Purchase of Mustard and Gram at MSP : प्रदेश में इस समय रबी फसलों की कटाई का काम पूरे जोरो पर चल रहा है, ऐसे में राजस्थान सरकार ने किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य दिलाने के लिए बड़ा कदम उठाया है। सरकार द्वारा किसानों से चना और सरसों की खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर होगी, जिसकी तारीखें और तैयारियाँ घोषित हो चुकी हैं। ऐसे में यदि आप भी अपनी फसल को एमएसपी पर बेचना चाह रहे है, तो यह खबर आपके लिए है! इस लेख में हम आपको बताएंगे कि कब, कहाँ और कैसे आप अपनी फसल को MSP पर बेच सकते हैं। साथ ही, खरीद केंद्रों, लक्ष्यों और पंजीयन की पूरी जानकारी भी मिलेगी। तो चलिए, शुरू करते हैं!
MSP पर चना-सरसों की खरीद कब से शुरू होगी ?
राजस्थान में चना और सरसों की एमएसपी खरीद का काम 10 अप्रैल 2025 से शुरू होने जा रहा है। लेकिन उससे पहले, आपको अपनी फसल को बेचने के लिए रजिस्ट्रेशन करवाना होगा। इसके लिए पंजीयन की प्रक्रिया 1 अप्रैल 2025 से शुरू हो रही है। अगर आप चाहते हैं कि आपकी फसल को सरकार तय एमएसपी पर ख़रीदे , तो समय रहते पंजीयन करा लें।
कितने खरीद केंद्र बनाए गए हैं?
राजस्थान सरकार ने किसानों की सुविधा के लिए बड़े पैमाने पर तैयारियाँ की हैं। सहकारिता राज्य मंत्री गौतम कुमार दक ने बताया कि रबी सीजन 2025-26 के लिए सभी इंतजाम शुरू हो चुके हैं। चने की खरीद के लिए पूरे राज्य में 505 केंद्र बनाए गए हैं, वहीं सरसों के लिए 205 केंद्र तैयार किए गए हैं। हर जिले में इन केंद्रों की सूची भी जारी कर दी गई है, ताकि आपको अपने नजदीकी केंद्र तक पहुँचने में आसानी हो।
चना और सरसों का समर्थन मूल्य क्या है?
भारत सरकार ने फसल मार्केटिंग सीजन 2025-26 के लिए एमएसपी तय कर दी है। सरसों का न्यूनतम समर्थन मूल्य 5950 रुपये प्रति क्विंटल और चने का 5650 रुपये प्रति क्विंटल रखा गया है।
एमएसपी पर कितना चना और सरसों खरीदा जाएगा?
इस साल राजस्थान में सरसों का उत्पादन करीब 62 लाख मीट्रिक टन और चने का 23 लाख मीट्रिक टन होने का अनुमान है। लेकिन सरकार ने तय किया है कि इसमें से सरसों की 13.89 लाख मीट्रिक टन और चने की 6.30 लाख मीट्रिक टन ही एमएसपी पर खरीदी जाएगी। यह लक्ष्य भारत सरकार के दिशा-निर्देशों के आधार पर रखा गया है।
कौनसी एजेंसी करेगी खरीद ?
इस बार खरीद का काम दो बड़ी एजेंसियाँ संभाल रही हैं – नैफेड (NAFED) और एनसीसीएफ (NCCF)। ये दोनों राजफैड के जरिए राज्य में चना और सरसों की खरीद करेंगी। नैफेड को 288-288 केंद्र और एनसीसीएफ को 217-217 केंद्र सौंपे गए हैं। कुल मिलाकर 505-505 केंद्र पूरे राज्य में काम करेंगे। नैफेड जयपुर, उदयपुर, श्रीगंगानगर और भरतपुर के 21 जिलों में सक्रिय होगी, जबकि एनसीसीएफ अजमेर, जोधपुर, बीकानेर और कोटा के 19 जिलों में खरीद करेगी।
पंजीयन कहाँ और कैसे करवाएँ?
अब सवाल यह है कि पंजीयन कैसे होगा? इसके लिए आपको ज्यादा भागदौड़ करने की जरूरत नहीं है। 1 अप्रैल 2025 से आप अपने नजदीकी ई-मित्र केंद्र पर जाकर पंजीयन करवा सकते हैं। बस अपने साथ गिरदावरी और बैंक पासबुक की कॉपी ले जाना न भूलें। ये दस्तावेज ऑनलाइन फॉर्म के साथ अपलोड करने होंगे। खरीद बायोमीट्रिक सत्यापन के आधार पर होगी, तो सभी कागजात सही रखें। यह प्रक्रिया आसान और पारदर्शी बनाई गई है, ताकि हर किसान को फायदा मिल सके।
फसल की गुणवत्ता का रखें ध्यान
किसानों के लिए एक जरूरी सलाह – अपनी फसल को अच्छे से साफ करके और छानकर ही केंद्र पर लाएँ। सहकारिता मंत्री ने कहा कि खरीद एफएक्यू (FAQ) गुणवत्ता मानकों के आधार पर होगी। अगर आपकी फसल इन मानकों पर खरी उतरती है, तो आपको कोई दिक्कत नहीं होगी। साफ-सुथरी फसल न सिर्फ बेहतर दाम दिलाएगी, बल्कि खरीद प्रक्रिया को भी तेज करेगी।
किसानों की मदद के लिए कॉल सेंटर
यदि एमएसपी खरीद प्रक्रिया के दौरान आपको कोई परेशानी हो रही है? तो चिंता न करें! राजफैड ने किसानों की सहायता के लिए एक कॉल सेंटर शुरू किया है। जिसका नंबर है – 18001806001 यहाँ से आप एमएसपी पर फसल बेचने से जुड़ी हर समस्या का समाधान पा सकते हैं।