमवार को महाराष्ट्र सोलापुर 5550 रुपये पर खुला था ओर शनिवार शाम को 5500 रुपये पर बंद हुआ। बीते सप्ताह के दौरान सोयाबीन मे प्लांटों की मांग कमजोर रहने से -50 रूपये कुन्टल की गिरावट दर्ज की गई।
सोयाबीन में दिवाली की छुट्टियों के बाद मंडियों में आवक बढ़ने लगी है सोमवार 31 अक्टूबर से मंडियों में आवक में और बढ़ोतरी होने की उम्मीद है । प्रोसेसिंग इकाइयों की मांग ऊपरी स्तरों पर सुस्त, सोया तेल और डीओसी में नरमी देख नयी खरीदारी के लिए प्रोसेसर्स अभी रुके। डीओसी के भाव अब अंतराष्ट्रीय बाजार से काफी हद तक बराबर हो गया है, एक्सपोर्ट डिमांड निकलने से प्रोसेसर्स क्रशिंग के लिए सोयाबीन की खरीदारी बढ़ा सकते हैं।
तेल तिलहन पर स्टॉक लिमिट और शुन्य इम्पोर्ट ड्यूटी पर सोया तेल के आयात के चलते तेजी कुछ हद तक की संभव। सरकार को किसान का हित देखकर तेल-तिलहन पर स्टॉक लिमिट हटा देना चाहिए।
चालु सीज़न के सोयाबीन उत्पादन और कैरीं फॉरवर्ड स्टॉक के चलते जानकार बड़ी तेजी में नहीं है अगले कुछ सप्ताह सोयाबीन प्लांट डीलीवरी भाव निचे में 5000 और ऊपर में 6000 तक रहने का अनुमान।
6000 के ऊपर बढ़ने के लिए डीओसी के अच्छे एक्सपोर्ट और स्टॉक लिमिट हटाना जरुरी बढ़ते आवक और विदेशी बाजारों में खाद्य तेलों में उठा पटक देख सोयाबीन के भाव सिमित दायरे में रहने का अनुमान। कीर्ति प्लांट के चार्ट के अनुसार 5200 का सपोर्ट है जहाँ पर ट्रेडर्स नयी खरीदारी करें और ऊपर 5600/5700 के करीब अपने हिसाब से मुनफावसूली करें। जानकारों का मानना है चालू सीज़न में स्टॉक करने से ज्यादा लाभ ट्रेडिंग करने में रहेगा।
सोया तेल रूस द्वारा ब्लैक सी से निर्यात कॉरिडोर सौदे को रद्द करने से सोया तेल को मिलेगा सपोर्ट। सबसे अधिक लाभ सनआयल को मिलेगा क्यूंकि यूक्रेन सनआयल का बड़ा निर्यातक है। यूक्रेन से एक्सपोर्ट बाधित होने से सनआयल की सप्लाई कमजोर पड़ेगी। इम्पोर्टर्स सनआयल की कमी को अन्य तेलों से भरपाई करेंगे। जिससे सोया और पाम को मिलेगा सहारा।
वहीं इंडोनेशिया के एक्सपोर्ट लेवी छूट की खबर की भी मार्केट की दिशा तय करेगी। अक्टूबर अंत में खत्म होने वाली लेवी छूट को इंडोर्नशिया अगर यहीं रद्द कर देता है तो बाजार के लिए अच्छी खबर मानी जाएगी।
बीते सप्ताह सोया तेल के भाव पिछले सप्ताह के मुकाबले 1-2 रुपए/किलो कमजोर हुआ। दिवाली के बाद डिमांड सुस्त पड़ने से बीते सप्ताह व्यापार सुस्त रहा। जानकारों का मानना है की रूस के एक्सपोर्ट कॉरिडोर डील को रद्द करने से बाजार में अधिक मंदी नहीं। पिछले 2-3 सप्ताह में अच्छी तेजी के बाद कुछ स्थिरता देखने को मिल सकती है। लेकिन मध्यम से लम्बी अवधि का नजरिया अभी भी पॉजिटिव बना रहेगा । व्यापारी आगे अपनी जरुरत को देख माल पकड़ें और समय समय पर मुनफावसूली करते रहे।
नोट: कृषि बाजार भाव सर्विस कृपया व्यापार अपने स्वयं के विवेक से करें। हमारा उद्देश किसानों तक केवल जानकारी पहुँचाना है। किसी भी प्रकार के मुनाफा या नुकसान (nafa nuksan) की हमारी कोई जिम्मेदारी नहीं होगी।