कृषि समाचार : सरसों की खेती (Mustard farming) करने वाले किसानों (farmers) को इस बार सरसों के अच्छे दाम मिल रहे है। इस समय सरसों के भाव अपने उच्चतम स्तर पर है । पिछले वर्ष अप्रैल माह में सरसों के रेट अनाज मंडियों में इस समय जहां 3500 से 3900 रुपये प्रति क्विंटल थे , वहीं इस बार सरसों के मौजूदा औसतन भाव 5500 रुपये के आस-पास चल रहे है। हालांकि सरसों का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) सरकार द्वारा रबी सीजन 2021 के लिए 4650 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है। लेकिन किसानों को सरसों का भाव सरकारी मूल्य से तकरीबन 1000 रुपये अधिक मिल रहा है। अगर बात करें बाजार के जानकारों की तो उनके अनुसार इस बार ऑफ सीजन में सरसों की कीमते 8000 रुपये के आकड़े को छू सकती है।
कृषि विशेषज्ञों (Agricultural experts) के मुताबिक किसानों को सरसों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (Minimum Support Price) से मिल रहे ऊंचे दाम गेहूं (Wheat) की फसल को छोड़कर सरसों की फसल की अधिक बुवाई करने के लिए प्रेरित करेंगे। जिससे न सिर्फ किसानों की आय बढ़ेगी बल्कि देश की अर्थव्यवस्था (Economy) को भी मजबूत मिलेगी।
राजस्थान में सरसों का क्या भाव है?
eMandiRates के अनुसार राजस्थान की प्रमुख अनाज मंडियों में 02 अप्रैल को सरसों का रेट इस प्रकार से रहा : नागौर सरसों भाव ₹5240, श्रीकरणपुर सरसों ₹5350, श्रीमाधोपुर सरसों ₹5250, बारां सरसों ₹5400, चुरू सरसों ₹4850, देवली सरसों ₹5581, नोहर सरसों ₹5200, रावतसर सरसों ₹5211, संगरिया सरसों ₹5350, भादरा सरसों ₹5125, श्री गंगानगर सरसों ₹5482, गोलूवाला सरसों ₹5255, सादुलशहर सरसों ₹5293 और पूगल सरसों ₹5050 प्रति क्विंटल का रहा.
हरियाणा में सरसों का क्या भाव है? बताओ
हरियाणा में सरसों का मंडी भाव इस प्रकार है : सिवानी सरसों ₹4975, ऐलनाबाद सरसों ₹5192, आदमपुर सरसों ₹5175, फतेहाबाद सरसों ₹5170, बरवाला सरसों ₹5081, रतिया Sarson ₹5051, सिरसा सरसों ₹5051, भट्टू सरसों ₹5050.
राष्ट्रीय तिलहन मिशन को मिलेगा बल
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा इस साल नीति आयोग (NITI Aayog) की एक बैठक में कहा था कि भारत एक कृषि प्रधान देश होते हुए भी हर साल तकरीबन 65,000 से 70,000 करोड़ रुपये के खाद्य तेलों का आयात (Import of edible oils) करता है। आगे उन्होंने कहा की हम आयात पर खर्च होने वाले इस पैसा को अपने ही देश के किसानों के खाते में सकते है। लेकिन इसके लिए हमें अपनी योजनाएं को उस तरह से बनानी होंगी और उसके लिए किसानों को गाइड करना जरूरी है।
पीएम मोदी ने कहा की इसके लिए राष्ट्रीय तिलहन मिशन (National Oil Seed Mission) की शुरुआत की गई है। इस मिशन के तहत खाद्य तेलों के आयात में कटौती करने एवं उत्पादन में आत्मनिर्भरता हासिल करने के लिए एक पंचवर्षीय योजना शुरू की गई है। जिसके लिए अगले पांच साल में 19,000 करोड़ रुपये खर्च किये जायेंगे। जानकारों के मुताबिक वर्तमान में किसानों को सरसों को मिल रहे ऊँचे दाम (High prices) से सरकार के इस मिशन को बल प्रदान करेंगे।
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सरसों उत्पादक राज्य कौन कौन से है ?
भारत में सरसों (Mustard) का उत्पादन मुख्य रूप से राजस्थान, हरियाणा, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल में किया जाता है । सरसों अनुसंधान निदेशालय ( DRMR) अब उन क्षेत्रों में इसके उत्पादन पर फोक्स कर रहा है, जहां सरसों की खेती की सम्भावनाये मौजूद है इसके लिए पूर्वोत्तर और झारखंड में अभियान चलाके किसानों को जागरूक किया जा रहा है।
सवाल-जवाब
Q. सरसों में तेजी कब आएगी?
Ans. बाजार के जानकारों के मुताबिक इस बार ऑफ सीजन में सरसों की कीमतों में तेजी की सम्भावना है
Q. कहां तक पहुँच सकते है सरसों के भाव इस बार ?
Ans. सरसों के जानकारों के मुताबिक इस बार सरसों के भाव 8000 रुपये के आकड़े को छू सकते है।
Q.सरसों का क्या भाव चल रहा है?
Ans. वर्तमान में राजस्थान , हरियाणा, मध्य प्रदेश व उत्तर प्रदेश की अनाज मंडियों में नई सरसों का भाव 4700 से 5500 रुपये प्रति क्विंटल का चल रहा है .
Q. सरसों का सरकारी रेट कितना है?
Ans. रबी सीजन 2021 के लिए सरसों का सरकारी रेट (MSP) 4650 रुपये क्विंटल रखा गया है.
Q. सरसों का उत्पादन सबसे अधिक किस राज्य में होता है ?
Ans. देश में वर्तमान में सरसों उत्पादन में अग्रणी राज्य राजस्थान है .
Web title : So will the mustard become 8000 rupees a quintal? Know what the experts have to say
Plz up date ,TEJI MANDI.
Good bhav mandi k
Taja mandi k bhav up date dete rhe ji ok thanks